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मध्यप्रदेश में सरकार बदलने का खामियाजा उठा रहे हैं 20 हजार शिक्षक

 भोपाल. मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक का खामियाजा प्रदेश के 20 हजार शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है। तीन साल पहले शिक्षकों की भर्ती के लिये शुरु हुई प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। कोरोना संक्रमण के साथ ही प्रदेश में सरकार का स्वस्थ्य सेवाओं पर आ गया और हजारों शिक्षक अब भी इस उम्मीद में बैठे है कि सत्र शुरु होते ही स्कूलों में पढ़ाने जाएंगे।

हाल में ही कोरोना के चलते स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी स्कूलों को मार्च तक बंद करने की घोषणा कर दी है। साथ ही इस साल कक्षा 5 और 8वीं के बोर्ड एक्जाम नहीं कराने का भी निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बैठक में ये सभी निर्णय लिये गये पर शिक्षकों की नियु्क्ति को लेकर कोई बात नहीं हुई। सरकार के इस रवैये के चलते चयनित शिक्षकों का इस साल स्कूलों मं पढ़ाने का सपना पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। सरकार के रवैये को देखकर लगता है कि प्रदेश में चयनित शिक्षकों को अभी और इंतजार करना होगा।

भर्ती 40 हजार, रखे जाएंगे 20 हजार
साल 2018 में जब प्रदेश में शिक्षको की भर्ती निकली थी तब करीब 40 हजार शिक्षकों को भर्ती किया जाना था। 3 साल बीतने के बाद आधे शिक्षकों के अरमानों पर पानी फिर गया। भर्ती के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग ने कोवेल 20500 ही पद स्वीकृत किए और जब 1 जनवरी 2020 से स्कूल शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की, तो उसमें 15 हजार उच्च माध्यमिक शिक्षक के और 5670 पद माध्यमिक शिक्षक के भरे जाने थे। शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन के लिए 1जुलाई 2020 से शुरु हो गये। जिन शिक्षकों की प्रावधिक चयन सूची एवं प्रतीक्षा सूची के शिक्षकों के पेपर्स का वैरिफिकेशन 3 जुलाई 2020 तक हो गया। लेकिन जोइनिंग आजतक नहीं मिली। सरकार ने कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए रोक लगा दी।

मध्यप्रदेश में स्कूली शिक्षा की स्थिति किसी छिपी नहीं है। टीचर्स की कमी से प्रदेश के सैकड़ों स्कूल बड़े स्कूलों में मर्ज करने पड़े हैं। अधिकतर सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिये पर्याप्त संख्या में शिक्षक नहीं हैं। शिक्षकों की भर्ती इससे पहले 2010 में हुई थी। 2018 में प्रदेश सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा कराई थी। इसी के बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो गये, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ गई। शिक्षकों की परीक्षा का परिणाम सितंबर 2019 में आया।

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