सीईओ ने डीईओ-डीपीसी से कहा पूरे समय स्कूल में रहें शिक्षक, ऐसी व्यवस्था करो
प्रदेश टुडे संवाददाता, जबलपुर जिला पंचायत सीईओ हर्षिका सिंह सरकारी स्कूल में पदस्थ शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर सख्त हो गई हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि मास्साब पूरे समय स्कूल में रहें, इसकी व्यवस्था की जाए।
सीईओ के अचानक स्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर किए गए निर्णय को लेकर अनेक बातें हो रहीं हैं। कहा जा रहा है कि जिला पंचायत सदस्यों सहित ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहीं लगातार शिकायत को देखकर सीईओ को यह कदम उठाना पड़ा है। दूसरी ओर डीईओ सतीश अग्रवाल ने शिक्षक, अध्यापकों के इस रवैये पर रोक लगा दी है। डीईओ ने साफ कर दिया है कि शिक्षक, अध्यापक मुख्यालय या अन्य पर्सनल कार्यों से स्कूलों से गायब न रहें इसकी जवाबदारी जहां संकुल प्राचार्यों पर सौंप दी है, वहीं आदेश का पालन न करने पर संबंधित शिक्षक, अध्यापकों के साथ संकुल प्राचार्यों पर भी कार्रवाई करने कहा गया है।
प्राचार्यों को दी हिदायत
डीईओ अग्रवाल ने संकुल प्राचार्यों को आदेश जारी कर कहा है कि स्कूल के समय पर कोई भी शिक्षक, अध्यापक बिना परमिशन के स्कूलों से अनुपस्थित न रहे। अक्सर सरकारी काम या अन्य कार्यों से शिक्षक, अध्यापक स्कूल से चले जाते हैं जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है कोई भी शिक्षक, अध्यापक स्कूल समय पर बिना परमिशन के जिला मुख्यालय या अन्य दफ्तरों में जाए ये सुनिश्चित करे। डीईओ के इस कदम के बाद संकुल प्राचार्यों में हड़कंप मच गया। डीईओ के दिशा निर्देश की जानकारी प्राचार्यों ने शिक्षकों तक पहुंचा दी। निर्देश का पालन नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की बात कही गई।
जिपं सदस्यों ने किया था विरोध
25 नवंबर 2016 को जिला पंचायत में सामान्य सभा की बैठक में सभी जिला पंचायत सदस्यों ने एक सुर में कहा ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में शिक्षक , अध्यापक सरकारी काम या अन्य कार्यों का हवाला देकर स्कूल से चले जाते हैं जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती सदस्यों के विरोध के बाद बैठक में इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया था।
प्रदेश टुडे संवाददाता, जबलपुर जिला पंचायत सीईओ हर्षिका सिंह सरकारी स्कूल में पदस्थ शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर सख्त हो गई हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि मास्साब पूरे समय स्कूल में रहें, इसकी व्यवस्था की जाए।
सीईओ के अचानक स्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर किए गए निर्णय को लेकर अनेक बातें हो रहीं हैं। कहा जा रहा है कि जिला पंचायत सदस्यों सहित ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहीं लगातार शिकायत को देखकर सीईओ को यह कदम उठाना पड़ा है। दूसरी ओर डीईओ सतीश अग्रवाल ने शिक्षक, अध्यापकों के इस रवैये पर रोक लगा दी है। डीईओ ने साफ कर दिया है कि शिक्षक, अध्यापक मुख्यालय या अन्य पर्सनल कार्यों से स्कूलों से गायब न रहें इसकी जवाबदारी जहां संकुल प्राचार्यों पर सौंप दी है, वहीं आदेश का पालन न करने पर संबंधित शिक्षक, अध्यापकों के साथ संकुल प्राचार्यों पर भी कार्रवाई करने कहा गया है।
प्राचार्यों को दी हिदायत
डीईओ अग्रवाल ने संकुल प्राचार्यों को आदेश जारी कर कहा है कि स्कूल के समय पर कोई भी शिक्षक, अध्यापक बिना परमिशन के स्कूलों से अनुपस्थित न रहे। अक्सर सरकारी काम या अन्य कार्यों से शिक्षक, अध्यापक स्कूल से चले जाते हैं जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है कोई भी शिक्षक, अध्यापक स्कूल समय पर बिना परमिशन के जिला मुख्यालय या अन्य दफ्तरों में जाए ये सुनिश्चित करे। डीईओ के इस कदम के बाद संकुल प्राचार्यों में हड़कंप मच गया। डीईओ के दिशा निर्देश की जानकारी प्राचार्यों ने शिक्षकों तक पहुंचा दी। निर्देश का पालन नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की बात कही गई।
जिपं सदस्यों ने किया था विरोध
25 नवंबर 2016 को जिला पंचायत में सामान्य सभा की बैठक में सभी जिला पंचायत सदस्यों ने एक सुर में कहा ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में शिक्षक , अध्यापक सरकारी काम या अन्य कार्यों का हवाला देकर स्कूल से चले जाते हैं जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती सदस्यों के विरोध के बाद बैठक में इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया था।