भास्कर संवाददाता| गुना अध्यापकों ने चेतावनी दी है कि यदि सात दिन के भीतर संविलियन के लिए पात्र संविदा शिक्षकों का संविलियन नहीं हुआ है तो सभी एक जुटकर होकर करेंगे। दरअसल अध्यापकों ने रविवार को संगठनवाद छोड़कर एक बैनर के तले इकट्ठा होकर शहर के प्रमुख मार्गों से तिरंगा यात्रा निकाली।
इसमें शिक्षा विभाग में संविलयन की मांग उठाई। साथ ही विसंगति रहित छठवां वेतनमान के आदेश और अन्य कर्मचारियों की भांति सातवां वेतन के लिए आवाज बुलंद की गई। रैली में बड़ी संख्या में अध्यापक, संविदा शिक्षक और गुरुजी शामिल हुए।
घोषणा के सालभर बाद भी नहीं मिला छठवां वेतनमान:
दरअसल एक साल पहले इसी दिन प्रदेशभर के अध्यापकों ने भोपाल की लालघाटी पर तिरंगा निकाली थी। अध्यापकों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अध्यापकों को छठवां वेतनमान देने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं मिला। रविवार को अध्यापक, संविदा शिक्षक और गुरुजियों ने शास्त्री पार्क से रैली निकाली। यह सदर बाजार, सुगन चौराहा, निचला बाजार, हाट रोड हनुमान चौराहा होते हुए कलेक्टोरेट पहुंची, जहां नायब तहसीलदार इकबाल खान को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। इसमें समस्याओं को हल करने की मांग उठाई। इसके पूर्व रैली में अध्यापकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसमें बड़ी संख्या में समिति के प्रमुख पदाधिकारियों सहित जिलेभर के अध्यापक, संविदा शिक्षक और गुरुजी काफी संख्या में मौजूद थे।
संविलियन के बदले मांगे जा रहे रुपए
अध्यापक संघर्ष समिति ने बताया कि जिले के संविदा शिक्षकों का अभी तक अध्यापक संवर्ग में संविलयन नहीं हो पाया है। जबकि बीती 8 जुलाई को इनकी तीन साल की सेवा अवधि पूरी हो चुकी है। वस्तुपरक मूल्यांकन की फाइल दफ्तरों में पहले ही जमा कराई जा चुकी है। संविलयन के नाम पर रुपए की वसूली जैसे आरोप पहले ही सामने आ चुके हैं। प्रशासन ने शिविर भी लगाए लेकिन अभी तक नतीजा शून्य रहा। समिति ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर सात दिन में संविलयन नहीं हुआ तो आठवें दिन से आंदोलन किया जाएगा।
अध्यापकों की मुख्य मांगें
शिक्षा विभाग में संविलयन किया जाए।
विसंगति रहित छठवां वेतनमान 1 सितंबर 13 से और अन्य कर्मचारियों की भांति 7वां वेतनमान दिया जाए।
2005 के पूर्व नियुक्त अध्यापक संवर्ग को पुरानी पेंशन प्रणाली एवं उत्पादन का लाभ दिया जाए।
क्रमोन्नति में पदोन्नति का वेतनमान दिया जाए।
अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों में शिक्षा के अधिकार में उल्लिखित नियमों को शिथिल किया जाए।
अध्यापक संवर्ग को बंधन रहित तबादला नीति लागू की जाए।
गुरुजी अध्यापक को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दी जाए।
वरिष्ठ अध्यापक को बिना परीक्षा लिए प्राचार्य पद पर पदोन्नत किया जाए व राज्य शिक्षा सेवा का तत्काल गठन किया जाए।
नवीन पेंशन प्रणाली के तहत होने वाली कटौती सीधे कोषालय के माध्यम से की जाए।
- अध्यापक संवर्ग को शिक्षकों के समान अवकाश सुविधा व संतान पालन अवकाश सुविधा दी जाए।
अध्यापकों ने रैली निकालकर राज्य शासन के खिलाफ नारेबाजी की
