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पोहरी में नियम विरुद्ध हुई हैं अतिथि शिक्षकों की भर्ती

शिवपुरी। पोहरी क्षेत्र में अतिथी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में जमकर धांधली होने की खबर आ रही है। बताया गया है कि जो अतिथि दो-तीन साल से सेवा देता आए है उन्है इस शिक्षण सत्र में नही रखा गया है।
म.प्र. शासन की मंशा थी कि विद्यालयों मे शिक्षा का स्तर सुधारने के उददेश्य से एंव विद्यालयों मे शिक्षको की कमी के चलते जिन विद्यालयों मे शिक्षकों की कमी है या छात्र सं या अधिक है वहा पर म.प्र. शासन ने अपने खजाने पर अतिरिक्त बोझा डालकर म.प्र. के सभी विद्यालयों मे  अतिथि शिक्षक बनाने के आदेश दे डाले।
जानकारी यह मिल रही है इस शिक्षण सत्र मे जहां वास्तव में अतिथि शिक्षक रखने की आवश्यकता थी वहां शिक्षक नही रखे और वहां अतिथि शिक्षको की भर्ती कर दी जहां इनकी आवश्यकता नही थी।
पूर्व के अतिथि शिक्षको की अनदेखी क्यों
जो अतिथि शिक्षक लगातार 02-03 वर्षो से लगातार विद्यालय मे अतिथि शिक्षक बनकर अपनी सेवा दे रहा है उन्है हटा दिया गया और नए अतिथि शिक्षको को नियमो को खूटी पर टांंग कर रखा गया है बताया गया भी क्या इन पुराने अतीत के अतिथियो से मोटी रकम की मांग की गई है।

ताजा मामला पोहरी संकुल के अन्तर्गत प्रा.वि.सिकंदपुरा में अतिथि शिक्षक परमसुख शर्मा जो लगातार तीन वर्षो से अपनी सेवा दे रहे थे उन्हे इस बार अतिथि शिक्षक नही रखा गया क्या उन्होने अधिकारियों को सेवा शुल्क देेने से मना कर दिया।

इस कारण उन्हे यह सजा भुगतनी पडी ओर विद्यालय मे नये अतिथियों की भर्ती कर डाली इस बार पूर्व अतिथियों की अनदेखी ज्यादातर विद्यालयों मे की गई है यह ऐसे अतिथि शिक्षक रखे गए है जो अधिकारियों की रिश्तेदार है यह अतिथि स्कुल ाी नही जाते है और फ्री की वेतन प्राप्त कर रहे है।

औसत उपस्थिति पर क्यू नही है अतिथि शिक्षक
पोहरी तहसील के अन्तर्गत आने वाले सभी संकुलो मे अतिथि शिक्षकों की भर्ती म.प्र.शासन के आदेशानुसार की गई अतिथि शिक्षक रखने का उददेश्य छात्रों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने का है।

पोहरी संकुल के कई विद्यालयों मे तो छात्र सं या अधिक पर औसत उपस्थिति कम है यदि छात्र सं या के हिसाब से विद्यालयों मे हर वर्ष अतिथि शिक्षको की भर्ती की जा रही है जब विद्यालयों मे छात्र ही कम आ रहे है और शिक्षको से काम चल सकता है तो अतिथि शिक्षक की भर्ती क्यो की गई है।

क्या शिक्षक अपने विभागीय अधिकारीसे मिलकर शासन के खजाने को चपत तो नही लगा रहा यदि ऐसा है तो आज तक इस ओंर जिले मे बैठे जिलाशिक्षाअधिकारी एंव डी.पी.सी. महोदय का ध्यान क्यू नही गया।

सीएसी बन बैठे अधिकारी
विद्यालय मे निरीक्षण का जु मा वरिष्ठ अधिकारी सहित विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का होता है पर पोहरी तहसील के अन्तर्गत सभी संकुलो के अन्तर्गत विद्यालयों मे सीएसी अधिकारी निरीक्षण करते नजर आते है।

जबकि सीएसीयों का काम शैक्षणिक गतिविधिया एंव उसमे आ रही कठिनाईयों को दूर करना है एंव विद्यालयों से जानकारी एकत्रित कर संकुल तक पहुचाना है जिससे विद्यालय मे जो शिक्षक पढा रहा हे उसे इस काम के चलते विद्यालय बंद नही करना पडे और विद्यालयों मे छात्र सं या कम आ रही है उस छात्र सं या को बढाने का काम है पर पोहरी क्षेत्र मे सीएसी घर बैठकर यह काम करते हे।

इनका यह कहना है:-
मे 2 साल से अतिथि शिक्षक था इस बार मेरा आवेदन नही लिया गया और बोला कि इस बार अतिथि शिक्षक नही रखेंगे।
अरूण कुमार जैन पूर्व अतिथि शिक्षक

में ग्राम सिकन्दपुरा में अतिथि शिक्षक था मुझे इस सत्र मे ही हटा दिया गया ।
परमसुख शर्मा पूर्व अतिथि शिक्षक

ग्राम वागलौन का निरीक्षण किया छात्र संख्या कम थी और प्राईमरी मे 3 मे से एक अतिथि शिक्षक मिला और मिडिल मे भी कोई अतिथि शिक्षक नही मिला मेने तत्काल अतिथि को हटाने का बोल दिया था।
मोतीलाल खंगार विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी

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