भोपाल। इन दिनों उच्च शिक्षा विभाग में पहुंचे प्रोफेसरों और असिस्टेंट प्रोफेसरों के हजारों आवेदनों ने जिम्मेदारों की नींद उड़ा दी है। दरअसल इन हजार से ज्यादा आवेदनों के मुताबिक मध्यप्रदेश के ज्यादातर प्रोफेसर्स और असिस्टेंट प्रोफेसर्स किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे हैं।
जीहां, पर आपको हैरान होने की जरूरत नहीं, क्योंकि ये आवेदन केवल इसलिए दिए गए हैं कि शहरों से दूर या ग्रामीण क्षेत्रों में ड्यूटी निभा रहे ज्यादातर प्रोफेसर्स चाहते हैं कि उनका ट्रांसफर भोपाल, इंदौर, जबलपुर या फिर ग्वालियर में हो जाए।यह स्थिति तब है जब प्रदेश सरकार 15 अगस्त के बाद तबादलों पर रोक लगा चुकी है।
उच्च शिक्षा विभाग के पास पहुंचे इन आवेदनों की संख्या तो हैरान कर ही रही है, वहीं शिवराज सिंह चौहान ट्रांसफर करने या न करने के लिए आए ये आवेदनों में दिए गए कारणों को जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। जानें ये फैक्ट...
* उच्च शिक्षा विभाग के पास हजार से ज्यादा आवेदन पहुंचे हैं। जिनके मुताबिक 95 फीसदी प्रोफेसर्स और असिस्टेंट प्रोफेसर्स बीमार हैं और वे अपने इलाज के लिए प्रदेश के मुख्य शहरों भोपाल, इंदौर,ग्वालियर और जबलपुर तबादला चाहते हैं, ताकि अपना इलाज करवा सकें।
* बीमार पडऩे वाले इन प्रोफेसर्स और असिस्टेंट प्रोफेसर्स में वे शिक्षक शामिल हैं, जिन्हें पिछले साल ही मुख्य शहरों से हटाकर दूर-दराज के क्षेत्रों या फिर ग्रामीण इलाकों में भेज दिया गया था। ज्वॉइनिंग के सालभर बाद ही ये प्रोफेसर्स अब शहरों में ही लौटना चाहते हैं।
* हैरानी की बात यह है कि हजारों आवेदनों में 95 फीसदी आवेदनों में ट्रांसफर चाहने वाले सभी शिक्षकों ने तबादले का बड़ा कारण बीमारी को ही बताया है।
* वहीं 5 फीसदी आवेदनों में शहरों में ट्रांसफर मांगने का कारण बच्चों की शिक्षा या अन्य कोई कारण बताया गया है।
* विभाग के पास ये आवेदन उस वक्त से पहुंचना शुरू हुए थे, जब ट्रांसफर पर रोक लगे केवल दो महीने ही हुए थे।
* सूत्रों के मुताबिक कोई भी प्रोफेसर या असिस्टेंट प्रोफेसर शहर से दूर जाने को तैयार ही नहीं है।
* इसके लिए उनके ट्रांसफर आवेदनों के साथ प्रदेश के सांसद और विधायकों के साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के रीकमेंडेशन लेटर तक अटैच हैं।
अक्टूबर में जारी होगी ट्रांसफर लिस्ट
माना जा रहा है कि उच्च शिक्षा विभाग अक्टूबर में ही ट्रांसफर लिस्ट जारी करने वाला है। यही कारण है कि विभाग के पास हजारों की संख्या में आवेदन पहुंचे हैं। इस लिस्ट में केवल प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर ही नहीं बल्कि लाइब्रेरियन, स्पोट्र्स ऑफिसर्स के नाम भी शामिल हैं। विभाग अक्टूबर में जारी की जाने वाली इस ट्रांसफर लिस्ट की तैयारी में लगा हुआ है। लिस्ट तैयार करते ही इसे राज्य शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया के पास अप्रूवल के लिए भेजी जाएगी। फिर इसे कोऑर्डिनेशन कमेटी को भेजा जाएगा।
* कमेटी की मीटिंग में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में इस पर चर्चा की जाएगी।
* सामान्य शासन विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी के मुताबिक इन हजारों आवेदनों में से केवल 10 फीसदी के ही ट्रांसफर संभव हो पाएंगे। यदि कुल 5000 प्रोफेसर्स और असिस्टेंट प्रोफेसर्स ने ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर प्रदेश के मुख्य शहरों में ट्रांसफर की मांग की है, तो केवल 500 के आवेदनों को ही ट्रांसफर की मंजूरी मिल पाएगी।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
जीहां, पर आपको हैरान होने की जरूरत नहीं, क्योंकि ये आवेदन केवल इसलिए दिए गए हैं कि शहरों से दूर या ग्रामीण क्षेत्रों में ड्यूटी निभा रहे ज्यादातर प्रोफेसर्स चाहते हैं कि उनका ट्रांसफर भोपाल, इंदौर, जबलपुर या फिर ग्वालियर में हो जाए।यह स्थिति तब है जब प्रदेश सरकार 15 अगस्त के बाद तबादलों पर रोक लगा चुकी है।
उच्च शिक्षा विभाग के पास पहुंचे इन आवेदनों की संख्या तो हैरान कर ही रही है, वहीं शिवराज सिंह चौहान ट्रांसफर करने या न करने के लिए आए ये आवेदनों में दिए गए कारणों को जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। जानें ये फैक्ट...
