Advertisement

नए साल में सरकार देगी तोहफा!: 2.84 लाख अध्यापकों का शिक्षा विभाग में होगा संविलियन

भोपाल। MP सरकार नए साल पर मध्यप्रदेश के 2.84 लाख अध्यापकों को नया तोहफा दे सकती है। सरकारी स्तर पर कवायद शुरू होने के चलते इनके शिक्षा विभाग में संविलियन के आसार बढ़ गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अधिकारियों से भी इस बारे में जानकारी मांगी है।

हाजरी लगाकर स्कूल से गायब हो रहे शिक्षक

बालाघाट. जिले के आदिवासी अंचलों के स्कूलों में शिक्षकों की बेजा मनमानी चल रही है। यहां शिक्षक स्कूल तो पहुंच रहे हैं। लेकिन सिर्फ हाजरी लगाकर स्कूल से गायब हो रहे हैं।

अनुभवी को 2 साल की छूट, 75 फीसद भर्ती लायक नहीं बचे

जबलपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
सरकारी कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक की भर्ती से पहले ही विवाद खड़े होने लगे हैं। 15-20 सालों से कॉलेज में बतौर अतिथि विद्वान पढ़ा रहे शिक्षक भर्ती नियम का विरोध कर रहे हैं। दरअसल मौजूदा नियम में अतिथि विद्वानों के लिए उम्र की सीमा 45 साल रखी गई है।

9000 डीएसएसएबी शिक्षक भर्ती के लिए 20 तक अधिसूचना 20 दिसंबर 2017 तक

जासं, नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने अगस्त में 9000 शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी अधिसूचना को रद करते हुए दिल्ली सेवा अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) को 20 दिसंबर 2017 तक शिक्षक भर्ती के लिए नई अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है।

3080 स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अॉनलाइन आवेदन शुरू

रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के तत्वावधान में सोमवार को स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक पद पर 3080 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अॉनलाइन आवेदन जमा होना शुरू हो गया.

जिन मांगों पर पैसा खर्च नहीं होना सरकार वो भी पूरी नहीं कर रही

भोपाल। नवदुनिया प्रतिनिधि प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही कर्मचारी संगठनों ने सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। बीते एक महीने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, संविदा कर्मी, फार्मासिस्ट और नर्सिंग स्टूडेंट सरकार को घेरने की कोशिश कर चुके हैं।

युक्तियुक्तकरण की नीति विसंगति एवं दोषपूर्ण

देवास. मप्र शिक्षक संघ ने पूर्व में भी जब से युक्ति युक्तकरण की सूचियां ऑनलाइन पोर्टल पर डाली जा रही है। अपै्रल 2017 से अब तक कई बार अधिकारियों का ध्यान विसंगतियों एवं त्रुटियों पर आकर्षित करवाने का प्रयास किया किंतु उन त्रुटियों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया व ऑनलाईन च्वाइस फिलिंग का अवसर दिया गया।

सैकड़ों सरकारी स्कूल आखिर क्यों हो रहे बंद ?

प्रदीप अगाल.बाग. आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी, स्कूलों की दयनीय प्रबंधन स्थिति, योग्य शिक्षकों का अभाव है। इससे बच्चे स्कूल से दूर हो रहे हैं। आदिवासी क्षेत्र के अधिकांश प्राथमिक स्कूलों में छात्र संख्या 20 से 40 तक रह गई है।

Cheat in Patwari Exam:यहां पत्नी के भाई को Patwari बनाने जीजा करा रहा था नकल, अब हवालात में करेंगे भजन

सागर. पत्नी के भाई को पटवारी बनाने के लिए एसवीएन कॉलेज के परीक्षा केंद्र पर एक परीक्षक जीजा द्वारा नकल कराने का मामला सामने आया है। ड्यूटी कर रहे जीजा ने केंद्र पर परीक्षा की व्यवस्था संभाल रहे अधिकारियों से जानकारी छिपाई थी।

महिला अतिथि शिक्षक की नियुक्ति मामले में कटघरे में रादुविवि प्रबंधन

जबलपुर. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुविवि) में एक अतिथि शिक्षक की भर्ती को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, कुछ दिनों पहले रादुविवि महिला प्रशिक्षण केंद्र के लिए एक अतिथि शिक्षक की नियुक्ति हेतु सूचना जारी की गई थी.

