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Jabalpur News : वेतन की बाट जोह रहे 3 हजार अध्यापक, अधिकारी बता रहे अपनी मजबूरी

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। Jabalpur News : स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड अधिकारियों को सख्त आदेश दिए थे कि अध्यापकों को माह की 5 तारीख को वेतन उपलब्ध करा दिया जाए, लेकिन जब से यह व्यवस्था शुरू की गई तब से अध्यापकों को आज तक माह की 5 तारीख को वेतन नहीं मिला है। मई माह का वेतन अब तक नहीं मिलने पर अध्यापकों में रोष है। जिले में करीब 4500 से अध्यापक हैं जिसमें सिर्फ 3 हजार अध्यापकों का वेतन आज तक नहीं मिला है।

कॉलेज चलो अभियान सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों के लिए मुसीबत

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल चलो अभियान की तर्ज पर शुरू किया गया कॉलेज चलो अभियान सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों के लिए मुसीबत बन गया है। उन्हें कॉलेजों में दाखिले के लिए अभिभावकों और छात्रों से संपर्क करना है। इस दौरान छात्रों को किस सब्जेक्ट में एडमिशन लेना चाहिए।

ADHYAPAK SAMACHAR : तीन सैकड़ा अध्यापकों को अब तक नहीं मिला वेतन, उधार लेकर भर रहे हैं फीस और लोन

इंदौर। महीने के 17 दिन बीतने के बाद भी जिले के आधे से ज्यादा शिक्षा संकुलों के करीब 300 अध्यापकों का अब तक वेतन जारी नहीं हुआ। वे रोजाना अफसरों के चक्कर काट रहे हैं और अफसर शिक्षा विभाग (Education Department) के खाते में पैसा खत्म होने का तर्क देकर लौटा रहे हैं। हालात ये हैं कि कोई बच्चों की स्कूल की फीस नहीं भर पा रहा है तो कोई लोन की किस्त(Installment of loan)। 

एमपी में अगले हफ्ते होंगे थोकबंद तबादले, इन विभागों की लिस्ट हो रही तैयार

भोपाल। मध्य प्रदेश में तबादलों पर लगी रोक पांच जून को हट चुकी है। इसके साथ ही सरकार 5 जुलाई तक तबादले कर सकती है। रोक हटे हुए दस दिन हो चुके हैं लेकिन किसी भी विभाग ने अब तक तबादलों की लिस्ट नहीं सौंपी है। जिसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि विभाग लिस्ट तैयार करने में व्यस्त हैं। जिससे ऐसा माना जा रहा है कि अगले हफ्ते तक बड़े पैमाने पर तबादले हो सकते हैं। 

मप्र में हर योजना के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर है, परंतु कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए कोई योजना नहीं

 शासन की सभी महत्वांकांक्षी हितग्राही मूलक योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बरकार रखने में कम्प्यूटर आपरेटर की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज ऐसी कोई योजना, अभियान, विभाग, कार्यालय यहां तक की निरीक्षण से लेकर परीक्षण तक के सभी कार्य बिना कम्प्यूटर आपरेटर के संभव नही है लेकिन आउटसोर्स ऐजन्सी एवं अधिकारियों की मिली भगत से आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटरों को हटाने का फरमान जारी किया जा रहा है और जलील करके नौकरी से बेदखल किया जा रहा है।

SARKARI NAUKRI: 1.38 लाख शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू

पटना। बिहार राज्य के प्राथमिक से लेकर उच्च व उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में 1.38 लाख शिक्षकों की भर्ती हेतु प्रक्रिया शुरू हो गई है। बिहार सरकार प्रारंभिक स्कूलों में एक लाख और उच्च व उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में 38 हजार शिक्षकों को नौकरी देगी। 

उत्तराखंड: माध्यमिक और इंटर कॉलेजों में शिक्षकों के ‘4000 रिक्त पद’ इंटरव्यू से भरे जाएंगे

अतिथि शिक्षकों की भर्ती के कानूनी लड़ाई में फंसने के बाद अब सरकार माध्यमिक और इंटर कॉलेजों में शिक्षकों के चार हजार रिक्त पद वॉक इन इंटरव्यू के जरिए भरने जा रही है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने जून के अंत तक इसकी प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।

पीएचडी अथवा नेट में सफल उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर , छह माह में भरना होंगे 5 लाख से ज्यादा रिक्त पद

च्च शिक्षण संस्थानों में नौकरी का सपना देख रहे पीएचडी अथवा नेट में सफल उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश की सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों को रिक्त पद जल्द भरने का फरमान जारी किया है। उसने यह कदम उच्च शिक्षा का स्तर बेहतर करने के लिए उठाया है। सभी संस्थानों को छह माह के भीतर यह प्रक्रिया पूरी करना होगी।