* उच्च शिक्षा विभाग के पास हजार से ज्यादा आवेदन पहुंचे हैं। जिनके मुताबिक 95 फीसदी प्रोफेसर्स और असिस्टेंट प्रोफेसर्स बीमार हैं और वे अपने इलाज के लिए प्रदेश के मुख्य शहरों भोपाल, इंदौर,ग्वालियर और जबलपुर तबादला चाहते हैं, ताकि अपना इलाज करवा सकें।
* बीमार पडऩे वाले इन प्रोफेसर्स और असिस्टेंट प्रोफेसर्स में वे शिक्षक शामिल हैं, जिन्हें पिछले साल ही मुख्य शहरों से हटाकर दूर-दराज के क्षेत्रों या फिर ग्रामीण इलाकों में भेज दिया गया था। ज्वॉइनिंग के सालभर बाद ही ये प्रोफेसर्स अब शहरों में ही लौटना चाहते हैं।
* हैरानी की बात यह है कि हजारों आवेदनों में 95 फीसदी आवेदनों में ट्रांसफर चाहने वाले सभी शिक्षकों ने तबादले का बड़ा कारण बीमारी को ही बताया है।
* वहीं 5 फीसदी आवेदनों में शहरों में ट्रांसफर मांगने का कारण बच्चों की शिक्षा या अन्य कोई कारण बताया गया है।
* विभाग के पास ये आवेदन उस वक्त से पहुंचना शुरू हुए थे, जब ट्रांसफर पर रोक लगे केवल दो महीने ही हुए थे।
* सूत्रों के मुताबिक कोई भी प्रोफेसर या असिस्टेंट प्रोफेसर शहर से दूर जाने को तैयार ही नहीं है।
* इसके लिए उनके ट्रांसफर आवेदनों के साथ प्रदेश के सांसद और विधायकों के साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के रीकमेंडेशन लेटर तक अटैच हैं।
अक्टूबर में जारी होगी ट्रांसफर लिस्ट
माना जा रहा है कि उच्च शिक्षा विभाग अक्टूबर में ही ट्रांसफर लिस्ट जारी करने वाला है। यही कारण है कि विभाग के पास हजारों की संख्या में आवेदन पहुंचे हैं। इस लिस्ट में केवल प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर ही नहीं बल्कि लाइब्रेरियन, स्पोट्र्स ऑफिसर्स के नाम भी शामिल हैं। विभाग अक्टूबर में जारी की जाने वाली इस ट्रांसफर लिस्ट की तैयारी में लगा हुआ है। लिस्ट तैयार करते ही इसे राज्य शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया के पास अप्रूवल के लिए भेजी जाएगी। फिर इसे कोऑर्डिनेशन कमेटी को भेजा जाएगा।
* कमेटी की मीटिंग में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में इस पर चर्चा की जाएगी।
* सामान्य शासन विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी के मुताबिक इन हजारों आवेदनों में से केवल 10 फीसदी के ही ट्रांसफर संभव हो पाएंगे। यदि कुल 5000 प्रोफेसर्स और असिस्टेंट प्रोफेसर्स ने ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर प्रदेश के मुख्य शहरों में ट्रांसफर की मांग की है, तो केवल 500 के आवेदनों को ही ट्रांसफर की मंजूरी मिल पाएगी।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC