ग्वालियर. मॉडल स्कूल में इनदिनों शैक्षिक हालात खराब हैं। स्कूल की स्थापना के बाद इसमें बच्चों को पढ़ाने के लिए न तो शिक्षक तैनात किए गए न ही सुविधाएं। आलम ये है कि स्कूल में नौवी से 12 तक की कक्षाएं तो लगती हैं मगर उन्हें पढ़ाने के लिए केवल एक ही शिक्षक है।
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सरकारी लाभ पाने के लिए सुहागन बनी विधवा, पढ़ें कैसा है शिक्षा विभाग का यह खेल
भोपाल. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हर स्कूल में शिक्षक पहुंचाने की व्यवस्था में निचले स्तर के अधिकारी रोड़े अटका रहे हैं। जिलों में काम करने वाले अधिकारी सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। अतिशेष शिक्षकों की सूची एक बार फिर विवादों में आ रही है।
शिकायत के बाद प्रभारी प्राचार्य को हटाया, नए को मिला प्रभार
सिवनी. विकासखण्ड घंसौर के शासकीय हायर सेकेण्ड्री स्कूल झिंझरई में अगस्त 2016 से अभी तक की गई अनेक शिकायतों के बाद शिक्षक को तत्काल प्राचार्य पद से हटाकर कलेक्टर गोपालचन्द्र डाड ने वर्तमान में स्कूल के नए प्राचार्य प्रेसेन दीक्षित को नियुक्त किया गया है।
वि.स. चुनाव से पहले 75 हजार अतिथि शिक्षकों को सरकार की बड़ी खुशखबरी
इस वर्ष शैक्षणिक सत्र शुरू हुए एक माह हो गया है, लेकिन शासकीय स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को रखने के लिए अभी कोई आदेश नहीं आए हैं। ऐसे में इस बार अतिथि शिक्षकों के बिना ही शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया, लेकिन कुछ स्कूलों में बगैर आदेश के ही अतिथि शिक्षक काम पर जाते हुए दिख रहे हैं।
पोर्टल में गड़बड़ी के कारण शिक्षक नहीं कर सके ऑनलाइन दावे-आपत्ति
भोपाल | स्कूल शिक्षा विभाग में गड़बड़ी का सिलसिला थम
नहीं रहा है। अतिशेष शिक्षकों की सूची में लगातार गड़बड़ी के बाद बुधवार
को पोर्टल पर पासवर्ड की गड़बड़ी रही। विभाग ने पोर्टल पर सोमवार देर रात
सूची अपलोड की। अतिशेष शिक्षकों से बुधवार तक ऑनलाइन दावे आपत्ति बुलाई गई
थी।
आॅनलाइन के कारण अटक गई अतिथि शिक्षकों की भर्ती
विवेक गुप्ता/भोपाल। लम्बे समय से अपने
नियुक्ति आदेश का इंतजार करने वाले मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए
एक बड़ी खुशखबरी है। कई दिनों से समाचार पत्रों के माध्यम से नेताओ की ओर से
बयानबाजी
NIC सेक्शन में गड़बड़ी फिर अटका अतिशेष , ये गड़बड़ी प्रमुख
पोर्टल नहीं हुआ अपडेट, शिक्षकों की
सेवापुस्तिका अनलॉक करना भूले
प्रदेश टुडे संवाददाता, जबलपुर राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र (एनआईसी)
भोपाल में गड़बड़ी आने के प्राथमिक स्कूल शिक्षकों की अतिशेष सूची एक बार फिर
अटक गई है। दो बार विवादों में उलझने के बाद शुरू की गई अतिशेष प्रक्रिया
में इस बार फिर भी संकुल प्राचार्यों की लापरवाही सामने आई है।
स्कूलों से 1851 शिक्षकों की छुट्टी, अब कौन पढ़ाएगा बच्चों को
अतिशेष शिक्षकों की नई सूची में भारी गड़बडि़यां हैं। माध्यमिक स्कूल चोरल में 167 बच्चों पर 5 शिक्षक पदस्थ हैं। उनमें से चार को अतिशेष की सूची में डाल दियाा।
सरकारी स्कूलों में युक्तियुक्तकरण से अतिशेष 20 हजार शिक्षकों की पद स्थापना हो सकेगी
राज्य शासन के लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूल शिक्षा विभाग में इस समय चल
रही युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को सही बताया है। और उन्होनें इस संबंध
