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अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का मामला : समय पर न अपडेशन हुआ, न दावे आपत्ति लीं, विभाग को बदलनी पड़ी समय सारिणी

- सरकारी स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का मामला
शिवपुरी। नईदुनिया प्रतिनिधि
प्रारंभिक चरण से ही तमाम विसंगतियों को लेकर विवादों में घिरी सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या के मान से शिक्षकों की पदस्थापना करने के लिए शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की विभाग को अंततः समय सारिणी बदलनी पड़ी है।
नईदुनिया ने 23 अप्रैल के अंक में ऑनलाइन दावे आपत्ति का आप्शन ही नहीं भटक रहे शिक्षक शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी, जिसमें पूरी प्रक्रिया की तय समय सारिणी में लेटलतीफी और विसंगतियों को उजागर किया था। इस खबर के बाद प्रदेश स्तर से स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की समय सारिणी में व्यापक बदलाव कर दिया है। नई सारिणी के मुताबिक अब दावे आपत्तियां 1 मई तक ली जाएंगी, जबकि पहले इसके लिए 27 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई थी। हालांकि बड़ी परेशानी यह है कि अभी भी मिडिल व हायर सेकंडरी के अतिशेष शिक्षकों की सूची विभाग ऑनलाइन जारी नहीं कर पाया है, ऐसे में इस नई समय सारिणी के मुताबिक प्रक्रिया संपन्न हो पाएगी, इसमें संशय है।
ये है नई समय सारिणी
-1 मई तक अपलोड सूची पर दावे आपत्ति आमंत्रित किए जाएंगे।
-6 मई तक आपत्तियों का निराकरण एवं अनुमोदित आपत्तियों का पीडीएफ फाईल के रूप में पोर्टल पर प्रदर्शन।
-10 मई तक मान्य आपत्तियों के आधार पर जानकारी पोर्टल पर संकुल प्राचार्य द्वारा अपडेशन।
-12 मई तक आपत्तियों के निराकरण के बाद अतिशेष सूची का एजुकेशन पोर्टल पर प्रदर्शन।
-13 से 16 मई तक अतिशेष शिक्षकों द्वारा विकल्प प्रस्तुत।
-17 मई तक काउंसलिंग के द्वारा अंतिम रूप से पदस्थापना सूची ऑनलाइन जारी।
-20 मई तक अतिशेष शिक्षकों द्वारा पदभार ग्रहण।
अभी भी नहीं हुई विषयवार शिक्षकों की मैपिंग
प्रदेश स्तर से भले ही लेटलतीफी के चलते नई समय सारिणी जारी कर दी गई है, लेकिन शिक्षकों की जानकारी अपडेशन का कार्य अभी भी पूरा नहीं हुआ है। खासतौर पर विषयवार आधार पर युक्तियुक्तकरण होने वाले मिडिल स्कूलों के शिक्षकों की विषय संबंधी जानकारी का अपडेशन जिले के विभिन्न संकुलों में लंबित हैं। रविवार को ही करीब 90 शिक्षकों की विषयवार मैपिंग पूर्ण नहीं हुई थी, तो यही हाल ई सर्विस बुक अपडेशन का भी है, यह कार्य भी अब तक शत-प्रतिशत पूर्ण नहीं हुआ है।
हर दूसरे नाम पर विसंगति
विभाग अब तक सिर्फ प्राइमरी शिक्षकों की अतिशेष सूची ही ऑनलाइन जारी कर पाया है और इस सूची में विसंगतियों की भरमार है, जिससे नाराज होकर पिछले दिनों अध्यापक व शिक्षक संघ भी ज्ञापन सौंप चुका है। हालात यह हैं कि जारी सूची में हर दूसरे नाम पर विसंगति है। स्थानांतरित हो चुके, सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों तक के नाम सूची में हैं, वहीं कई स्कूल ऐसे हैं, जहां छात्र संख्या के मान से सही शिक्षक पदस्थ होने के बावजूद उन्हें अतिशेष बताया गया है, जिसके चलते शिक्षकों को दावे आपत्ति लगाने के लिए बेवजह भटकना पड़ रहा है।
नियमों को लेकर भी गतिरोध
युक्तियुक्तकरण में शिक्षकों को अतिशेष मानने के नियमों को लेकर भी गतिरोध बरकरार है। खासतौर पर महिला और विकलांग शिक्षक के अतिशेष होने पर किसे अतिशेष माना जाएगा, इसे लेकर विभागीय अधिकारियों में ही एक मत नहीं हैं। इसके अलावा भी मापदंड के कई नियम विरोधाभास पैदा कर रहे हैं।
न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझ सकता है युक्तियुक्तकरण
अध्यापकों को शिक्षक संवर्ग से युक्तियुक्तकरण में वरिष्ठ मानने, महिलाओं व विकलांगों सहित जीव विज्ञान विषय को गणित के साथ प्रथम स्तर पर शामिल न करने जैसे तमाम बिंदु ऐसे हैं, जिनको लेकर कई शिक्षक इसे आरटीई का उल्लंघन करार दे रहे हैं और वे इन नियमों के खिलाफ कोर्ट में जाने की बात भी कह रहे हैं। ऐसे में संभव है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया न्यायालयीन प्रक्रिया के बीच उलझ सकती है।
यह बोले अधिकारी
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की पूर्व में जो समय सारिणी जारी की गई थी, उसमें बदलाव किया गया है। नई समय सारिणी जारी कर दी गई है। अब दावे आपत्तियां लेने की अवधि 27 अप्रैल से बढ़ाकर 1 मई कर दी गई है। अन्य प्रक्रिया में भी बदलाव हुआ है।
परमजीतसिंह गिल, डीईओ शिवपुरी।

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