राजगढ़ (नवदुनिया प्रतिनिधि)। 40 फीसद से कम परीक्षा परिणाम देने वाले हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों के शिक्षकों के साथ-साथ कैचमेंट एरिया के माध्यमिक शालाओं के शिक्षकों की परीक्षा दिनांक 27 व 28 दिसंबर 2020 को ली जा रही है। जिसमें कई त्रुटियां हैं। जिन विषय शिक्षकों के अपने विषय में 70 से 90 फीसद तक परीक्षा परिणाम होने पर भी उनके नाम अन्य विषय में सम्मिलित किए गए हैं जो कि न्यायोचित नहीं है। उनके नाम हटाए जाएं। परीक्षा लेकर सीधे बर्खास्त करना उचित नहीं है। यह बात शिक्षकों ने ज्ञापन के माध्यम से कही। मध्यप्रदेश शासकीय अध्यापक संगठन जिला राजगढ़ द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया ।
साथ ही संगठन मांग करता है कि शिक्षकों का दक्षता उन्नायन शासन द्वारा निश्चित रूप से किया जाना चाहिए। जहां कहीं कमी हो उन्हें प्रशिक्षित किया जाए, परंतु परीक्षा लेकर सीधे बर्खास्त करना उचित नहीं है। यदि शिक्षक अपने विषय में अनुउत्तीर्ण होता है, तो पूर्ववर्ती सरकारों के नियम अनुसार वेतन वृद्धि आदि रोक कर दंडित किया जाता रहा है। यह की परीक्षा परिणाम कम आने के और भी कहीं कारण है जिसमें शिक्षकों को शैक्षणिक कार्य के अलावा अन्य कई प्रकार के कार्य उनसे करवाएं जाते हैं। जिसका परिणाम शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य न कराया जाए। साथ ही संगठन मांग करता है कि सीधे सेवा से बर्खास्त करने की नीति को निरस्त किया जाए। शिक्षकों द्वारा कोरोना काल में अध्यापन कराया गया है। इस दौरान हमारे कई साथियों का निधन भी हो चुका है ,उन्हें आज तक कोरोना योद्धा योजना में शामिल नहीं किया गया। उन्हें कोरोना योद्धा घोषित किया जाए। आज के इस इस माके पर जिला अध्यक्ष भगवान सिंह राणावत, पूर्व जिला अध्यक्ष मुकेश शर्मा, कमल सिंह चौहान, ओम पाटोदिया, अरुणा गुप्ता, मोनिका शर्मा, कृष्णा विजय, माधुरी लोहिया, नरेंद पिपलोटिया, मनोहर सिंह परमार, दलपत सिंह चौहान, शाहिद खान, कमलेश भिलाला, नरेंद्र सिंह परमार, दौलत वर्मा, भगवान रावत, रामकृष्ण वर्मा, मोहनलाल पिपलोटिया, देवसिंह गौड़, राजेंद्रसिंह खींची, ओमप्रकाश शर्मा आदि शामिल रहे।