1 मई से 16 जून तक का शिक्षकों का अवकाश निरस्त कर दिया है। इस संबंध में
डीईओ ने भी सभी संकुल प्राचार्य को आदेश जारी कर दिए हैं। शिक्षक इस अवधि
में सिर्फ स्कूल में रहेगा। उसे कई काम करने होंगे। अनुपस्थित की स्थिति
में सीधे कार्रवाई की जाएगी।
जिले में 2500 स्कूलों के करीब 10 हजार से ज्यादा शिक्षकों को स्कूल जाना होगा। गर्मी में बच्चे स्कूल नहीं आएंगे। सिर्फ शिक्षक को ड्यूटी देना है। उन्हें यह देखना होगा कि कोई शाला त्यागी, अप्रवेशी बच्चा तो नहीं है। उसका स्कूल में प्रवेश कराने की योजना बनानी होगी। शिक्षकों को नि:शुल्क शिक्षा अधिनियम के तहत भी नोडल अधिकारी बनाया गया है। इससे उन्हें इस अवधि में बेहतर कार्य करना होगा। डेढ़ माह की छुट्टी निरस्त होने के एवज में शिक्षकों को एच्छिक अवकाश दिया जाएगा। लेकिन अब तक यह तय नहीं हुआ है कि यह कितने दिन का होगा।
शहर से 300 शिक्षक जाएंगे गांव : युक्तियुक्त करण के कारण शहर में वर्षों से जमे शिक्षक भी प्रभावित हो रहे हैं। जिले में ऐसे 300 से ज्यादा शिक्षक हैं, जो अतिशेष हो जाएंगे। इन शिक्षकों की सूची भी शिक्षा विभाग ने सार्वजनिक कर दी है। इसके लिए आपत्ति भी मांगी गई हैं। संकुल प्राचार्य के यहां अपनी आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है।
शिक्षा विभाग ने अतिशेष शिक्षकों की सूची चस्पा कर दी है।
उर्दू शिक्षकों को लेकर विचित्र स्थिति
जिले में पदस्थ उर्दू शिक्षकों को भी ऐसी शाला में भेजा जा रहा है। जहां इस विषय के छात्र-छात्रा ही नहीं है। इस कारण इन शिक्षकों में नाराजगी है। डीईओ एसके श्रीवास्तव का कहना है कि उर्दू शिक्षकों के संबंध में शासन से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है। इसके बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।
जिले में 2500 स्कूलों के करीब 10 हजार से ज्यादा शिक्षकों को स्कूल जाना होगा। गर्मी में बच्चे स्कूल नहीं आएंगे। सिर्फ शिक्षक को ड्यूटी देना है। उन्हें यह देखना होगा कि कोई शाला त्यागी, अप्रवेशी बच्चा तो नहीं है। उसका स्कूल में प्रवेश कराने की योजना बनानी होगी। शिक्षकों को नि:शुल्क शिक्षा अधिनियम के तहत भी नोडल अधिकारी बनाया गया है। इससे उन्हें इस अवधि में बेहतर कार्य करना होगा। डेढ़ माह की छुट्टी निरस्त होने के एवज में शिक्षकों को एच्छिक अवकाश दिया जाएगा। लेकिन अब तक यह तय नहीं हुआ है कि यह कितने दिन का होगा।
शहर से 300 शिक्षक जाएंगे गांव : युक्तियुक्त करण के कारण शहर में वर्षों से जमे शिक्षक भी प्रभावित हो रहे हैं। जिले में ऐसे 300 से ज्यादा शिक्षक हैं, जो अतिशेष हो जाएंगे। इन शिक्षकों की सूची भी शिक्षा विभाग ने सार्वजनिक कर दी है। इसके लिए आपत्ति भी मांगी गई हैं। संकुल प्राचार्य के यहां अपनी आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है।
शिक्षा विभाग ने अतिशेष शिक्षकों की सूची चस्पा कर दी है।
उर्दू शिक्षकों को लेकर विचित्र स्थिति
जिले में पदस्थ उर्दू शिक्षकों को भी ऐसी शाला में भेजा जा रहा है। जहां इस विषय के छात्र-छात्रा ही नहीं है। इस कारण इन शिक्षकों में नाराजगी है। डीईओ एसके श्रीवास्तव का कहना है कि उर्दू शिक्षकों के संबंध में शासन से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है। इसके बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।