भोपाल। प्रदेश में शासकीय
प्राथमिक माध्यमिक शालाओं में स्वीकृत शैक्षणिक पदों के अनुरूप पद-स्थापना
की कार्यवाही युक्ति-युक्तकरण निरंतर जारी है। माध्यमिक शालाओं के संबंध
में स्कूल शिक्षा विभाग ने 11 अप्रैल, 19 मई और 22 मई को निर्देश जारी किये
हैं। विभाग ने छात्र संख्या के अनुसार अतिशेष शिक्षकों की संख्यात्मक सूची
क्रमांक-1, शाला में रिक्त पदों की शालावार सूची क्रमांक-2 एवं शाला में
अतिशेष शिक्षकों की विषयवार सूची क्रमांक-3 एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड की है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि माध्यमिक शालाओं में शिक्षा के
अधिकार अधिनियम के अनुसार शिक्षक विषयमान के अनुसार अर्थात विज्ञान विषय,
गणित विषय के साथ अंग्रेजी एवं सामाजिक विज्ञान विषय के होना आवश्यक है। इस
प्रकार 105 छात्र संख्या होने पर प्रत्येक अगले 35 छात्र संख्या पर क्रमश:
1-1 विषयमान से शिक्षक की संख्या में वृद्धि होगी। इस प्रकार 35 छात्र
संख्या के अनुक्रम में संस्कृत, जीव-विज्ञान एवं हिन्दी (सामाजिक विज्ञान)
के शिक्षक होंगे।
किसी शासकीय माध्यमिक विद्यालय में 100 से कम छात्र संख्या है, तो भी वहाँ
पर 3 शिक्षक होना अनिवार्य है, लेकिन वे विषयमान से नहीं है, तो उन्हें
अतिशेष माना जायेगा। ऐसी परिस्थिति में विभाग ने यह व्यवस्था भी की है कि
कोई शिक्षक विषयमान का नहीं होने पर ऐसी संख्या में पदस्थ है, तो विषय के
शिक्षक की पूर्ति होने तक वह यथावत वहाँ पर कार्य करेगा, परंतु अतिशेष की
सूची में उसका नाम रहेगा। छात्र संख्या के मान से किसी विषय के विरुद्ध
अध्यापन कराने वाले शिक्षक उस शाला में तब तक पदस्थ रहेंगे, जब तक कि उस
विषय का शिक्षक उपलब्ध नहीं हो जाता। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने
स्पष्ट आदेश 19 और 22 मई को जारी किये हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा माध्यमिक शालाओं के लिये विषयवार शिक्षकों का
चिन्हांकन इसलिये किया गया है कि भविष्य में स्थानांतरण, संविलियन,
नियुक्ति तथा अतिथि शिक्षकों से उस विषय के शिक्षकों की पूर्ति की जा सके
और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलायी जा सके। माध्यमिक शालाओं में
छात्र संख्या के आधार पर लगभग 4051 शिक्षक अतिशेष चिन्हांकित किये गये हैं,
जिन्हें उन माध्यमिक शालाओं में पदस्थ किया जाना है, जहाँ पर इस विषय का
कोई शिक्षक उपलब्ध नहीं है।