अध्यापक संघ ने शहर के मुख्य मार्गों से रैली निकालकर प्रदर्शन किया।
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इसमें शिक्षा विभाग में संविलयन की मांग उठाई। साथ ही विसंगति रहित छठवां वेतनमान के आदेश और अन्य कर्मचारियों की भांति सातवां वेतन के लिए आवाज बुलंद की गई। रैली में बड़ी संख्या में अध्यापक, संविदा शिक्षक और गुरुजी शामिल हुए।
घोषणा के सालभर बाद भी नहीं मिला छठवां वेतनमान:
दरअसल एक साल पहले इसी दिन प्रदेशभर के अध्यापकों ने भोपाल की लालघाटी पर तिरंगा निकाली थी। अध्यापकों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अध्यापकों को छठवां वेतनमान देने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं मिला। रविवार को अध्यापक, संविदा शिक्षक और गुरुजियों ने शास्त्री पार्क से रैली निकाली। यह सदर बाजार, सुगन चौराहा, निचला बाजार, हाट रोड हनुमान चौराहा होते हुए कलेक्टोरेट पहुंची, जहां नायब तहसीलदार इकबाल खान को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। इसमें समस्याओं को हल करने की मांग उठाई। इसके पूर्व रैली में अध्यापकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसमें बड़ी संख्या में समिति के प्रमुख पदाधिकारियों सहित जिलेभर के अध्यापक, संविदा शिक्षक और गुरुजी काफी संख्या में मौजूद थे।
संविलियन के बदले मांगे जा रहे रुपए
अध्यापक संघर्ष समिति ने बताया कि जिले के संविदा शिक्षकों का अभी तक अध्यापक संवर्ग में संविलयन नहीं हो पाया है। जबकि बीती 8 जुलाई को इनकी तीन साल की सेवा अवधि पूरी हो चुकी है। वस्तुपरक मूल्यांकन की फाइल दफ्तरों में पहले ही जमा कराई जा चुकी है। संविलयन के नाम पर रुपए की वसूली जैसे आरोप पहले ही सामने आ चुके हैं। प्रशासन ने शिविर भी लगाए लेकिन अभी तक नतीजा शून्य रहा। समिति ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर सात दिन में संविलयन नहीं हुआ तो आठवें दिन से आंदोलन किया जाएगा।
अध्यापकों की मुख्य मांगें
शिक्षा विभाग में संविलयन किया जाए।
विसंगति रहित छठवां वेतनमान 1 सितंबर 13 से और अन्य कर्मचारियों की भांति 7वां वेतनमान दिया जाए।
2005 के पूर्व नियुक्त अध्यापक संवर्ग को पुरानी पेंशन प्रणाली एवं उत्पादन का लाभ दिया जाए।
क्रमोन्नति में पदोन्नति का वेतनमान दिया जाए।
अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों में शिक्षा के अधिकार में उल्लिखित नियमों को शिथिल किया जाए।
अध्यापक संवर्ग को बंधन रहित तबादला नीति लागू की जाए।
गुरुजी अध्यापक को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दी जाए।
वरिष्ठ अध्यापक को बिना परीक्षा लिए प्राचार्य पद पर पदोन्नत किया जाए व राज्य शिक्षा सेवा का तत्काल गठन किया जाए।
नवीन पेंशन प्रणाली के तहत होने वाली कटौती सीधे कोषालय के माध्यम से की जाए।
- अध्यापक संवर्ग को शिक्षकों के समान अवकाश सुविधा व संतान पालन अवकाश सुविधा दी जाए।
अध्यापकों ने रैली निकालकर राज्य शासन के खिलाफ नारेबाजी की
अध्यापक संघ ने शहर के मुख्य मार्गों से रैली निकालकर प्रदर्शन किया।
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