आलीराजपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
जिले के करीब डेढ़ हजार शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण की सूची शुक्रवार शाम को भोपाल से जारी हुई। ये सूची रविवार दोपहर पोर्टल पर खुल पाई। सूची में ऐसे शिक्षकों के नाम भी आ गए जिनका निधन हुए करीब तीन चार माह बीत गए हैं। ऐसी सूची आने से शिक्षा विभाग की दयनीय हालत का पता चलता है।
सूची रविवार को पोर्टल पर खुलने से शिक्षकों को पता चला कि इस पर आपत्ति देने का समय सोमवार शाम 5 बजे तक का ही हैं, लेकिन सोमवार को दिनभर शिक्षक अपना नाम अतिशेष की सूची में देखने और आपत्ति दर्ज कराने के लिए दिन भर सहायक आयुक्त और बीईओ कार्यालय के चक्कर लगाकर भटकते रहे क्यों कि एमपी एजुकेशन पोर्टल की साईट खुली ही नहीं। शिक्षकों ने शासन से आपत्ति देने का समय बढ़ाने की मांग की हैं। जानकारी के अनुसार अतिशेष सूची में नाम देखने के लिए शिक्षक शरद क्षीरसागर, विक्रांत पंवार, पवन मकवाना आदि कई शिक्षक शिक्षिकाएं पोर्टल खुलने के इंतजार में कार्यालयों के चक्कर लगाते रहे किंतु शाम तक पोर्टल खुल नहीं पाया था।
मृत और स्थानांतरित शिक्षकों के नाम सूची में
जानकारी के अनुसार अतिशेष और कार्यरत शिक्षकों की जारी हुई सूची में शासकीय माध्यमिक विद्यालय माछलिया के मृत शिक्षक भूरालाल चौहान का नाम अतिशेष शिक्षकों की सूची में बताया गया हैं। वहीं नार्मल माध्यमिक विद्यालय आलीराजपुर के प्रधानाध्यापक नारायण वास्कले का नाम भी कार्यरत शिक्षकों की सूची में बताया गया है जबकि वास्कले का निधन तीन माह पूर्व हो चुका हैं, वहीं भूरालाल का निधन भी दो माह पूर्व हो गया। संविदा सह अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष राजेश वाघेला ने बताया कि पोर्टल पर जारी सूची में अनेक विसंगितयां है। जिसे देखकर शिक्षक स्वयं आश्यर्च चकित है कि वे अतिशेष की सूची में कैसे आ गए। कहीं कहीं पर दो शिक्षक कार्यरत हैं उन्हें भी अतिशेष बताया गया तो कहीं पर एक ही संस्था के पांच से अधिक शिक्षकों को अतिशेष बता दिया गया। कुछ संस्थाओं में कार्यरत समस्त शिक्षकों को अतिशेष बता दिया गया। वहीं ऐसे शिक्षक जिनका निधन हो गया है उनके नाम भी अतिशेष सूची में शामिल हैं। वाघेला ने बताया कि मृत शिक्षकों के नाम के अलावा स्थानांतरित हो चुके अध्यापक प्रकाश सोलंकी, दिनेश राठौड़ जैसे कई शिक्षकों के नाम भी सूची में शामिल हैं।
परेशानी बताई
विसंगतिपूर्ण सूची को लेकर संघ के पदाधिकारियों द्वारा सहायक आयुक्त कार्यालय और खंड शिक्षा अधिकारी आलीराजपुर डीएस बघेल से चर्चा कर शिक्षकों को हो रही परेशानियों के संबंध में जानकारी दी गई। जिस पर बघेल ने यह स्वीकार किया कि जारी सूची में कई विसंगितयां हैं। जिला जांच समिति द्वारा इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। शिक्षकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अतिशेष शिक्षकों के आवेदन लिए जा रहे है। किंतु वरिष्ठ कार्यालय से पोर्टल पर ही आपत्ति दर्ज कराने के निर्देश हैं। वहीं शिक्षकों ने कहा कि जब पोर्टल खुल ही नहीं रहा है तो आपत्ति कहा और कैसे दर्ज कराएंगे?
