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एमपी शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा में बड़ी गफलत, लाखों दावेदार रिजेक्ट

जबलपुर . जबलपुर जिले में सवा लाख से अधिक छात्र बीएड की डिग्री लेकर घूम रहे हैं। प्रदेश में ऐसे छात्रों की संख्या करीब 10 लाख है। वहीं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से पास ऐसे छात्रों की संख्या करीब 3 लाख है। यदि ये छात्र परीक्षा में शामिल होते हैं तो 17,000 पदों में से एक पद के पीछे 58 छात्रों द्वारा दावेदारी पेश की जाएगी, 57 दावेदार रिजेक्ट हो जाएंगे। इस प्रकार लाखों दावेदारों को रिेजेक्ट होना पड़ेगा।

एमपी शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा में बड़ी गफलत, लाखों दावेदार रिजेक्ट

शिक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा अनुबंध के आधर पर जिला शिक्षक नियंत्रक, ब्लॉक शिक्षक नियंत्रक, बेसिक ट्यूशन टीचर समेत कुल 13634 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार कार्यक्रम का आयोजन कई जाएगा. पात्र और योग्य उम्मीदवार इस नौकरी के लिए सितंबर अक्टूबर 2018 तक आवेदन कर सकते हैं.

अतिथि शिक्षकों की तनख्वाह पर हाईकोर्ट नाराज़, दिया राज्य सरकार को ये आदेश

मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों के अतिथि शिक्षकों को महज़ 100 रुपए प्रति दिन के हिसाब से तनख्वाह मिलती है. ये जानकर जबलपुर हाईकोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वो अतिथि शिक्षकों को कम से कम न्यूनतम वेतन या मज़दूरों से ज्यादा वेतन तो दे.

अतिथि शिक्षकों को मजदूरों से भी कम वेतन क्यों: हाईकोर्ट ने पूछा

सीधी। अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रविकांत गुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला ने इस बात पर हैरानी जताई है कि प्रदेश की सरकार अभी भी अतिथि शिक्षकों को मजदूरों से कम वेतनमान दे रही है।

हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार से पूछा कम क्यों है अतिथि शिक्षकों का वेतन?. क्या कदम उठा रही सरकार

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में अध्यापन कार्य कर रहे 80 हजार अतिथि शिक्षकों को कम वेतन दिए जाने पर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया।

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