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मध्य प्रदेश में पहली बार कोवैक्सीन का ट्रायल, शिक्षक को पहला टीका

 भोपालः मध्य प्रदेश में पहली बार कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल  राजधानी के एक निजी अस्पताल में शुरू हुआ है। कोवैक्सीन  क पहला टीका राजधानी के एक  शिक्षक को टीका लगाया गया।

जिस शिक्षक को टीका लगाया गया है, उन्होंने बताया कि मुझे  जानकारी मिली थी कि पीपुल्स अस्पताल में टीके का ट्रायल हो रहा है। जब तक परीक्षण नहीं होगा गुणवत्ता की जांच कैसे होगी, इसलिए मैं टीका लगवाने आया हूं। पीपुल्स अस्पताल के अतिरिक्त राजधानी के सरकारी गांधी मेडिकल कॉलेज में अगले हफ्ते से ट्रायल शुरू हो सकता है।

पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अनिल दीक्षित ने मीडिया को बताया कि हमारे यहां को वैक्सीन के 1000 डोज पहुंच चुके हैं, भारत बायोटेक के एक प्रतिनिधि आए हुए है। ग़ौरतलब है कि मध्य प्रदेश के लिए यह  पहला मौक़ा है ,जब भोपाल के पीपुल्स अस्पताल को कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए चुना गया है। इसके साथ हाई राजधानी के सरकारी गांधी मेडिकल कॉलेज में भी ट्रायल की तैयारी हुई, लेकिन अभी वहां डोज नहीं आए हैं।

वैक्सिनेशन के  बाद वोलंटियर के  स्वास्थ्य की लगातार निगरानी की जाएगी। वैक्सीनेशन के बाद वॉलिंटियर्स की इम्युनिटी की जांच की जाएगी। इस जांच में टीकाकरण के बाद संबंधित व्यक्ति के इम्यून सिस्टम में हुए बदलाव का एनालिसिस किया जाएगा।

इसके अलावा प्रत्येक वॉलिंटियर्स का टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी टेस्ट एक निश्चित समय अंतराल के बाद किया जाएगा, ताकि संबंधित में वैक्सीन के बाद एंटीबॉडी बनने के लेवल को जांचा जा सके। पहले डोज के बाद 28 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। गर्भवती होने पर महिला को कोवैक्सीन का टीका नहीं लगाया जाएगा। पीपुल्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर राजेश कपूर ने बताया कि अब तक  तक जितने रजिस्ट्रसन  हो चुके हैं, उनमें एक महिला भी शामिल है।

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