भोपाल | स्कूल शिक्षा विभाग में गड़बड़ी का सिलसिला थम
नहीं रहा है। अतिशेष शिक्षकों की सूची में लगातार गड़बड़ी के बाद बुधवार
को पोर्टल पर पासवर्ड की गड़बड़ी रही। विभाग ने पोर्टल पर सोमवार देर रात
सूची अपलोड की। अतिशेष शिक्षकों से बुधवार तक ऑनलाइन दावे आपत्ति बुलाई गई
थी।
जिले के 50 फीसदी से ज्यादा शिक्षक दावे आपत्ति नहीं कर सके। अब शिक्षकों के सामने धर्मसंकट पैदा हो गया है। विभाग ऑफलाइन दावे आपत्ति मानेगा नहीं। अभी यह साफ नहीं हो सका है कि विभाग क्या करेगा। मिडिल और प्राइमरी स्कूलों के अतिशेष शिक्षकों की ताजी सूची में भी कुछ मृत और रिटायर्ड शिक्षकों के नाम दर्शा दिए गए।
विभाग के अवर सचिव आरके डेकाटे द्वारा एक दिन पहले जारी आदेश में स्कूलों में मंजूर शैक्षणिक पदों के अनुरूप पदस्थापना तय करने के लिए युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई का जिक्र किया था। एजुकेशन पोर्टल के जरिए ऑनलाइन किए जाने के बारे में नीति एवं प्रक्रिया 11 अप्रैल को जारी की गई थी।
पे रोल और ई सर्विस बुक में उपलब्ध जानकारी शिक्षा पोर्टल पर उपलब्ध नामांकन के एवं मिले आवेदनों के निपटारे के बाद जिलों द्वारा किए गए संशोधन के आधार पर 12 जून को प्राइमरी स्कूलों के अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी की गई थी। आदेश में विभाग ने मान लिया था कि 12 जून को जारी प्राइमरी स्कूलों के अतिशेष शिक्षकों की सूची में जिलों से मृत, रिटायर्ड और इस्तीफा देने वालों की जानकारी सही तरीके से अपडेट नहीं की गई थी।
सूची निरस्त हो, जांच भी करें
मप्र शासकीय अध्यापक संगठन के प्रांताध्यक्ष आरिफ अंजुम, जितेंद्र शाक्य, उपेंद्र कौशल, शिक्षक संयुक्त मोर्चा के सुभाष सक्सेना, अध्यापक संघ संविदा गुरुजी संघ के प्रांताध्यक्ष राकेश पटेल का कहना है कि सूची में विसंगति है। इसीलिए इसे निरस्त करना चाहिए। इसकी जांच भी होना चाहिए।
फिर कर दी ऐसी गड़बड़ी
कनेरा गांव के स्कूल के शिवराम, कढ़ैया के एस कुजूर, रायपुर के रामशेखर, मृत अौर रिटायर्ड शिक्षक हैं। सूची में इनके नाम भी शामिल कर लिए।
बाल विहार स्कूल से सैयद अमजद अली सहायक अध्यापक को अतिशेष बता दिया, जबकि यह शिक्षक इस स्कूल में पदस्थ ही नहीं है।
संजय नगर स्कूल की शिक्षक तनवीर उर्दू विषय की शिक्षक हैं, उन्हें विज्ञान का बताकर जफर सिद्दीकी को अतिशेष बता दिया।
जिले के 50 फीसदी से ज्यादा शिक्षक दावे आपत्ति नहीं कर सके। अब शिक्षकों के सामने धर्मसंकट पैदा हो गया है। विभाग ऑफलाइन दावे आपत्ति मानेगा नहीं। अभी यह साफ नहीं हो सका है कि विभाग क्या करेगा। मिडिल और प्राइमरी स्कूलों के अतिशेष शिक्षकों की ताजी सूची में भी कुछ मृत और रिटायर्ड शिक्षकों के नाम दर्शा दिए गए।
विभाग के अवर सचिव आरके डेकाटे द्वारा एक दिन पहले जारी आदेश में स्कूलों में मंजूर शैक्षणिक पदों के अनुरूप पदस्थापना तय करने के लिए युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई का जिक्र किया था। एजुकेशन पोर्टल के जरिए ऑनलाइन किए जाने के बारे में नीति एवं प्रक्रिया 11 अप्रैल को जारी की गई थी।
पे रोल और ई सर्विस बुक में उपलब्ध जानकारी शिक्षा पोर्टल पर उपलब्ध नामांकन के एवं मिले आवेदनों के निपटारे के बाद जिलों द्वारा किए गए संशोधन के आधार पर 12 जून को प्राइमरी स्कूलों के अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी की गई थी। आदेश में विभाग ने मान लिया था कि 12 जून को जारी प्राइमरी स्कूलों के अतिशेष शिक्षकों की सूची में जिलों से मृत, रिटायर्ड और इस्तीफा देने वालों की जानकारी सही तरीके से अपडेट नहीं की गई थी।
सूची निरस्त हो, जांच भी करें
मप्र शासकीय अध्यापक संगठन के प्रांताध्यक्ष आरिफ अंजुम, जितेंद्र शाक्य, उपेंद्र कौशल, शिक्षक संयुक्त मोर्चा के सुभाष सक्सेना, अध्यापक संघ संविदा गुरुजी संघ के प्रांताध्यक्ष राकेश पटेल का कहना है कि सूची में विसंगति है। इसीलिए इसे निरस्त करना चाहिए। इसकी जांच भी होना चाहिए।
फिर कर दी ऐसी गड़बड़ी
कनेरा गांव के स्कूल के शिवराम, कढ़ैया के एस कुजूर, रायपुर के रामशेखर, मृत अौर रिटायर्ड शिक्षक हैं। सूची में इनके नाम भी शामिल कर लिए।
बाल विहार स्कूल से सैयद अमजद अली सहायक अध्यापक को अतिशेष बता दिया, जबकि यह शिक्षक इस स्कूल में पदस्थ ही नहीं है।
संजय नगर स्कूल की शिक्षक तनवीर उर्दू विषय की शिक्षक हैं, उन्हें विज्ञान का बताकर जफर सिद्दीकी को अतिशेष बता दिया।