मंडला। गली-मोहल्लों में चल रहे छोटे-बड़े प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों
से महंगी फीस वसूलकर ऊंची-ऊंची बिल्डिंग तो तान ली हैं, लेकिन उनमें पढ़ाने
के लिए शिक्षक मापदंडों के अनुरूप नहीं रखे। अधिकांश प्राइवेट (पहली से
आठवीं ) स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक अप्रशिक्षित हैं।
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यूनियन बजट 2016: रोजगार बिना कैसा शिक्षा सुधार!
नई दिल्ली | सीबीएसई की जिम्मेदारी कुछ कम करने की झलक भी बजट में दिखी। इसके साथ ही नेशनल एंट्रेंस टेस्ट जैसी नई संस्था बनाने, शिक्षा क्षेत्र में 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपए के आबंटन का प्रस्ताव है। 350 आॅनलाइन कोर्स के लिए ‘स्वयं’ नाम के आॅनलाइन प्लेटफॉर्म का प्रस्ताव है सामने आई।
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