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बच्चों से पूछा, टीचर क्यों बनना है तो जवाब मिला- पढ़ाना है नहीं, सोना है या गप्पें लड़ाना, सैलरी भी मुफ्त मिलती है

अक्सर स्कूल जाने वाले बच्चों से पूछा जाता है कि बड़े होकर क्या बनोगे? मसलन, बच्चे जवाब देते हैं कि उन्हें डॉक्टर बनना है, इंजीनियर बनना है, पायलट बनना है, टीचर बनना है या कुछ और बनना है।
मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही देखने को मिला जब एक अधिकारी ने एक बच्चे से पूछा कि वह बड़ा होकर क्या बनना चाहता है तो उसने जवाब दिया शिक्षक। इसमें कोई चौंकने वाली बात नहीं है क्योंकि हर किसी का सपना होता है कुछ बनने का लेकिन जब बच्चे से पूछा गया कि वह शिक्षक क्यों बनना चाहता है तो उसके जवाब ने सबको चौंका दिया। बच्चे ने इस पर बिना डरे जवाब दिया कि वह शिक्षक इसलिए बनना चाहता है क्योंकि शिक्षकों को बहुत छुट्टियां मिलती हैं और कुछ काम भी नहीं करना पड़ता।

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शनिवार को प्रदेश के सभी स्कूलों में मिलबांचे कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था कि बच्चों को एक-एक पाठ पढ़ाकर उन्हें भाषा और शिक्षा के प्रति प्रेरित किया जाए। इस कार्यक्रम के लिए हर कलेक्टर, एसपी, मंत्री विधायाक, जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को बच्चों को पढ़ाने का काम सौंपा गया। इस कार्यक्रम के तहत बिजावर नगर के एक्सीलेंस स्कूल में थाना प्रभारी एसएस मिश्रा और बीजेपी के एक नेता पहुंचे।
मध्य प्रदेश में मिलबांचे कार्यक्रम के दौरान एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाते जिले के कलेक्टर और एसपी।

स्कूल में पढ़ाते समय जब थाना प्रभारी एसएस मिश्रा ने एक बच्चे से पूछा कि वह पढ़ाई खत्म करने के बाद बड़ा होकर क्या बनेगा तो बच्चे ने जवाब दिया कि वह बड़ा होकर शिक्षक बनना चाहेगा। एसएस मिश्रा ने बच्चे से पूछा कि वह शिक्षक ही क्यों बनना चाहता है तो बच्चे ने जवाब दिया कि शिक्षक कुछ काम नहीं करते और सबसे ज्यादा छुट्टियां भी शिक्षकों को ही मिलती है इसलिए वह शिक्षक बनना चाहता है। इसके बाद बच्चे ने कहा कि स्कूल आने के बाद शिक्षक कुछ नहीं करते सबके साथ बैठ कर बातें करते हैं, शिक्षकों की सभी इज्जत भी करते हैं और सबसे बड़ी बात बिना कुछ किए मुफ्त की सैलरी मिलती है इसलिए सबसे अच्छा है कि शिक्षक ही बना जाए।

बच्चे की यह बात सुनकर वहां पहुंचे सभी अधिकारी हैरान रह गए। इस बारे में बात करते हुए थाना प्रभारी ने कहा कि बच्चे के इस जवाब से साफ दिखाई देता है कि बच्चों के प्रति शिक्षकों का व्यवहार और मौजूदा शिक्षा व्यवस्था का स्तर कितना गिर चुका है जो कि शासन की कार्यप्रणाली की पोल खोल रही है। बच्चे के इस जवाब से पता चलता है कि बच्चों को किस प्रकार की शिक्षा आजकल स्कूलों में दी जा रही है। देश का भविष्य माने जाने वाले इन बच्चों के भविष्य के साथ ही प्रदेश में खिलवाड़ किया जा रहा है। अब देखते हैं कि इस मामले के सामने आने के बाद सूबे की सरकार क्या कदम उठाती है।

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