सागर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। सत्र 2019-20 की बोर्ड परीक्षाओं में जिले के जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत से कम रहा है। उन स्कूलों के शिक्षकों का दक्षता मूल्यांकन कराने की तैयारी स्कूल शिक्षा विभाग ने पूरी कर ली है। 27 और 28 दिसंबर को आयोजित होने वाली इस परीक्षा में फेल होने वाले शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्त देने की तैयारी है। सागर जिले से हायर व हाई स्कूल के 42 व मिडिल स्कूल के 186 शिक्षक इस परीक्षा में शामिल होंगे। हालांकि शिक्षा विभाग के इस निर्णय का जिले के शिक्षक संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
इस संबंध में शिक्षक संगठनों ने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देते हुए दक्षता परीक्षा निरस्त कराने की मांग की है। उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा दक्षता परीक्षा में फेल होने वाले शिक्षकों पर बर्खास्ती की कार्रवाई के निर्णय को वापस लेने की मांग की है। गौरतलब है कि दक्षता परीक्षा देने वाले शिक्षक किताब रखकर पर्चा हल कर सकेंगे। इससे पहले भी शिक्षा विभाग इस तरह की परीक्षा ले चुका है। परीक्षा में फेल होने पर 16 शिक्षकों के जबर्दस्ती सेवानिवृत्त कर घर बैठा दिया गया था। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों का दक्षता परीक्षा को लेकर तर्क है कि बेहतर परिणाम लाने के लिए जो रणनीति बनाई है। उसके तहत शिक्षक यदि 40 फीसदी से कम परिणाम देता है तो उसे पात्रता परीक्षा देना होगी।
मिडिल स्कूल के 186 शिक्षक होंगे शामिल
जिले के ऐसे माध्यमिक स्कूल शिक्षक जिन्होंने बोर्ड की कक्षाओं के दौरान एक परिसर एक शाला में संचालित स्कूलों में छात्र-छात्राओं को पढ़ाया था और उन्होंने परिणाम 40 फीसदी या इससे कम दिया है। ऐसे स्कूलों के शिक्षकों की संख्या 186 है। वह भी इस पात्रता परीक्षा में शामिल होंगे और उन्हें अपनी दक्षता प्रदर्शित करनी होगी।
एक्सपर्ट व्यू
इससे नकल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा
शिक्षा विभाग की कम परीक्षा परिणाम लाने वाले शिक्षकों को बर्खास्त करने की नीति गलत है। इससे नकल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। कोई भी शिक्षक नहीं चाहता कि उसकी स्कूल का खराब परीक्षा परिणाम हो। यदि इस तरह से बर्खास्ती की कार्रवाई की गई तो इससे नकल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चाहिए इसके लिए दूसरे रणनीति अपनाएं। स्कूलों का ऐसा माहौल बनाएं जिससे शिक्षक भी पढ़ाए व बच्चे भी रुचि के साथ पढ़ें। शिक्षकों के बर्खास्त होने पर उनके परिवार का क्या होगा। एनपीएस लेने वाले शिक्षक अपना घर कैसे चलाएंगे। पांच सौ हजार रुपये में वे क्या करेंगे। इस पर भी ध्यान देना होगा। इस डर से शिक्षक स्कूलों में नकल कराएंगे और जैसे-तैसे कर रजिल्ट को न्यनूतम से अधिकतम ले जाने का प्रयास करेंगे।
जेपी पांडेय, रिटायर्ड शिक्षक
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फिर डॉक्टर-इंजीनियरों की भी परीक्षा हो ..
यदि किसी डॉक्टर के हाथ से कोई आपरेशन फेल हो जाए तो क्या सरकार उसकी भी दक्षता परीक्षा लेगा। किसी इंजीनियर के काम में कामी आ जाए तो क्या सरकार उसकी भी परीक्षा लेगा। फिर शिक्षकों के साथ यह दोहरा व्यवहार क्यों। दक्षता परीक्षा हम शिक्षकों का अपमान है। शिक्षकों को विभाग जबरन सेवानिवृति देकर घर बैठाना चाहता है।
- आलोक गुप्ता, जिलाध्यक्ष, शासकीय अध्यापक संगठन, सागर
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शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे
यह परीक्षा गलत है, हम इसका विरोध करते हैं। आगामी वर्षों में यह परीक्षा होती रही तो शिक्षक बेरोजगार होकर घर बैठ जाएंगे। संगठन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देकर दक्षता परीक्षा निरस्त कराने की मांग की गई है।
- राममिलन मिश्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष, शासकीय अध्यापक संगठन
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शिक्षकों के लिए परीक्षा देना जरूरी
40 प्रतिशत से कम परिणाम लाने वाले शिक्षकों के लिए दक्षता परीक्षा देना अनिवार्य है। शिक्षकों की दो परीक्षाएं होंगी पहली परीक्षा 27 और 28 दिसंबर को और दूसरी परीक्षा मार्च महीने के अंत में होंगी।प रीक्षा को पास न करने वाले शिक्षकों को सेवानिवृत किया जा सकता है।
- अजब सिंह, डीईओ, सागर
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यह है स्थिति
दक्षता परीक्षा में बैठने वाले हायर व हाई स्कूल के शिक्षकों की संख्या
ब्लॉक संख्या
बंडा -5
बीना -6
देवरी -9
केसली -2
खुरई -2
रहातगढ़ -2
रहली -11
सागर -4
शाहगढ़ -1
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कुल -42
दक्षता परीक्षा में बैठने वाले मिडिल स्कूलों के शिक्षकों की संख्या
ब्लॉक संख्या
बंडा - 64
बीना - 1
देवरी - 45
केसली -7
खुरई -6
मालथौन -8
रहली -21
सागर -19
शाहगढ़ - 15
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कुल -186