पेटलावद। नईदुनिया न्यूज नवीन शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के पूर्व
ही क्षेत्र में शिक्षकों की कमी और अव्यवस्थित तरीके से किए गए अटैचमेंट पर
प्रश्नचिन्ह लगाते हुए जनपद अध्यक्ष मथुरी मूलचंद्र निनामा ने शिक्षा
विभाग से मांग की है कि सत्र प्रारंभ होने के पहले ही शिक्षकों को उनके
उचित स्थान पर भेजा जाए।
पूर्व में भी अटैचमेंट खत्म होने के बावजूद कई लोग अपनी सही संस्था में नहीं पहुंच पाए। इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। इसी प्रकार कई संस्थाएं ऐसी हैं, जहां अटैचमेंट टूट जाने से संस्था शिक्षकविहीन हो गई थी, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
जनपद अध्यक्ष निनामा के अनुसार क्षेत्र के कई स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि उनके ही अपने गांव कुंडाल में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं है। कई बार इसकी सूचना दी गई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया और पूरा एक वर्ष निकल गया। अब नया सत्र भी प्रारंभ होने वाला है। इसके पूर्व ही शिक्षकों की पूर्ति की जाए। अभी तक प्रशासन की ओर से इस प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस संबंध में जनपद अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग के साथ कलेक्टर से भी मांग की है कि पूरे क्षेत्र में शिक्षकों की पूर्ति मांग के अनुसार की जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। स्कूलों को अतिथि शिक्षकों के भरोसे न छोड़ा जाए। जहां एकमात्र अतिथि शिक्षक हो, वहां पर एक स्थायी शिक्षक की भी नियुक्ति की जाए।
पूर्व में भी अटैचमेंट खत्म होने के बावजूद कई लोग अपनी सही संस्था में नहीं पहुंच पाए। इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। इसी प्रकार कई संस्थाएं ऐसी हैं, जहां अटैचमेंट टूट जाने से संस्था शिक्षकविहीन हो गई थी, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
जनपद अध्यक्ष निनामा के अनुसार क्षेत्र के कई स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि उनके ही अपने गांव कुंडाल में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं है। कई बार इसकी सूचना दी गई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया और पूरा एक वर्ष निकल गया। अब नया सत्र भी प्रारंभ होने वाला है। इसके पूर्व ही शिक्षकों की पूर्ति की जाए। अभी तक प्रशासन की ओर से इस प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस संबंध में जनपद अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग के साथ कलेक्टर से भी मांग की है कि पूरे क्षेत्र में शिक्षकों की पूर्ति मांग के अनुसार की जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। स्कूलों को अतिथि शिक्षकों के भरोसे न छोड़ा जाए। जहां एकमात्र अतिथि शिक्षक हो, वहां पर एक स्थायी शिक्षक की भी नियुक्ति की जाए।