केंद्र की नई गाइडलाइंस, प्रिंसिपल की भर्ती सीनियोरिटी से नहीं इंटरव्यू से होगी

अब देशभर के सभी स्कूलों के प्रिंसिपल का अपना कैडर होगा। केंद्र सरकार ने कैब सब-कमेटी की 2005 की सिफारिश के आधार पहली बार प्रिंसिपल के कैडर के लिए गाइडलाइन्स तैयार की हैं।

15 हजार कर्मचारी रहे अवकाश पर कार्यालयों में दिन भर पसरा सन्नाटा

अखिलराजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एवं कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर करीब 15 हजार कर्मचारियों ने शुक्रवार को सामूहिक अवकाश लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस कारण कार्यालयों में सन्नाटा पसरा था। जरूरी कामों से कार्यालयों में आए कर्मचारियों को वापस लौटना पड़ा।

महिला अतिथि शिक्षक की नियुक्ति मामले में कटघरे में रादुविवि प्रबंधन

जबलपुर. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुविवि) में एक अतिथि शिक्षक की भर्ती को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, कुछ दिनों पहले रादुविवि महिला प्रशिक्षण केंद्र के लिए एक अतिथि शिक्षक की नियुक्ति हेतु सूचना जारी की गई थी.

प्रदेश का हर 70वां नागरिक देगा पटवारी परीक्षा, बेरोजगारों से सरकार ने कमाएं इतने रूपए

प्रदेश का हर 70वाँ नागरिक पटवारी बनने की कतार में है। बेरोजगारों की जेब से लगभग 400 करोड़ रुपए निकले है। इस रकम को देख कर ऐसा लग रहा है जैसे बेरोजगारी की भयावह तस्वीर सामने आई है।

शिक्षा विभाग की अतिशेष तबादला सूची जारी

भास्करसंवाददाता | खरगोन एकसाल की तैयारी के बावजूद शासन नियत समय पर शिक्षकों के तबादले नहीं कर पाया। जुलाई तक समायोजन (युक्तियुक्तकरण) और फिर तबादलों से इस साल भी सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठप होगी। क्योंकि अगले दो माह बाद वार्षिक परीक्षा है और शासन ने जिला विभाग से जुड़े शिक्षकों के ट्रांसफर सूची अब जारी की है।

च्वाइस फिलिंग के बाद भी बदल दिया अतिशेष शिक्षकों का ब्लॉक

भास्कर संवाददाता| होशंगाबाद.

लोक शिक्षण संचालनालय से ऑनलाइन प्रक्रिया से होने वाली युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया विसंगति भरी हैं कि छह माह में भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। 7 दिसंबर को अतिशेष शिक्षकों की अंतिम सूची प्रकाशित हुई इसकी खामियां से शिक्षकों में असंतोष है।

शिक्षक तैयार करेंगे स्कूलों की रिपोर्ट, भेजेंगे भोपाल

भास्कर संवाददाता | बुरहानपुर जिले के स्कूलों की वर्तमान स्थिति की जानकारी भोपाल भिजवाई जाएगी। भोपाल के अफसर रिपोर्ट देखकर स्कूलों की जरूरत अनुसार योजना तैयार करेंगे। इससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को सुविधाएं मिलेगी। जरूरी सुविधाएं, व्यवस्थाएं स्कूलों में जुटाई जाएगी। हर जरूरत का ध्यान रखकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

सहायक अध्यापक ने ८ वीं की छात्रा को लिखा प्रेम पत्र

बालाघाट. शासकीय नवीन माध्यमिक शाला सावरी में पदस्थ सहायक अध्यापक गौरीशंकर शरणागत ने अपने ही स्कूल की ८वीं कक्षा की छात्रा को प्रेम पत्र लिख दिया। इस मामले में पीडि़ता और उसके परिजनों की शिकायत पर शिक्षक के खिलाफ धारा ३५४, ५०६, ७/८ लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया है। इस मामले में की जांच उपनिरीक्षक डीएस धुर्वे द्वारा की जा रही है।

मप्र के करीब 10 हजार स्कूलों में एक भी टीचर नहीं , तीस हजार से अधिक संविदा शिक्षकों के पद रिक्त

मप्र के करीब 10 हजार स्कूलों में एक भी टीचर नहीं हैं। पहली से आठवीं कक्षा तक शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है। इसके तहत हजारों बच्चों को प्रवेश तो दिया गया है, लेकिन इन स्कूलों में भी शिक्षकों के हजाराें पद खाली पड़े हैं। इसके चलते आरटीई का उद्देश्य ही पूरा नहीं हो पा रहा है।

मध्य प्रदेश में अंग्रेजी स्कूल बने मजाक, हिंदी माध्यम के शिक्षक पढ़ाते हैं अंग्रेजी

 भोपाल [ मनोज तिवारी ]। मध्य प्रदेश में चल रहे 454 सरकारी अंग्रेजी स्कूल मजाक बनकर रह गए हैं। इनमें न तो अंग्रेजी माध्यम में पढ़ा सकने वाले शिक्षकों की नियुक्ति हुई है और न ही दो साल में छात्रों की संख्या बढ़ी है। हालात यह हैं कि अंग्रेजी और हिंदी माध्यम के बच्चों को एक ही कक्ष में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है।

UPTET news

Facebook