मड़ियादो। नईदुनिया न्यूज शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में अतिशेष
शिक्षकों की सूची जारी की गई है। जिसमें कई कमियां देखने को मिली हैं।
विभाग द्वारा जारी की गई अतिशेष की सूची में ऐसे दो शिक्षकों को भी शामिल
किया गया है जो 700 छात्रों को पढ़ाते हैं। यदि यह शिक्षक अतिशेष के अनुसार
अन्य स्कूलों में जाते हैं तो 700 छात्र एक साथ पढ़ाई से वंचित हो जाएंगे।
मिडिल स्कूल मड़ियादो में पदस्थ दो शिक्षकों को अतिशेष बताया गया है। जबकि इस स्कूल में 700 छात्र पढ़ाई करते हैं। जिन्हें पढ़ाने के लिए नियमित चार शिक्षक ही पदस्थ हैं। पूरे सत्र इन छात्रों का शैक्षणिक कार्य अतिथि शिक्षकों के सहारे होता है। शिक्षकों की कमी को लेकर प्रति वर्ष अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यानाकर्षण इस ओर कराया जाता है। जिससे स्कूल में पर्याप्त शिक्षकों की पदस्थापना की जाए।
इन्हें बनाया अतिशेष
माध्यमिक स्कूल मड़ियादो में चार शिक्षक पदस्थ हैं। जिनमें एचपी चौराहा एचएम हैं अन्य तीन शिक्षक राममिलन छिरौल्या, महेंद्र गौतम और प्रशांत छिरौल्या है। इनमें से महेंद्र गौतम जो अध्यापन कार्य के अलावा बीएलओ का काम भी करते और प्रशांत छिरौल्या को अतिशेष शिक्षकों की सूची में दर्शाया गया है। इस संबंध में प्रशांत छिरौल्या ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से सूची मिली है जिनमें उनके स्कूल के दो शिक्षक अतिशेष शिक्षकों की सूची में शामिल किए गए हैं। वही विभागीय जानकारी के अनुसार दोनों शिक्षकों की सर्विस बुक में स्नातक का रिकार्ड नहीं चढ़ा है जिस कारण यह नाम सूची में आए हैं।
15 शिक्षकों की अभी भी जरूरत
मिडिल स्कूल मड़ियादो में पदस्थ चार शिक्षकों में से दो शिक्षकों को अतिशेष बताकर लापरवाही उजागर की गई है, लेकिन आरटीई के नियमों का पालन किया जाए तो इस स्कूल में इन चार शिक्षकों के अलावा 15 शिक्षक और पदस्थ करने होंगे। आरटीई के नियमानुसार माध्यमिक स्कूल में पहले तीन शिक्षक इसके बाद तीस के मान से शिक्षक विषयवार नियुक्त होते हैं। इस क्रम में मिडिल स्कूल में सात सौ छात्र अध्यनरत हैं और लगभग इनके अध्यापन कार्य के लिए 15 शिक्षकों की जरूरत है।
इस संबंध में संकुल प्राचार्य मड़ियादो ओएस राजपूत का कहना है कि प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों के दावे आपत्ति के बाद निराकरण किए जा रहे हैं। वहीं मिडिल स्कूल में पदस्थ दोनों शिक्षकों की सर्विस बुक में योग्यता संबंधी त्रुटि के चलते नाम आए हैं।
मिडिल स्कूल मड़ियादो में पदस्थ दो शिक्षकों को अतिशेष बताया गया है। जबकि इस स्कूल में 700 छात्र पढ़ाई करते हैं। जिन्हें पढ़ाने के लिए नियमित चार शिक्षक ही पदस्थ हैं। पूरे सत्र इन छात्रों का शैक्षणिक कार्य अतिथि शिक्षकों के सहारे होता है। शिक्षकों की कमी को लेकर प्रति वर्ष अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यानाकर्षण इस ओर कराया जाता है। जिससे स्कूल में पर्याप्त शिक्षकों की पदस्थापना की जाए।
इन्हें बनाया अतिशेष
माध्यमिक स्कूल मड़ियादो में चार शिक्षक पदस्थ हैं। जिनमें एचपी चौराहा एचएम हैं अन्य तीन शिक्षक राममिलन छिरौल्या, महेंद्र गौतम और प्रशांत छिरौल्या है। इनमें से महेंद्र गौतम जो अध्यापन कार्य के अलावा बीएलओ का काम भी करते और प्रशांत छिरौल्या को अतिशेष शिक्षकों की सूची में दर्शाया गया है। इस संबंध में प्रशांत छिरौल्या ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से सूची मिली है जिनमें उनके स्कूल के दो शिक्षक अतिशेष शिक्षकों की सूची में शामिल किए गए हैं। वही विभागीय जानकारी के अनुसार दोनों शिक्षकों की सर्विस बुक में स्नातक का रिकार्ड नहीं चढ़ा है जिस कारण यह नाम सूची में आए हैं।
15 शिक्षकों की अभी भी जरूरत
मिडिल स्कूल मड़ियादो में पदस्थ चार शिक्षकों में से दो शिक्षकों को अतिशेष बताकर लापरवाही उजागर की गई है, लेकिन आरटीई के नियमों का पालन किया जाए तो इस स्कूल में इन चार शिक्षकों के अलावा 15 शिक्षक और पदस्थ करने होंगे। आरटीई के नियमानुसार माध्यमिक स्कूल में पहले तीन शिक्षक इसके बाद तीस के मान से शिक्षक विषयवार नियुक्त होते हैं। इस क्रम में मिडिल स्कूल में सात सौ छात्र अध्यनरत हैं और लगभग इनके अध्यापन कार्य के लिए 15 शिक्षकों की जरूरत है।
इस संबंध में संकुल प्राचार्य मड़ियादो ओएस राजपूत का कहना है कि प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों के दावे आपत्ति के बाद निराकरण किए जा रहे हैं। वहीं मिडिल स्कूल में पदस्थ दोनों शिक्षकों की सर्विस बुक में योग्यता संबंधी त्रुटि के चलते नाम आए हैं।