राजगढ़.
तीन साल पूरे कर चुके संविदा शिक्षकों का संविलियन रूका पड़ा है। ऐसे में
कई शिक्षक नियमित नहीं हो पा रहे है। कई बार अधिकारियों का ध्यान आकर्षित
करने के बाद भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
ऐसे में अध्यापक संघर्ष समिति के तत्ववाधान में जिलास्तरीय प्रदर्शन रविवार को राजगढ़ में किया गया। यहां नियमितिकरण के साथ ही 22 अन्य मांगों को भी रखा गया। ऐसा न होने की स्थिति में उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी गई है। अध्यापक संघर्ष समिति के सदस्यों ने मंगल भवन में एक अस्थाई सभा का आयोजन किया। इसमें विभिन्न ब्लाकों से आए शिक्षकों ने अलग-अलग तरीके से अपनी मांगों को जायज बताया और उनका निराकरण कैसे संभव है यह भी उपाय बताए। संबोधन करने वालों को चंदरसिंह, राधेश्याम पुरवैया, भगवानसिंह राणावत, श्यामसुंदर सिरपरा सहित अन्य लोग शामिल थे। यहां कलेक्ट्रेट में एसडीएम कमलेश भागर्व को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में कुल 22 मांगे है। इनमें व्यवस्था सुधार और अन्य मांगों के अलावा तीन मांगों को प्रमुखता से रखा गया। जिनमें अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन, विसंगति रहित समान वेतन एक सितंबर से प्रदान किया जाए और अध्यापकों के लिए शिक्षकों के समान स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति लागू हो।
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ज्ञापन में कुल 22 मांगे है। इनमें व्यवस्था सुधार और अन्य मांगों के अलावा तीन मांगों को प्रमुखता से रखा गया। जिनमें अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन, विसंगति रहित समान वेतन एक सितंबर से प्रदान किया जाए और अध्यापकों के लिए शिक्षकों के समान स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति लागू हो।
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