भोपाल। अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी निजी स्कूलों के शिक्षक की तर्ज पर अपडेट रहेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने शासकीय शिक्षकों को दक्ष और अपडेट बनाने के लिए एक नई कवायद शुरू की है। सरकारी स्कूलों के शिक्षक कक्षा में जाने से पहले किस तरह से अपने आप को तैयार करें, साथ ही बच्चों के मानसिक स्तर को कैसे समझें,
इसके बारे में उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि स्कूल खुलने पर इसका असर नजर आए। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए एनजीओ 'निष्ठा' के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक प्रथम चरण में तीन माड्यूल करना है। जिन शिक्षकों ने पहले चरण का प्रशिक्षण नहीं लिया, उसके खिलाफ कार्यवाही होगी। शिक्षकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण लेने का शनिवार को अंतिम अवसर है। 1 नवंबर से 15 नवंबर तक दूसरे चरण का प्रशिक्षण चलेगा। प्रशिक्षण की यह प्रक्रिया 15 जनवरी तक चलेगी। एनजीओ 'निष्ठा' के माध्यम से शिक्षकों को प्रमुखत: यही सिखाया जा रहा है कि उन्हें कक्षा में जाने से पहले किस तरह से अपडेट होना चाहिए। साथ ही उन्हें बताया जा रहा है कि बच्चों को पढ़ाने का तरीका क्या हो और उनके मानसिक विकास का किस तरह ध्यान रखें। इसके अलावा शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। अब तक प्रदेश के 80 फीसद से अधिक शिक्षक प्रथम चरण में प्रशिक्षण ले चुके हैं।इन विषयों पर प्रशिक्षण
पाठ्यचर्चा और समावेशी कक्षा, सामाजिक योग्यता विकसित करना, विद्यालय में स्वास्थ्य और कल्याण, सीखने के परिणाम पर समझ, पाठ्यपुस्तकें:शिक्षकों की मित्र, बेहतर शिक्षण योजना बनाने का मुख्य आधार, पाठ योजनाएं-सीखने सिखाने का आधार विषय पर कोर्स सीरीज चलाई जा रही है।
छोटे जिले के शिक्षक प्रशिक्षण में आगे
नीमच से 2789, झाबुआ से 4008, छिंदवाड़ा से 8180, बैतूल से 6170, नरसिंगपुर से 3674, उज्जैन से 4431, देवास से 4359, मंदसौर से 3993, उमरिया से 2192 सहित अन्य छोटे जिलों के शिक्षकों के प्रशिक्षण लेने का प्रतिशत 90 फीसद से ज्यादा है। वहीं बड़े शहरों के शिक्षक प्रशिक्षण में अपेक्षाकृत कम दिलचस्पी ले रहे हैं।
Posted By: Ravindra Soni