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अध्यापकों का संविलियन: मप्र शासन का अपडेटेड प्रेस रिलीज


भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अध्यापकों के अलग-अलग संवर्गों का शिक्षा विभाग में संविलियन होगा। अब सिर्फ एक संवर्ग शिक्षक संवर्ग होगा। अध्यापक संवर्ग सहित संविलियित सभी संवर्गों को, शिक्षकों को जो सुविधाएँ मिलती हैं, वह मिलेंगी।

शिक्षा विभाग में संविलियन की घोषणा से अध्यापकों में हर्ष

शिक्षा विभाग में संविलियन की घोषणा से अध्यापकों में हर्ष
गैरतगंज। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मप्र के अध्यापक संवर्ग के अध्यापकों को शिक्षा विभाग में संविलियन की घोषणा किए जाने से अध्यापकों में हर्ष है।

अध्यापकों का फिर बढ़ेगा 32 सौ से आठ हजार रुपए वेतन

मनोज तिवारी, भोपाल। अध्यापक आंदोलन से आजिज आ चुके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोलारस और मुंगावली विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले उनकी शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग भी पूरी कर दी। अध्यापक पहले दिन से ये मांग कर रहे थे। इससे उन्हें सातवां वेतनमान मिलने का रास्ता साफ हो गया है। यानी वेतन में फिर 32 सौ से आठ हजार रुपए की वृद्धि होगी। वहीं अन्य लाभ भी मिलेंगे। इससे सरकारी खजाने पर करीब 450 करोड़ रुपए भार पड़ेगा।

महिला शिक्षकों के सिर मुंडाने के बाद जगे शिवराज, शिक्षकों की मांग पूरी करने की घोषणा

भोपाल
महिला शिक्षकों के द्वारा अपने बाल मुंडवा लेने के बाद जगे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में लंबे समय से कार्यरत अस्थायी अध्यापकों की अहम मांग को पूरा करने की घोषणा की है। सीएम ने रविवार को अस्थायी अध्यापकों के अलग-अलग संवर्गों की शिक्षा विभाग में विलय करने की घोषणा की। इस फैसले से प्रदेश के 2 लाख 84 हजार शिक्षकों को फायदा होगा।

शिक्षक-शिक्षिका कर रहे थे ऐसा काम, जानकर आप रह जाएंगे हैरान......

विदिशा. जिले के सिरोंज ब्लाक के एक शासकीय प्रायमरी स्कूल में पदस्थ शिक्षक और शिक्षिका का आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुआ है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद एसडीएम के निर्देश पर बीआरसी ने फिलहाल दोनों को उस स्कूल से हटाकर दो अलग अलग स्कूलों में पदस्थ कर दिया है। पत्रिका के पास यह वीडियो है।

संविलियन पर बोले शिक्षक, 'सीएम तो घोषणाएं करते ही रहते हैं, हम ऐसे नहीं मानेंगे

टीकमगढ़। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जहां रविवार को अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन करने का ऐलान किया। वहीं अब अध्यापक संवर्ग आदेश की मांग करने लगे। अध्यापकों का कहना है कि हमे आदेश चाहिए, तभी हम इस घोषणा का स्वागत करेंगे। ऐसी घोषणा तो सीएम करते ही रहते हैं।

बड़ी खबर: पौने 3 लाख अध्यापकों का बढ़ा कद, जानिये किसे होगा कितने का फायदा

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई अध्यापकों और मुख्यमंत्री की बातचीत के बाद सीएम ने अध्यापकों के संविलियन की घोषणा रविवार को कर दी। इसके साथ ही अब प्रदेश में सिर्फ एक शिक्षा विभाग होगा और सभी शिक्षक कहलाएंगे। यानि इसके चलते अब पंचायत एवं नगरीय निकायों से जुड़े पौने 3 लाख स्कूली अध्यापक अब स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन हो जाएंगे।

सिंधिया बोले CM की घोषणा पर संशय, पालन होगा या नहीं

रासं, भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यापक संवर्ग खत्म कर उसे शिक्षा विभाग में संविलियन करने की घोषणा से अध्यापकों में हर्ष है। सूत्रों के अनुसार महिला शिक्षकों के मुंडन की घटना ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बेहद विचलित कर दिया था।

शिक्षकों में अफेयर: वीडियो हुआ वायरल तो अलग-अलग स्कूल में भेजे गए, गांववालों ने किया बवाल

स्कूलों से कई ऐसी खबरें आतीं हैं जो चौंकाती हैं। मामला तब और गंभीर हो जाता है जब स्कूल में ही प्रेमालाप करने की शिकायतें सामने आती है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के विदिशा से। जहां सिरोंज ब्लॉक के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक-शिक्षिका आपत्तिजनक हालत में मिले।

रात में फोन पर मां को दी संविलियन की खुशखबरी और सुबह हो गई मौत

जबलपुर: संविलियन मंजूरी की मांग को लेकर भोपाल गए शिक्षा कर्मी शिक्षक की आज सुबह लौटते वक्त मदनमहल स्टेशन के प्लेटफार्म-2 में उतरते समय टेÑन से कटकर मौत हो गई। साथी शिक्षक की मौत से खुशी का माहौल मातम में बदल गया। साथी शिक्षकों ने बताया कि सरकार की संविलियन मंजूरी की घोषणा के बाद सब बहुत खुश थे। मृतक देवेंद्र ने कल देर शाम फोन पर मां को बताया था कि सरकार ने हमारी मांग मान ली है।

कांग्रेस सरकार ने शिक्षकों को कर्मी बनाकर रख दिया था: राजौरिया

शिक्षकों के हित में मुख्यमंत्री का ऐतिहासिक फैसला स्वागत योग्य
प्रदेश टुडे संवाददाता, सागर
भारतीय जनता पार्टी के संभागीय मीडिया प्रभारी प्रदीप राजौरिया प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि 2003 के पूर्व मध्यप्रदेश में रही कांग्रेस की भ्रष्ट दिग्विजय सिंह की सरकार ने शिक्षकों को शिक्षाकर्मी बनाकर उनका आर्थिक व सामाजिक रूप से शोषण कर मनमाने तरीके से कार्य कराया और शिक्षकों का पुरातन समय से चले आ रहे सम्मान को धूमिल किया।  

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