मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर ने श्रीमती कोकिला रत्न भारती चौहान विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि वेटिंग लिस्ट वाले शिक्षकों को बिना चॉइस फिलिंग के स्कूल का अलॉटमेंट कर देना और उनकी नियुक्ति कर देना अनुचित है। प्रतीक्षा सूची वाले अभ्यर्थी को चॉइस फिलिंग का अवसर दिया जाए और नियम अनुसार उसकी नियुक्ति की जाए।
छिंदवाड़ा के उम्मीदवार को बिना चॉइस फिलिंग छतरपुर में नियुक्ति दे दी
श्रीमती
कोकिला रत्न भारती चौहान जुन्नारदेव छिंदवाड़ा निवासी हैं। श्रीमती चौहान,
प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा,2020 पास हैं। आयुक्त लोकशिक्षण द्वारा
भर्ती प्रक्रिया के संचालन हेतु, जारी निर्देशिका दिनांक 27/10/22 के पालन
में,श्रीमती चौहान काउंसलिंग एवम भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुईं लेकिन
उन्हें प्रक्रिया के अंत में प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया था।
दूसरी
ओर, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रसारित निर्देश दिनांक 01/5/23 जारी कर,
7500 रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु, प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020
के समूह से भर्ती प्रारंभ की गई परंतु, इसी प्रक्रिया के दौरान, नियुक्ति
के स्थान हेतु, बिना कोई चॉइस या विकल्प लिए, श्रीमती चौहान को सीधे छतरपुर
में दिनांक 29/05/23 को नियुक्त किया गया। दूसरे शब्दों में बिना किसी
चॉइस फिलिंग के सीधे नियुक्ति प्रदान कर दी थी।
स्कूल
शिक्षा विभाग के भेदभाव पूर्ण रवैए से पीड़ित होकर श्रीमती चौहान द्वारा
उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई थी। उनकी ओर से उच्च
न्यायालय जबलपुर के समक्ष पैरवी करने वाले वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने बहस
के दौरान कोर्ट की बताया कि भर्ती प्रक्रिया को संचालित करने हेतु, प्रमुख
सचिव स्कूल शिक्षा, द्वारा आदेश दिनांक 29/09/22 जारी कर किया गया था।
उक्त आदेश की प्रकृति बाध्यकारी होने के कारण, निर्देशिका दिनांक 27/10/22
में 29/09/22 के पालन का उल्लेख है। आदेश दिनांक 29/09/22 के प्रावधान
क्रमांक 10 के अनुसार, काउंसलिंग के अंतिम चरण में, ऑनलाइन चॉइस फिलिंग के
माध्यम से पोस्टिंग होगी।
उल्लेखनीय
है कि 7500 प्राथमिक शिक्षको के रिक्त पदों पर पर भर्ती किया जाना, एवम
वेटिंग सूची में श्रीमति चौहान को नियुक्ति हेतु शाला चयन हेतु विकल्प नही
दिया जाना, एक कृत्रिम वर्ग का निर्माण करने जैसा एवम भेदभाव पूर्ण है।
शासन द्वारा एक विशेष वर्ग का निर्माण किया गया है।
अधिवक्ता
अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय जबलपुर को सुनने के बाद, उच्च न्यायालय
जबलपुर ने च्वाइस फिलिंग हेतु विभाग को आदेशित किया गया है कि श्रीमती
चौहान के चॉइस फिलिंग के दावे पर आयुक्त लोक शिक्षण जल्दी निर्णय चॉइस
फिलिंग के नियमानुसार करे।