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प्रदेश का हर 70वां नागरिक देगा पटवारी परीक्षा, बेरोजगारों से सरकार ने कमाएं इतने रूपए

प्रदेश का हर 70वाँ नागरिक पटवारी बनने की कतार में है। बेरोजगारों की जेब से लगभग 400 करोड़ रुपए निकले है। इस रकम को देख कर ऐसा लग रहा है जैसे बेरोजगारी की भयावह तस्वीर सामने आई है।
दरअसल 9235 पदों के लिए शनिवार से पटवारी ऑनलाइन परीक्षा शुरू हो रही इस परीक्षा में करीब 10 लाख 20 हजार अभ्यर्थी बैठेगें। यानि प्रदेश का हर 70वाँ नागरिक पटवारी बनने की दौड़ में है।

अभ्यर्थियों में इतना कड़ा मुकाबला है की एक पद के लिए 109 अभियार्थी कतार में है। वे भी ऐसे-वैसे नही, कोई बीटेक या एमबीए डिग्रीधारी है तो कोई पीएचडी और एमटेक है। इस परीक्षा के लिए बेरोजगारों की जेब से अब तक 400 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुके है। 9235 पटवारी के कुल पद निकाले गए है , जबकि 10,20,000 आवदेन करने वाले उम्मीदवार की संख्या है। बता दें कि परीक्षा 29 दिसम्बर तक चलेगी।

19 लाख बेरोजगारों की संख्या

आपको जानकर हैरानी होगी की 19 लाख प्रदेश के दर्ज रोजगार कार्योलयों में बेरोजगारों की संख्या है। आवेदन करने की न्यूनतम योग्यता स्नातक थी। पिछली भर्ती परीक्षा में यह योग्यता 12 वी पास थी। यदि इस बार भी योग्यता यदि 12 पास होती तो यह आकड़ें ढाई गुना अधिक हो सकता था। प्रदेश में आखरी बार 2012 में करीब ढाई हजार पदों के लिए निकली थी। इसके पहले वर्ष 2011 में 40 हजार पदों पर संविदा शिक्षकों की भर्ती हुई थी।

फार्म भरने की फीस 38 करोड़ 25 लाख रुपए

सामान्य वर्ग के लिए 500 रुपे और आरिक्षत वर्ग के लिए 250 रुपए फीस थी। यदि ओसत फीस 375 है तो पीइबी के पास फीस जमा हुई 38. 25 करोड़ रुपए।  4 लाख लोग दूसरे शहर जाएगे प्रति अभियार्थी औसतन खर्च 250 रुपए।

400 करोड़ का हिसाब

आनलाइन पोर्टल फीस: 7 करोड़ 14 लाख रु
कोचिंग फीस: 125 करोड़
तैयारी का खर्च: 200 करोड़
किताबों का खर्च: 25.5 करोड़
परिवहन खर्च: 10 करोड़

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