आंदोलन की चेतावनी
स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण के नाम पर जो सूची जारी की है, उसमें अधिकांश स्कूलों को पूर्ण रूप से खाली कर दिया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम अन्तर्गत शिक्षकों की पदस्थापना को लेकर विभाग ने जो प्रक्रिया जारी की है उसमें दावे आपत्ति दर्ज कराने को लेकर दिनभर शिक्षक पोर्टल और ऑफिसों के चक्कर लगाते रहे पर न तो जवाबदार अधिकारियों ने शिक्षकों को कोई संतोषप्रद जवाब दिया न ही एज्युकेशन पोर्टल खुला। इससे शिक्षकों में आक्रोश एवं असंतोष व्याप्त है। इस संबंध में मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के प्रतिनिधि हेमन्त सिसोदिया और प्रतापसिंह भूरिया ने अन्य शिक्षकों के साथ सहायक आयुक्त सतीश सिंह से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा और आंदोलन की चेतावनी दी हैं। इस अवसर पर मदनमोहन जाटव, सुरेन्द्र भिंडे, मानेन्द्र गेहलोत, त्रिवेणी चौहान, चन्द्रेश वाघेला, शेखर झिलवे, पुलिन भट्ट, जयश्री गेहलोत,प्रीति डावर, हीरा शिंदे, पवित्र डुडवा, कलसिंह भाबर, राजेश आर वाघेला, आदि उपस्थित थे।
जिले के करीब डेढ़ हजार शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण की सूची शुक्रवार शाम को भोपाल से जारी हुई। ये सूची रविवार दोपहर पोर्टल पर खुल पाई। सूची में ऐसे शिक्षकों के नाम भी आ गए जिनका निधन हुए करीब तीन चार माह बीत गए हैं। ऐसी सूची आने से शिक्षा विभाग की दयनीय हालत का पता चलता है।
सूची रविवार को पोर्टल पर खुलने से शिक्षकों को पता चला कि इस पर आपत्ति देने का समय सोमवार शाम 5 बजे तक का ही हैं, लेकिन सोमवार को दिनभर शिक्षक अपना नाम अतिशेष की सूची में देखने और आपत्ति दर्ज कराने के लिए दिन भर सहायक आयुक्त और बीईओ कार्यालय के चक्कर लगाकर भटकते रहे क्यों कि एमपी एजुकेशन पोर्टल की साईट खुली ही नहीं। शिक्षकों ने शासन से आपत्ति देने का समय बढ़ाने की मांग की हैं। जानकारी के अनुसार अतिशेष सूची में नाम देखने के लिए शिक्षक शरद क्षीरसागर, विक्रांत पंवार, पवन मकवाना आदि कई शिक्षक शिक्षिकाएं पोर्टल खुलने के इंतजार में कार्यालयों के चक्कर लगाते रहे किंतु शाम तक पोर्टल खुल नहीं पाया था।
मृत और स्थानांतरित शिक्षकों के नाम सूची में
जानकारी के अनुसार अतिशेष और कार्यरत शिक्षकों की जारी हुई सूची में शासकीय माध्यमिक विद्यालय माछलिया के मृत शिक्षक भूरालाल चौहान का नाम अतिशेष शिक्षकों की सूची में बताया गया हैं। वहीं नार्मल माध्यमिक विद्यालय आलीराजपुर के प्रधानाध्यापक नारायण वास्कले का नाम भी कार्यरत शिक्षकों की सूची में बताया गया है जबकि वास्कले का निधन तीन माह पूर्व हो चुका हैं, वहीं भूरालाल का निधन भी दो माह पूर्व हो गया। संविदा सह अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष राजेश वाघेला ने बताया कि पोर्टल पर जारी सूची में अनेक विसंगितयां है। जिसे देखकर शिक्षक स्वयं आश्यर्च चकित है कि वे अतिशेष की सूची में कैसे आ गए। कहीं कहीं पर दो शिक्षक कार्यरत हैं उन्हें भी अतिशेष बताया गया तो कहीं पर एक ही संस्था के पांच से अधिक शिक्षकों को अतिशेष बता दिया गया। कुछ संस्थाओं में कार्यरत समस्त शिक्षकों को अतिशेष बता दिया गया। वहीं ऐसे शिक्षक जिनका निधन हो गया है उनके नाम भी अतिशेष सूची में शामिल हैं। वाघेला ने बताया कि मृत शिक्षकों के नाम के अलावा स्थानांतरित हो चुके अध्यापक प्रकाश सोलंकी, दिनेश राठौड़ जैसे कई शिक्षकों के नाम भी सूची में शामिल हैं।
परेशानी बताई
विसंगतिपूर्ण सूची को लेकर संघ के पदाधिकारियों द्वारा सहायक आयुक्त कार्यालय और खंड शिक्षा अधिकारी आलीराजपुर डीएस बघेल से चर्चा कर शिक्षकों को हो रही परेशानियों के संबंध में जानकारी दी गई। जिस पर बघेल ने यह स्वीकार किया कि जारी सूची में कई विसंगितयां हैं। जिला जांच समिति द्वारा इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। शिक्षकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अतिशेष शिक्षकों के आवेदन लिए जा रहे है। किंतु वरिष्ठ कार्यालय से पोर्टल पर ही आपत्ति दर्ज कराने के निर्देश हैं। वहीं शिक्षकों ने कहा कि जब पोर्टल खुल ही नहीं रहा है तो आपत्ति कहा और कैसे दर्ज कराएंगे?
आंदोलन की चेतावनी
स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण के नाम पर जो सूची जारी की है, उसमें अधिकांश स्कूलों को पूर्ण रूप से खाली कर दिया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम अन्तर्गत शिक्षकों की पदस्थापना को लेकर विभाग ने जो प्रक्रिया जारी की है उसमें दावे आपत्ति दर्ज कराने को लेकर दिनभर शिक्षक पोर्टल और ऑफिसों के चक्कर लगाते रहे पर न तो जवाबदार अधिकारियों ने शिक्षकों को कोई संतोषप्रद जवाब दिया न ही एज्युकेशन पोर्टल खुला। इससे शिक्षकों में आक्रोश एवं असंतोष व्याप्त है। इस संबंध में मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के प्रतिनिधि हेमन्त सिसोदिया और प्रतापसिंह भूरिया ने अन्य शिक्षकों के साथ सहायक आयुक्त सतीश सिंह से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा और आंदोलन की चेतावनी दी हैं। इस अवसर पर मदनमोहन जाटव, सुरेन्द्र भिंडे, मानेन्द्र गेहलोत, त्रिवेणी चौहान, चन्द्रेश वाघेला, शेखर झिलवे, पुलिन भट्ट, जयश्री गेहलोत,प्रीति डावर, हीरा शिंदे, पवित्र डुडवा, कलसिंह भाबर, राजेश आर वाघेला, आदि उपस्थित थे।