भीलवाड़ा। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल करते हुए भीलवाड़ा जिले के ईरास ग्राम में एक सेवानिवृत्त शिक्षक ने अपने घर की छत पर ऐसा अनोखा गार्डन तैयार किया है, जो अब लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। इस हरित पहल को देखने के लिए ग्रामीणों, छात्रों और शिक्षकों की लगातार भीड़ उमड़ रही है।
सेवानिवृत्त शिक्षक रमेशचंद्र आर्य ने सीमित स्थान का बेहतर उपयोग करते हुए छत को हरे-भरे बगीचे में बदल दिया। उनके इस प्रयास से यह साबित हो गया कि थोड़ी सी मेहनत और लगन से हर व्यक्ति पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी निभा सकता है।
फूलों और फलों की आकर्षक विविधता
छत पर बनाए गए इस गार्डन में गुलाब की 10 से अधिक किस्में, गुलदाउदी की कई प्रजातियां, रजनीगंधा, एंथोरियम, मधुमालती और अन्य सजावटी पौधे लगाए गए हैं। इसके साथ ही नींबू, पपीता, संतरा और अंगूर जैसे फलदार पौधे भी मौजूद हैं, जो इस गार्डन को और भी खास बनाते हैं।
छात्रों के लिए बना सीखने का केंद्र
इस अनोखे रूफटॉप गार्डन का भ्रमण करने के लिए आसपास के विद्यालयों के छात्र-छात्राएं भी पहुंच रहे हैं। यहां उन्हें पौधों की देखभाल, जैविक खेती और पर्यावरण संतुलन के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी मिल रही है। शिक्षक और शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं।
नि:शुल्क पौधा वितरण से बढ़ रही हरियाली
रमेशचंद्र आर्य अपने गार्डन से तैयार पौधों को विद्यालयों और सरकारी कार्यालयों में नि:शुल्क वितरित कर रहे हैं। इससे क्षेत्र में हरियाली बढ़ने के साथ-साथ लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है।
समाज के लिए प्रेरणा
सेवानिवृत्ति के बाद भी सक्रिय रहते हुए समाज सेवा का यह उदाहरण लोगों को प्रेरित कर रहा है। यह गार्डन इस बात का संदेश देता है कि उम्र या संसाधन कभी भी अच्छे कार्यों की राह में बाधा नहीं बनते।