SHIKSHAK BHARTI : नए फार्मूले से हजारों शिक्षकों की भर्तीयां हो सकती है निरस्त

भोपाल। देश सरकार के उम्र के नए फार्मूले से 41 हजार शिक्षकों की भर्ती निरस्त हो सकती है। इस परीक्षा में प्रथम दो चरण में 30 हजार 800 पदों के लिए 7.20 लाख आवेदक परीक्षा दे चुके हैं। अब प्रदेश में सामान्य वर्ग की आयु सीमा 40 वर्ष से घटाकर 35 वर्ष, ओबीसी की 43 से घटाकर 40 और एससी एवं एसटी की 45 वर्ष से घटाकर 40 वर्ष कर दी गई है।

अतिथि शिक्षकों की भर्ती ट्रायवल विभाग खुद करे: TWTA की मांग

भोपाल। मध्यप्रदेश के अधिकांश स्कूलों में विशेषकर ट्रायवल विभाग के स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। जिनकी पूर्ति अतिथि शिक्षक व्यवस्था द्वारा प्रतिवर्ष की जाती है। विगत वर्ष ऑनलाइन प्रक्रिया के चलते 2-3 महीने विलंब से अतिथि शिक्षकों की भर्ती हो पाई। ऑनलाइन अतिथि शिक्षक नहीं मिलने पर प्राचार्यों को बिना निर्देश के ऑफलाइन अतिथि शिक्षक रखने पड़े। जिससे भर्ती में और विलंब हुआ। 

राज्य सरकार बस्तर व सरगुजा संभागों के आदिवासी इलाकों में करीब ढाई हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्त करेगी

भास्कर संवाददाता| अंबिकापुर  राज्य सरकार बस्तर व सरगुजा संभागों के आदिवासी इलाकों में करीब ढाई हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्त करेगी। इसका फैसला पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था। सरकार इसकी भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करेगी।

शासन की ओर से अभी तक अतिथि शिक्षकों को लेकर कोई निर्णय नहीं

इंदौर | 24 जून से सरकारी स्कूल शुरू होना हैं। इसके बावजूद शासन की ओर से अभी तक अतिथि शिक्षकों को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। वहीं, 15 जून तक अतिथि शिक्षकों का वेरिफिकेशन होना था, लेकिन प्रदेश के कई स्थानों पर शिक्षकों का वेरिफिकेशन बंद कर दिया है। ऐसे में अतिथि शिक्षक परेशान हो रहे हैं। उनका कहना है वेरिफिकेशन नहीं होने से वे स्कूलों में पढ़ाने के लिए पात्र नहीं हो पाएंगे।

एमपीपीएससी छोड़कर सभी विभागों में आवेदकों की अधिकतम आयु 32 साल

इंदौर/ग्वालियर अब सरकार के नए निर्णय के अनुसार एमपीपीएससी छोड़कर सभी विभागों में आवेदकों की अधिकतम आयु 32 साल कर दी है। इसमें आरक्षित वर्ग को पांच साल की छूट रखी है। ऐसे में उच्चतर माध्यमिक, माध्यमिक शिक्षक परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवार परेशानी में पड़ गए हैं।

1 जुलाई से पहले की जाए अतिथि शिक्षकों की भर्ती, पिछले साल विलंब से हुई थी भर्ती

मंडला। जिले के अधिकांश स्कूलों में विशेषकर ट्रायवल विभाग के स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं जिनकी पूर्ति अतिथि शिक्षक व्यवस्था द्वारा प्रतिवर्ष की जाती है। पिछले वर्ष ऑनलाइन प्रक्रिया के चलते 2-3 महीने विलंब से अतिथि शिक्षकों की भर्ती हो पाई।

Sarkari Naukri Results 18 जून, 2019 Live Updates:देश में सरकारी नौकरियां हैं बेशुमार, लगातार करते रहें अपडेट

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Sarkari Naukri Results 18 जून, 2019 Live Updates: मोदी सरकार के दूसरी बार सत्‍ता ग्रहण के बाद सरकारी नौकरियों की बहार आने वाली है। देश में कई राज्‍यों में चुनाव होने वाले हैं। वहां भी जल्‍द ही भारी संख्‍या में नियुक्तियां होंगी।

मोदी सरकार के सामने क्या हैं चुनौतियां

पिछले कार्यकाल में मोदी सरकार ने कई क़नूनों को अध्यादेश के रास्ते लागू किए थे, मसलन तीन तलाक़ क़ानून, उच्च शिक्षण संस्थाओं में शिक्षक भर्ती, आधार क़ानून आदि.
इन अध्यादेशों की जगह अब विधिवत क़ानून बनाने के लिए संसद में बिल पेश किए जाएंगे. इसलिए मोदी सरकार के सामने चुनौतियां भी हैं.

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