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अध्यापकों को पढ़ाना चाह रही सरकार, डीईओ छोड़ते ही नहीं

जबलपुर। स्कूल शिक्षा विभाग अध्यापकों को कॉलेजों में पढ़ाना चाह रहा। लेकिन डीईओ अध्यापकों को छोड़ना ही नहीं चाहते। यही कारण है कि अध्यापकों को कॉलेजों में दाखिला दिलाकर स्नातक व स्नातकोत्तर कराने के लिए विभाग द्वारा पिछले साल शुरू की गई वन स्टेप योजना जिले में फेल हो गई।

धरना देने के लिए छुट्टियां लेकर गए शिक्षक

जबलपुर। अवकाश लेकर भोपाल में धरने में शामिल हुए दो शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया है। इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए हैं।

वेतन के इंतजार में अतिथि शिक्षक

नागदा | आदर्श गांव बड़ागांव के शासकीय स्कूलाें में कार्यरत अतिथि शिक्षकाें को वेतन का इंतजार है। शिक्षकों को फरवरी माह से अब तक वेतन नहीं मिला है। सेवाराम चौधरी ने बताया इस बार परीक्षा में 95 प्रतिशत रिजल्ट दिया है। बावजूद इसके अतिथि शिक्षकों को वेतन से वंचित रखा जा रहा है।

50%स्कूलों में अंग्रेजी, 25%में गणित के शिक्षक नहीं, जहां हैं वे दूसरे कामों में लगे

10 वीं कक्षा के परिणामों में मंदसौर जिले ने प्रदेश में 70 प्रतिशत के साथ पहला स्थान हासिल किया है। जबकि सागर 29 वें स्थान पर रहा। दोनों जिलों में शासन योजनाएं और व्यवस्थाएं समान होने के बाद भी इतने बड़े अंतर क्यों? इसके कारणों का पता लगाने के लिए जब हमने मंदसौर के डीईओ बीएस पटेल से बात की तो सामने आया कि उन्होंने जिले में योजनाओं की मॉनीटरिंग के अलावा पहले से ही टारगेट सेट कर प्राचार्यों और शिक्षकों पर विशेष नजर रखी।

मिडिल स्कूल में अब तीन शिक्षक जरूरी

स्कूल शिक्षा विभाग माध्यमिक शालाओं की व्यवस्था में सुधार को लेकर नई पहल करने जा रहा है। पहल का वास्ता शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) से है।  स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव द्वारा पदक्रम की उक्त संरचना जारी भी कर दी गई है। संरचना के तहत एक मिडिल स्कूल में कम से कम तीन शिक्षक होना जरूरी किया गया है। इस व्यवस्था से हर कक्षा के लिए एक शिक्षक की मौजूदगी सुनिश्चित होगी।

स्कूल चले के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले 5 शिक्षक निलंबित

स्कूल चलो अभियान सर्वे पूरा नहीं करने पर कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव ने 5 शिक्षकों को निलंबित कर दिया है और 68 कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।  स्कूल चलो अभियान के तहत जिले में 5 जनवरी से परिवारों का सर्वे किया जा रहा है। जिसमे गांव में 1 लाख 247 और शहर में 71 हजार घरों का सर्वे करना था।

अनुभवी शिक्षक मौजूद, फिर भी रिजल्ट 9 प्रतिशत

पांढुर्ना (छिंदवाड़ा). प्रदेश में आईएसओ दर्जा प्राप्त नगर पालिका परिषद पांढुर्ना द्वारा संचालित नगर पालिका हाई स्कूल के परिणाम काफी निराशाजनक आए हैं। कक्षा 10वीं में मात्रा नौ और 12वीं में आठ प्रतिशत विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हुए हैं। 12वीं में 117 में से 115 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, जिसमें प्रथम श्रेणी में एक भी विद्यार्थी नहीं आया। द्वितीय श्रेणी में दो और तृतीय श्रेणी में 7 विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हो सके। 89 अनुत्तीर्ण और 17 को पूरक आया है।

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