कटनी। जिले में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक गंभीर स्थिति सामने आई है। स्थानांतरण आदेश जारी होने के कई महीने बाद भी 50 से अधिक शिक्षक अपनी नई पदस्थापना पर ज्वाइन नहीं कर रहे हैं, जिससे कई सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है।
स्वेच्छा से तबादला लेने वाले भी नहीं पहुंचे नई पोस्टिंग पर
शिक्षा विभाग के अनुसार, जून माह में जिले के विभिन्न शासकीय विद्यालयों में शिक्षकों के बड़े पैमाने पर स्थानांतरण किए गए थे। इनमें करीब 30 शिक्षक ऐसे थे जिन्होंने स्वयं स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इनमें से कई शिक्षक अब तक नई जगह कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाए हैं।
ऑनलाइन ज्वाइनिंग नहीं होने से अटकी वैकल्पिक व्यवस्था
विभागीय जानकारी के मुताबिक 54 से अधिक शिक्षकों ने न तो स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराई है और न ही ऑनलाइन पोर्टल पर ज्वाइनिंग अपडेट की है। इसके कारण शिक्षा विभाग अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं कर पा रहा है, क्योंकि सिस्टम में पद रिक्त नहीं दिख रहे हैं।
कोर्ट केस और तकनीकी कारण बने बाधा
कुछ शिक्षकों द्वारा स्थानांतरण को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की गई है, जिसके चलते उनके आदेशों पर अस्थायी रोक लगी हुई है। वहीं कई मामलों में तकनीकी खामियों और दस्तावेजी प्रक्रियाओं में देरी भी ज्वाइनिंग न होने की वजह बताई जा रही है।
ग्रामीण स्कूलों में सबसे ज्यादा असर
शिक्षकों की अनुपस्थिति का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों के स्कूलों में देखने को मिल रहा है। कई विद्यालयों में नियमित कक्षाएं नहीं लग पा रही हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी प्रभावित हो रही है।
शिक्षा विभाग सख्त, जल्द समाधान के संकेत
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को कई बार नोटिस और रिमाइंडर जारी किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यदि जल्द ज्वाइनिंग नहीं की गई, तो नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। विभाग का प्रयास है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान कर स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था को पटरी पर लाया जाए।