भास्करसंवाददाता | खरगोन एकसाल की तैयारी के बावजूद शासन नियत समय पर शिक्षकों के तबादले नहीं
कर पाया। जुलाई तक समायोजन (युक्तियुक्तकरण) और फिर तबादलों से इस साल भी
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठप होगी। क्योंकि अगले दो माह बाद वार्षिक परीक्षा
है और शासन ने जिला विभाग से जुड़े शिक्षकों के ट्रांसफर सूची अब जारी की
है।
इससे सिर्फ इन स्कूलों के परिणामों पर असर पड़ने की आशंका है बल्कि शिक्षक संगठन भी नाराज हो गए है। तबादलों के बाद दूसरे स्कूलों में ज्वॉइनिंग के बाद नए सिरे से पढ़ाना शिक्षकों के लिए मुसीबत बन जाएगा। आदेश से शिक्षा विभाग से जुड़े दो ब्लॉक बड़वाह के 25 और कसरावद के 18 शिक्षक प्रभावित होंगे। शिक्षा विभाग पिछले छह माह में अतिशेष अध्यापकों की विसंगति रहित सूची जारी नहीं कर पाया। सूची पर बार-बार सवाल उठने के कारण विभाग को अब तक दस से ज्यादा बार स्पष्टीकरण जारी करने पड़े हैं। जिससे ये प्रक्रिया साल के अंत तक पूरी हो पाई। तबादले होने की सूरत में ज्वॉइनिंग और फिर व्यवस्थित होने में डेढ़ से दो माह का समय लग जाता है। ऐसे में परीक्षा तक पढ़ाई संभव नहीं है। बीच सत्र तबादले के कारण कई शिक्षक आदेश निरस्त कराने की जोड़-तोड़ करेंगे, जिसमें और देरी की संभावना है। इससे स्कूल कैलेंडर प्रभावित होगा। मामले में मप्र शिक्षक संघ ने भी नाराजगी जताई है। जिलाध्यक्ष रमेशचंद्र पाटीदार ने बताया पहले ही प्रक्रिया काफी देरी से हुई है, इसमें भी विसंगतियां दूर नहीं हुई है। जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत कर निराकरण की मांग करेंगे। शिक्षकों के मुताबिक अधिकतर सरकारी स्कूलों में इस वक्त कोर्स की आधी से ज्यादा पढ़ाई पूरी हो चुकी है। शेष अगले साल वर्ष फरवरी 2018 में परीक्षा होगी।
इससे सिर्फ इन स्कूलों के परिणामों पर असर पड़ने की आशंका है बल्कि शिक्षक संगठन भी नाराज हो गए है। तबादलों के बाद दूसरे स्कूलों में ज्वॉइनिंग के बाद नए सिरे से पढ़ाना शिक्षकों के लिए मुसीबत बन जाएगा। आदेश से शिक्षा विभाग से जुड़े दो ब्लॉक बड़वाह के 25 और कसरावद के 18 शिक्षक प्रभावित होंगे। शिक्षा विभाग पिछले छह माह में अतिशेष अध्यापकों की विसंगति रहित सूची जारी नहीं कर पाया। सूची पर बार-बार सवाल उठने के कारण विभाग को अब तक दस से ज्यादा बार स्पष्टीकरण जारी करने पड़े हैं। जिससे ये प्रक्रिया साल के अंत तक पूरी हो पाई। तबादले होने की सूरत में ज्वॉइनिंग और फिर व्यवस्थित होने में डेढ़ से दो माह का समय लग जाता है। ऐसे में परीक्षा तक पढ़ाई संभव नहीं है। बीच सत्र तबादले के कारण कई शिक्षक आदेश निरस्त कराने की जोड़-तोड़ करेंगे, जिसमें और देरी की संभावना है। इससे स्कूल कैलेंडर प्रभावित होगा। मामले में मप्र शिक्षक संघ ने भी नाराजगी जताई है। जिलाध्यक्ष रमेशचंद्र पाटीदार ने बताया पहले ही प्रक्रिया काफी देरी से हुई है, इसमें भी विसंगतियां दूर नहीं हुई है। जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत कर निराकरण की मांग करेंगे। शिक्षकों के मुताबिक अधिकतर सरकारी स्कूलों में इस वक्त कोर्स की आधी से ज्यादा पढ़ाई पूरी हो चुकी है। शेष अगले साल वर्ष फरवरी 2018 में परीक्षा होगी।