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छह साल बाद भी मॉडल स्कूल में न स्टाफ, न बिजली

ग्वालियर. मॉडल स्कूल में इनदिनों शैक्षिक हालात खराब हैं। स्कूल की स्थापना के बाद इसमें बच्चों को पढ़ाने के लिए न तो शिक्षक तैनात किए गए न ही सुविधाएं। आलम ये है कि स्कूल में नौवी से 12 तक की कक्षाएं तो लगती हैं मगर उन्हें पढ़ाने के लिए केवल एक ही शिक्षक है।
इस शिक्षक पर प्रभारी प्राचार्य की भी जिम्मेदारी है।
भितरवार के उत्कृ ष्ट स्कूल में जून 2011 में शुरू हुआ मॉडल स्कूल कुछ अर्से बाद ही नरवर रोड स्थित अपने भवन में पहुंच गया। इस स्कूल के नवनिर्मित भवन में जैसे ही नौवी क्लास से कक्षाएं शुरू हुई बच्चों को कई असुविधाओं से जूझना पड़ा। छह साल बाद भी नए भवन में अभी तक बिजली का कनेक्शन नहीं हो सका है। बिजली न होने से स्कूल प्रबंधन ने करीब एक किमी दूर से तार डालकर बिजली का इंतजाम करना पड़ रहा है। आलम ये है कि गर्मी के इस मौसम में बच्चों को पढऩे में सर्वाधिक परेशानी होती है।
स्टाफ की कमी: स्कूल में साइंस व आर्ट की पढ़ाई होती है। स्कूल में 14 पद विषय विशेषज्ञों के रिक्त पड़े हैं। एक पद प्राचार्य का रिक्त है। एकं कंप्यूटर ऑपरेटर, एक संगीत, एक व्यायाम शिक्षक का रिक्त है। दो प्यून व दो लिपिक स्कूल में होना आवश्यक है। मगर एक शिक्षक ही है जो प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्यरत है।
ये हैं स्कूल में विद्यार्थी: स्कूल में नौवीं कक्षा में 22 दसवी में 60, 11 वी कक्षा में 33 व 12 कक्षा में 49 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश ले रखा है। इन सभी को पढ़ाने के लिए शिक्षक का नए शैक्षिक शुरू होने के बाद भी इंतजाम नहीं हो सका है। ऐसी स्थिति में ये छात्र-छात्राएं कोर्स पीछे हो जाने पर पिछड़ सकते हैं।
लैब का इंतजाम नहीं: स्कूल में 11 वी व 12 वी कक्षा में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं के लिए प्रयोगशाला (लैब) होना अति आवश्यक है मगर मॉडल स्कूल में अब तक लैब स्थापित नहीं हो सकी है। इसके चलते छात्र-छात्राओं का प्रायोगिक ज्ञान नहीं हो पा रहा है।

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