में स्थिति भी स्पष्ट की है।
ट्यूशन पढ़ाने वाले छह शिक्षकों को कलेक्टर ने किया सस्पेंड
भास्कर,संवाददाता|शिवपुरी कलेक्टर शिवपुरी तरुण राठी ने उन 6 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से
निलंबित कर दिया है।ये शिक्षक डीपीसी के द्वारा ट्यूशन पढ़ाने वाले छापामार
दल की कार्रवाई में घर पर ट्यूशन पढ़ाते हुए मिले थे।
सिरोंजा स्कूल के हेडमास्टर सस्पेंड, 4 शिक्षक की रुकेंगी 2 वेतन वृद्धि
सिरोंजा प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर रामनाथ चढ़ार को सस्पेंड कर दिया गया
है। साथ ही इसी स्कूल के चार शिक्षकों को दो-दो वेतन वृद्धि राेकने के
नोटिस जारी किए गए हैं। दरअसल पिछले साल जनशिक्षक अरविंद सिंह ठाकुर द्वारा
यहां बार-बार किए गए निरीक्षण के बाद भी स्कूल कभी भी समय से खुला नहीं
मिला।
दो घंटे में छुट्टी तो कहीं एक महीने से याद करवा रहे विज्ञान के चमत्कार का निबंध
अभी तक अतिथि शिक्षकों काे रखने के लिए किसी तरह के कोई आदेश नहीं आए हैं।
हमें जानकारी मिली है कि जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू होने वाली है। लेकिन यह
ऑनलाइन होगी। सरकार के निर्देश होंगे तो ही पढ़ाई के लिए कोई वैकल्पिक
व्यवस्था करवा पाएंगे। जेके शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी धार
स्कूल शिक्षा विभाग ने माना 4 हजार से ज्यादा प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक ही नहीं
भोपाल | स्कूल शिक्षा विभाग ने माना है कि प्रदेश में वर्तमान में स्कूल
शिक्षा विभाग के 4224 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां कोई भी शिक्षक पदस्थ
नहीं हैं। इन शालाओं में 9 हजार 500 से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं। इसके
साथ ही 13 हजार 536 प्राइमरी स्कूलों में 17 हजार से अधिक शिक्षकों की
आवश्यकता है।
बुंदेलखंड के 668 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, 1595 स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे
बुंदेलखंड अंतर्गत सागर संभाग में 668 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें एक भी शिक्षक
नहीं है। इनमें 292 प्राइमरी तो 376 मिडिल स्कूल शामिल हैं। जबकि 1595
स्कूल एक शिक्षक के भरोसे हैं। इनमें 821 प्राइमरी तो 774 मिडिल स्कूल हैं।
जबकि प्राइमरी में कम से कम 2 और मिडिल में 3 शिक्षक होना ही चाहिए। यह
आंकड़े एजुकेशन पोर्टल पर ही उपलब्ध हैं।
तीन स्कूल मिले बंद, कहीं मिले शिक्षक नदारद
जनशिक्षा केंद्र बांसा तारखेड़ा का विभाग की टीम ने किया संयुक्त निरीक्षण
दमोह. जनशिक्षा केंद्र बांसा तारखेड़ा क्षेत्र अंतर्गत गुरुवार को दमोह विकासखंड के समस्त जनशिक्षक, बीएसी, बीआरसी व जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र दमोह ने संयुक्त भ्रमण किया।
दमोह. जनशिक्षा केंद्र बांसा तारखेड़ा क्षेत्र अंतर्गत गुरुवार को दमोह विकासखंड के समस्त जनशिक्षक, बीएसी, बीआरसी व जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र दमोह ने संयुक्त भ्रमण किया।
शिक्षकों की पद स्थापना नहीं और शुरु कर दिया स्कूल
जबेरा मॉडल स्कूल का मामला, तीमाही परीक्षा सिर पर नहीं हो पा रहा अध्यनन कार्य, बच्चे परेशान, डीईओ बोले: प्रतिनियुक्ति के लिए बुलाए है आवेदन जल्द हो पदस्थापना
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