मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। वेटिंग लिस्ट में शामिल उम्मीदवारों ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए अनोखा और भावनात्मक विरोध किया। अभ्यर्थियों ने सिर मुंडवाया, दंडवत प्रणाम किया और घंटी बजाकर अपनी मांगें रखीं, लेकिन इसके बावजूद सरकार की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई।
भर्ती प्रक्रिया से अभ्यर्थियों में निराशा
शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने के बाद भी हजारों अभ्यर्थी आज तक नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि परीक्षा में सफल होने के बावजूद पदों की संख्या कम होने के कारण उन्हें नौकरी से वंचित रहना पड़ रहा है। वेटिंग लिस्ट जारी न होने और खाली पदों को नहीं भरने से अभ्यर्थियों में गहरी निराशा है।
प्रतीकात्मक विरोध बना चर्चा का विषय
अभ्यर्थियों ने सरकार के सामने अपनी पीड़ा जाहिर करने के लिए परंपरागत और धार्मिक प्रतीकों का सहारा लिया। किसी ने मुंडन कराया तो किसी ने दंडवत होकर सरकार से न्याय की गुहार लगाई। घंटी बजाकर यह संदेश देने की कोशिश की गई कि वे लंबे समय से सरकार के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही।
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें
प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
-
वेटिंग लिस्ट को तुरंत जारी किया जाए
-
रिक्त पदों की संख्या बढ़ाई जाए
-
भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए
-
योग्य अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति दी जाए
अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि सरकार ने समय रहते उनकी मांगों पर विचार नहीं किया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
पहले भी उठ चुके हैं सवाल
यह पहला मौका नहीं है जब मध्य प्रदेश की शिक्षक भर्ती विवादों में आई हो। इससे पहले भी चयन प्रक्रिया, आरक्षण व्यवस्था और पदों की संख्या को लेकर अभ्यर्थी सवाल उठा चुके हैं। कई बार आंदोलन और ज्ञापन देने के बावजूद समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सका।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर युवाओं का धैर्य अब जवाब देने लगा है। मुंडन और दंडवत जैसे भावनात्मक विरोध इस बात का संकेत हैं कि अभ्यर्थी खुद को पूरी तरह उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। यदि सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।