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मप्र में अब ये कर्मचारी भी होंगे 62 साल में रिटायर, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने कहा है कि शासकीय व्यावसायिक, तकनीकी प्रशिक्षण केंद्रों व एनसीसी के इंस्ट्रक्टर भी मप्र शासकीय सेवक (अधिवार्षिकी-आयु) द्वितीय संशोधन १९९८ के प्रावधानों, विषयवस्तु, भाषा व तथ्यों की विशद व्याख्या आवश्यक है। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस वीके शुक्ला व जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की

भिंड ब्लॉक के संविदा शिक्षकों से मांगा रिकार्ड अटेर में बेधड़क कर रहे नौकरी, जांच नहीं

संविदा शाला शिक्षक भर्ती (वर्ष 2006, 2009 और 2011) में हुए फर्जीवाड़े के बाद भिंड जनपद के शिक्षकों से प्रशासन तो रिकार्ड मांग रहा है। लेकिन अटेर जनपद के शिक्षक बेधड़क नौकरी कर रहे हैं। जबकि अटेर की भर्ती से संबंधित रिकार्ड भी प्रशासन के पास नहीं है।

संविदा शिक्षकों के लिए आज की सबसे बड़ी खबर, नहीं होंगे एग्जाम!

भोपाल। संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 फिलहाल अटक गई है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड पूरी तैयारियां कर चुका है, लेकिन मप्र शिक्षा विभाग इस मामले में अब आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

संविदा शिक्षक भर्ती संशोधन का प्रस्ताव भेजा गया

भोपाल। MP SAMVIDA SHALA SHIKSHAK BHARTI 2018 में प्रदेश के बाहर के अभ्यर्थियों को रोकने के लिए बैरियर लगा रही है। अब इस चयन परीक्षा में बाहरी अभ्यर्थी 25 साल की उम्र तक ही शामिल हो सकेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने भर्ती नियमों में संशोधन का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इससे विधि और वित्त विभाग सहमत हो गए हैं। विभाग 31 हजार पदों पर संविदा शिक्षकों की भर्ती कर रहा है। यह परीक्षा जून तक संभावित है।

महिला अध्यापकों को संतान पालन अवकाश हेतु आदेश जारी | ADHYAPAK SAMACHAR

भोपाल। मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने 21 जनवरी 2018 के आदेश से महिला अध्यापकों को भी सन्तान पालन अवकाश की पात्रता प्रदान कर दी है। राज्य अध्यापक संघ मप्र जिला शाखा अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि अध्यापक सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2008 में अध्यापकों को शिक्षकों के समान समस्त प्रकार के अवकाश की पात्रता थी बावजूद इसके शासन ने 6 अगस्त 16 को आदेष जारी कर महिला अध्यापकों को सन्तान पालन अवकाष से वंचित कर दिया था। 

शिक्षक है या अजूबा,35 शिक्षकों की अकेले करता है ड्यूटी

टीकमगढ़. यदि आपसे कहा जाए कि, आप एक मॉडल स्कूल की कल्पना कीजिए तो, मन में विचार आए कि एक सर्वसुविधा युक्त भवन, बच्चों की संख्या के हिसाब से योग्य शिक्षक, सर्वसुविधा युक्त लैब, बच्चों के लिए बेहतर पेयजल व्यवस्था, खेल का हरभरा मैदान, सहित अन्य सुविधाएं।

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