जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। Jabalpur News : स्कूल
शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड अधिकारियों को सख्त आदेश
दिए थे कि अध्यापकों को माह की 5 तारीख को वेतन उपलब्ध करा दिया जाए, लेकिन
जब से यह व्यवस्था शुरू की गई तब से अध्यापकों को आज तक माह की 5 तारीख को
वेतन नहीं मिला है। मई माह का वेतन अब तक नहीं मिलने पर अध्यापकों में रोष
है। जिले में करीब 4500 से अध्यापक हैं जिसमें सिर्फ 3 हजार अध्यापकों का
वेतन आज तक नहीं मिला है।
जिला शिक्षा विभाग का कहना है कि विभाग ने आवंटन ही उपलब्ध नहीं कराया है तो कहां से अध्यापकों को वेतन दिया जाए। जितना आवंटन दिया गया था उस हिसाब से अध्यापकों को वेतन दिया गया है। मालूम हो कि विभागीय अधिकारियों का तर्क था कि अध्यापक वेतन के लिए ज्ञापन और विरोध प्रदर्शन करते हैं इसलिए अध्यापकों के एकाउण्ट में 5 तारीख को वेतन डाल दिया जाए।
शहपुरा-कुंडम के कुछ संकुलों में हुआ वेतन
अध्यापकों की वेतन व्यवस्था बनाने में विभाग किस तरह से फेल हुआ है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहपुरा-कुंडम, पाटन-मझौली के कुछ संकुलों में अध्यापकों का वेतन कर दिया गया है। अध्यापकों का कहना है कि संकुल-बीईओ और डीईओ स्तर के अधिकारियों की वजह से अध्यापकों को वेतन समय पर नहीं मिल पा रहा है। किसी-किसी माह बिल जनरेट नहीं होते तो कभी-कभी संकुल प्राचार्य वेतन व्यवस्था को बिगाड़ देते हैं।
अधिकारियों की जिम्मेदारी
आजाद अध्यापक संघ के रत्नेश मिश्रा, अध्यापक संघ के मुकेश सिंह का आरोप है कि वेतन व्यवस्था बिगड़ने का एक मात्र कारण जिले के संकुल प्राचार्य-बीईओ और डीईओ। समय पर इनके द्वारा जानकारी मुख्यालय नहीं पहुंचाई जाती है। आवंटन की समस्या इस माह की इससे पहले के महीनों में बेवजह ही वेतन लेट हुआ है।
अध्यापकों का वेतन लेट होने का कारण विभाग से आवंटन प्राप्त नहीं होना है इसके लिए मुख्यालय पत्र लिखा गया है। -सुनील कुमार नेमा, जिला शिक्षा अधिकारी
जिला शिक्षा विभाग का कहना है कि विभाग ने आवंटन ही उपलब्ध नहीं कराया है तो कहां से अध्यापकों को वेतन दिया जाए। जितना आवंटन दिया गया था उस हिसाब से अध्यापकों को वेतन दिया गया है। मालूम हो कि विभागीय अधिकारियों का तर्क था कि अध्यापक वेतन के लिए ज्ञापन और विरोध प्रदर्शन करते हैं इसलिए अध्यापकों के एकाउण्ट में 5 तारीख को वेतन डाल दिया जाए।
अध्यापकों की वेतन व्यवस्था बनाने में विभाग किस तरह से फेल हुआ है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहपुरा-कुंडम, पाटन-मझौली के कुछ संकुलों में अध्यापकों का वेतन कर दिया गया है। अध्यापकों का कहना है कि संकुल-बीईओ और डीईओ स्तर के अधिकारियों की वजह से अध्यापकों को वेतन समय पर नहीं मिल पा रहा है। किसी-किसी माह बिल जनरेट नहीं होते तो कभी-कभी संकुल प्राचार्य वेतन व्यवस्था को बिगाड़ देते हैं।
आजाद अध्यापक संघ के रत्नेश मिश्रा, अध्यापक संघ के मुकेश सिंह का आरोप है कि वेतन व्यवस्था बिगड़ने का एक मात्र कारण जिले के संकुल प्राचार्य-बीईओ और डीईओ। समय पर इनके द्वारा जानकारी मुख्यालय नहीं पहुंचाई जाती है। आवंटन की समस्या इस माह की इससे पहले के महीनों में बेवजह ही वेतन लेट हुआ है।