माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
मध्यप्रदेश शासन मंत्रालय बल्लभ भवन भोपाल।
महोदय,
आपने महाकाल की नगरी उज्जैन से अध्यापकों को चार किश्तों में शिक्षक संवर्ग के समान वेतन देने की घोषणा की थी। अधिकारियों ने उसे अंतरिम राहत का नाम दिया है। अंतरिम राहत का जिस प्रकार निर्धारण किया गया है उससे तो यही लगता है कि आपके शिक्षा अधिकारियों को सहायक शिक्षक और सहायक अध्यापक का वेतन अंतर निकालना ही नहीं आता।
मध्यप्रदेश के अध्यापक इसे आपकी सरकार द्वारा किया गया महाधोखा और छलावा समझ रहे हैं। हम आपके शिक्षा अधिकारियों को समझाते हैं कि 01 अगस्त 2013 की स्थिति में एक सहायक षिक्षक और सहायक अध्यापक के वेतन में कितना अंतर है।कृपया अवलोकन करें-
सहायक षिक्षक के वेतन की गणना 01 अगस्त 2013 की स्थिति में ,-
वेतन बैण्ड 5200-20200
वेतनबैण्ड में वेतन 7440
संवर्ग वेतन 2400
कुल मूलवेतन 9840
मंहगाई (80 प्रतिषत) 7872
कुल वेतन 17712
और 01 अगस्त 2013 की स्थिति में सहायक अध्यापक का वेतन -
वेतन बैण्ड 4500-25000
वेतनबैण्ड में वेतन 4860
संवर्ग वेतन 1250
कुल मूलवेतन 6110
मंहगाई (80 प्रतिषत) 4888
कुल वेतन 10998
01 अगस्त 2013 की स्थिति में सहायक षिक्षक और सहायक अध्यापक के वेतन का अंतर ,
17712-10998 = 6714
आपके समक्ष दर्पण की तरह स्पष्ट है कि 01 अगस्त 2013 को 80 प्रतिषत मंहगाई के साथ सहायक षिक्षक और सहायक अध्यापक के वेतन में कम से कम अंतर 6714 रुपए है।यह न्यूनतम अंतर है। 2013 से पूर्व संविलियन हुए अध्यापकों का वेतनवृद्धि के साथ गणना करने पर अंतर और अधिक आता है।किन्तु माननीय मुख्यमंत्री महोदय आपके षिक्षा अधिकारियों ने सहायक षिक्षक और सहायक अध्यापक का 01 अगस्त 2013 की स्थिति में वेतन अंतर मात्र 2800 बताया है जो कि पूर्णतया मनगढंत गणना है।इसी प्रकार की त्रुटि व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापक के वेतन अंतर की गणना करते समय की गई है। 6714 का चैथाई किष्त अंतरिम राहत के रूप में दिया जाता तो औसतन कम से कम 1700 रुपए अंतरिम राहत प्राप्त होनी चाहिए थी किन्तु सहायक अध्यापकों को 2800 का एक चैथाई यानी 700 रुपए की अंतरिम राहत दी जा रही है जो कि सहायक अध्यापकों व वरिष्ठ अध्यापकों के साथ आपकी सरकार द्वारा किया गया छल व धोखा है। आप प्रदेष के मुखिया हैं।यदि आपकी घोषणा के उपरांत भी जायज हक नहीं मिलेगा तो लोग आप जैसे जिम्मेदार व्यक्तित्व पर भरोसा करना छोड़ देंगे।
मध्यप्रदेष के आम अध्यापकों को किसी संघ , संगठन से कोई लेना -देना नहीं होता।उसे अपना जायज हक बिना लड़े ही मिल जाए तो वह किसी संघ संगठन में घुसकर अपनी ऊर्जा नष्ट क्यों करेगा।महोदय गणना की त्रुटि को सुधारकर यथाषीघ्र उसमें संषोधन कर संषोधित अंतरिम राहत एरियर सहित भुगतान कराया जाए।यदि ऐसा जल्द नहीं किया गया तो हम मध्यप्रदेष के आम अध्यापक आपकी घोषणा को झूठा समझेंगे और अन्य तरीकों से अपना हक प्राप्त करने की कोषिष करेंगे।साथ ही प्रत्येक सहायक अध्यापक तक आपकी सरकार द्वारा किए गए महाधोखे को पहुंचाएंगे।
भवदीय।
दूरस्थ ग्रामीण अंचल में पदस्थ एक आम अध्यापक, प्रदेष के सभी अध्यापकों के साथ।
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