च्च शिक्षण संस्थानों में नौकरी का सपना देख रहे पीएचडी अथवा नेट में सफल
उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने
देश की सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों को रिक्त पद जल्द भरने का फरमान जारी
किया है। उसने यह कदम उच्च शिक्षा का स्तर बेहतर करने के लिए उठाया है। सभी
संस्थानों को छह माह के भीतर यह प्रक्रिया पूरी करना होगी।
फरमान - 20 जून के पहले देना होगी रिक्त पदों की जानकारी
Â6 माह में रिक्त पद नहीं भरे तो संस्था के खिलाफ होगी कार्रवाई
Âयूजीसी द्वारा अनुदान देने पर लगाई जा सकती है रोक
डीबी स्टार
यूजीसी ने शिक्षा का स्तर सुधारने के संबंध में नई पहल की है। इसके तहत रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में देश के सभी विश्वविद्यालयों और डीम्ड विश्वविद्यालयों के प्रमुखों को पत्र लिखा गया है। इसके मुताबिक शिक्षण संस्थानों में खाली पदों की पहचान से लेकर उम्मीदवारों के चयन तक का शेड्यूल मुहैया कराया गया है। संस्थानों को छह माह की समय सीमा में ये पद भरने होंगे। आयोग के निर्देशों की अवहेलना करने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। Àशेष पेज 2 पर
सांकेतिक चित्र
5 लाख से ज्यादा पद खाली
देश के अधिकांश विश्वविद्यालयों, डीम्ड यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में शैक्षणिक स्टाफ की कमी है। पर्याप्त स्टाफ न होने से वहां की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। एक अध्ययन के अनुसार देश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कम से कम पांच लाख पद खाली हैं। अगर 48 केंद्रीय विश्वविद्यालयों की बात करें तो वहां लगभग 5,000 पद खाली हैं। यूजीसी देश भर के 900 विश्वविद्यालयों और 40,000 से अधिक कॉलेजों की मानीटरिंग करता है।
छह माह में भरना होंगे रिक्त पद
 उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षा के घटते स्तर का प्रमुख कारण पर्याप्त टीचिंग स्टॉफ न होना है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने और फैकल्टी की कमी दूर करने के प्रति यूजीसी गंभीर है। इसलिए हमने देश के सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर 6 माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। प्रो. रजनीश जैन, सचिव, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
फरमान - 20 जून के पहले देना होगी रिक्त पदों की जानकारी
Â6 माह में रिक्त पद नहीं भरे तो संस्था के खिलाफ होगी कार्रवाई
Âयूजीसी द्वारा अनुदान देने पर लगाई जा सकती है रोक
डीबी स्टार
यूजीसी ने शिक्षा का स्तर सुधारने के संबंध में नई पहल की है। इसके तहत रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में देश के सभी विश्वविद्यालयों और डीम्ड विश्वविद्यालयों के प्रमुखों को पत्र लिखा गया है। इसके मुताबिक शिक्षण संस्थानों में खाली पदों की पहचान से लेकर उम्मीदवारों के चयन तक का शेड्यूल मुहैया कराया गया है। संस्थानों को छह माह की समय सीमा में ये पद भरने होंगे। आयोग के निर्देशों की अवहेलना करने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। Àशेष पेज 2 पर
सांकेतिक चित्र
5 लाख से ज्यादा पद खाली
देश के अधिकांश विश्वविद्यालयों, डीम्ड यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में शैक्षणिक स्टाफ की कमी है। पर्याप्त स्टाफ न होने से वहां की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। एक अध्ययन के अनुसार देश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कम से कम पांच लाख पद खाली हैं। अगर 48 केंद्रीय विश्वविद्यालयों की बात करें तो वहां लगभग 5,000 पद खाली हैं। यूजीसी देश भर के 900 विश्वविद्यालयों और 40,000 से अधिक कॉलेजों की मानीटरिंग करता है।
छह माह में भरना होंगे रिक्त पद
 उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षा के घटते स्तर का प्रमुख कारण पर्याप्त टीचिंग स्टॉफ न होना है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने और फैकल्टी की कमी दूर करने के प्रति यूजीसी गंभीर है। इसलिए हमने देश के सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर 6 माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। प्रो. रजनीश जैन, सचिव, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग