MP High Court: जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हाई कोर्ट ने राज्य शासन से पूछा है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में एससी, एसटी व ओबीसी की तरह ईडब्ल्यूएस को भी आयुसीमा में पांच वर्ष की छूट क्यों नहीं दी जा रही। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति अवनींद्र कुमार सिंह की युगलपीठ ने सामान्य प्रशासन विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, आदिवासी विकास विभाग के प्रमुख सचिवों और आयुक्त लोक शिक्षण को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थी को काउंसलिंग में शामिल करने की अनुमति देते हुए कहा कि उसका परिणाम सीलबंद रखा जाए।
यह दी गई दलील
टीकमगढ़ निवासी कमलकांत खरे की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग में एससी, एसटी, ओबीसी के साथ दिव्यांगता श्रेणी के लिए न्यूनतम आयुसीमा 49 से बढ़ाकर 54 कर दी गई है। अन्य आरक्षित वर्गों की तरह ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को भी आयुसीमा में छूट मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता की उम्र आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के दिन 51 वर्ष थी। लिहाजा, उसे भी काउंसलिंग में शामिल किया जाए।