जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आज उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा में 40-45 आयु सीमा के नाम पर बाहर कर दिए गए 9 उम्मीदवारों को परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए। बहस के दौरान शासन की ओर से अजीब सा तर्क दिया गया। कहा गया कि यदि हाईकोर्ट ने इन उम्मीदवारों को परीक्षा में शामिल होने की अंतरिम राहत दे दी तो हाईकोर्ट में याचिकाओं की बाढ़ आ जाएगी। इसलिए उम्मीदवारों को अंतरिम राहत ना दी जाए।
40-45 आयु सीमा विवाद में 9 उम्मीदवारों ने याचिका दाखिल की थी
उच्च
माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2023, 40 एवम 45 वर्ष से ऊपर के उम्मीदवारों
को, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 18/9/23, के अनुसार आयु सीमा में
छूट नही दिए जाने के परिणाम स्वरूप, उम्मीदवारों को चयन परीक्षा में फॉर्म
भरने से रोक दिया गया था या ऑनलाइन फार्म रिजेक्ट कर दिए गए थे। शासन के
इस कृत्य के विरुद्ध, 9, उम्मीदवारों शैलेश पटेल, नितिन पैट्रिक मंडला,
लोकेश शर्मा, रायसेन, नरेंद्र वैष्णव उज्जैन, पूनम आर्या जबलपुर, मुकेश
गर्ग सतना, कृष्ण गोपाल मिश्र सागर, अनीता सिंह, सीहोर, डालचंद यादव,
दमोह, द्वारा उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर कर, राहत की मांग की गई
थी।
अंतरिम
राहत के सवाल पर बहस के दौरान शासन की ओर से विरोध का पुराना आधार ही था
कि छूट का लाभ एक विज्ञापन में दिया जा चुका है। इसके आलावा, शासन ने पूर्व
की राहत को खारिज करने की प्रार्थना करते हुए कहा कि, कोर्ट की इस राहत
से, कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की बाढ़ आ जायेगी।
याचिकाकर्ताओं
की ओर से, उच्च न्यायालय जबलपुर के अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी की ओर से
कोर्ट के समक्ष दलील दी गई कि, शासन का पक्ष पूर्ण रूप से अव्यावहारिक है।
पीड़ित लोगो की कोर्ट में बाढ़ आ जायेगी, ऐसा कल्याणकारी राज्य के द्वारा
कहना उचित नही है।
अधिवक्ता
अमित चतुर्वेदी को सुनने के बाद, कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए, कहा की
परीक्षा का रिजल्ट, कोर्ट की अनुमति से खुलेगा। ऐसी परिस्थिति में याचिका
कर्ताओं को डेट निकलने के बाद, भी उच्च माध्यमिक चयन परीक्षा में बैठने की
परमीशन दी जावे।
उल्लखेनीय
है कि, कोर्ट से राहत प्राप्त उम्मीदवारों को कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा, 1
जून के बाद भी फॉर्म भरने का अवसर दिया जा रहा है।