भास्कर संवाददाता|टीकमगढ़ शासन के आदेश पर टीकमगढ़ जिले की 70 प्राइमरी स्कूलों को पिछले वर्ष बंद
कर दिया गया है। इनमें एक ही परिसर में संचालित 21 स्कूल और निर्धारित
छात्र संख्या की पूर्ति नहीं करने वाली 49 शालाएं शामिल हैं।
इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को तात्कालिक व्यवस्था कर संकुल केंद्रों में संलग्न कर दिया गया था, लेकिन 6 माह बीतने के बाद भी इन शिक्षकों की पदस्थापना अभी तक नहीं की गई है।
अध्यापक संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक खरे ने बताया कि इस संबंध में संघर्ष समिति ने कलेक्टर प्रियंका दास को भी अवगत कराया। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी प्राप्त कर शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया है। खरे ने बताया कि आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल को भी ई मेल द्वारा अवगत कराया है। उन्होंने बताया कि बंद हुई शालाओं के सहायक अध्यापक संविदा शिक्षक अपनी पदस्थापना को लेकर चिंतित हैं, क्योकि 6 माह से भी अधिक समय से वो संकुलों में कार्य कर रहे हैं, पर उनकी पदांकन संस्था कौन सी होगी यह आज भी संसय बना हुआ है। जिला स्तर पर 19 नबम्बर 2016 को आयोजित कॉउंसलिंग में इन कर्मचारियों को स्थाई पदांकन के लिए शामिल किया गया था।
इनमें से सहायक शिक्षकों एवं संविदा शिक्षकों का पदांकन कर दिया गया है, पर इन्हीं शालाओं में कार्यरत सहायक अध्यापकों का अभी तक तक पदांकन नहीं किया गया है। अध्यापक संघर्ष समिति के टिंकू तिवारी, संतोष पटैरिया, मधुकर प्रमोद, नापित, नरेंद्र नरवरिया ने मांग की है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के पूर्व ही इन बंद शालाओं के सहायक अध्यापकों की नवीन पदस्थापना की जानी चाहिए। इसके साथ ही युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को सही ब निष्पक्ष एवं विसंगतीरहित करने की मांग की है। वर्तमान में जो अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी की गई हैं, उसमे विसंगतियां हैं, उनमें सुधारकर ही कार्यवाई की जानी चाहिए।
इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को तात्कालिक व्यवस्था कर संकुल केंद्रों में संलग्न कर दिया गया था, लेकिन 6 माह बीतने के बाद भी इन शिक्षकों की पदस्थापना अभी तक नहीं की गई है।
अध्यापक संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक खरे ने बताया कि इस संबंध में संघर्ष समिति ने कलेक्टर प्रियंका दास को भी अवगत कराया। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी प्राप्त कर शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया है। खरे ने बताया कि आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल को भी ई मेल द्वारा अवगत कराया है। उन्होंने बताया कि बंद हुई शालाओं के सहायक अध्यापक संविदा शिक्षक अपनी पदस्थापना को लेकर चिंतित हैं, क्योकि 6 माह से भी अधिक समय से वो संकुलों में कार्य कर रहे हैं, पर उनकी पदांकन संस्था कौन सी होगी यह आज भी संसय बना हुआ है। जिला स्तर पर 19 नबम्बर 2016 को आयोजित कॉउंसलिंग में इन कर्मचारियों को स्थाई पदांकन के लिए शामिल किया गया था।
इनमें से सहायक शिक्षकों एवं संविदा शिक्षकों का पदांकन कर दिया गया है, पर इन्हीं शालाओं में कार्यरत सहायक अध्यापकों का अभी तक तक पदांकन नहीं किया गया है। अध्यापक संघर्ष समिति के टिंकू तिवारी, संतोष पटैरिया, मधुकर प्रमोद, नापित, नरेंद्र नरवरिया ने मांग की है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के पूर्व ही इन बंद शालाओं के सहायक अध्यापकों की नवीन पदस्थापना की जानी चाहिए। इसके साथ ही युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को सही ब निष्पक्ष एवं विसंगतीरहित करने की मांग की है। वर्तमान में जो अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी की गई हैं, उसमे विसंगतियां हैं, उनमें सुधारकर ही कार्यवाई की जानी चाहिए।