मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों में रेशनलाइजेशन के बाद जारी लिस्ट में 60 हजार अतिशेष शिक्षक
निकले, जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. क्योंकि अब इन
शिक्षकों और अध्यापकों का ट्रांसफर कर दिया जाएगा,शिक्षक संघों नें इस
प्रक्रिया को विसंगतिपूर्ण बताते हुए स्कूल खुलते ही आंदोलन की चेतावनी दी
है.
शिक्षा विभाग के नए नियमों के तहत सरकारी स्कूलों में सौ छात्र- छात्राओं पर न्यूनत्तम तीन शिक्षक रहेगें. 101 से 105 विद्यार्थी तक तीन शिक्षक के साथ एक प्रधानाध्यापक रहेगा.
न्यूनतम तीन शिक्षक में पहला शिक्षक गणित, दूसरा अंग्रेजी और तीसरा सामाजिक विज्ञान का होगा.
ये संख्या 105 से 140 होने पर चौथा शिक्षक संस्कृत का होगा. छात्रों की संख्या 141 से 175 होने पर पांचवा शिक्षक जीवविज्ञान का होगा. इसी प्रकार दर्ज संख्या 176 से 210 होने पर छठवां शिक्षक हिन्दी का होगा.
इसके बाद प्रत्येक 35 छात्र छात्राओं पर एक एक शिक्षक होगा. लेकिन शिक्षक और अध्यापक इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं
राज्य अध्यापक संघ के अध्यक्ष जगदीश यादव के अनुसार कहना है कि पोर्टल पर गलत जानकारी दर्ज है जिससे अतिशेष शिक्षकों की संख्या ज्यादा दिखाई दे रही है जिसे यदि दुरूस्त नहीं किया गया तो शिक्षक फिर आंदोलन करेंगे.
पदस्थापना की तारीख में गड़बड़ी
स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की गणना का मुख्य आधार कार्यरत शाला में पदस्थापना की तारीख से जारी सूची में अधिकांश शिक्षक और अध्यापकों की पदस्थापना की तारीख ही गलत अंकित है जिससे जारी सूची की विश्वस्नीयता पर प्रश्न खड़े हो रहे हैं.
शिक्षा विभाग के नए नियमों के तहत सरकारी स्कूलों में सौ छात्र- छात्राओं पर न्यूनत्तम तीन शिक्षक रहेगें. 101 से 105 विद्यार्थी तक तीन शिक्षक के साथ एक प्रधानाध्यापक रहेगा.
न्यूनतम तीन शिक्षक में पहला शिक्षक गणित, दूसरा अंग्रेजी और तीसरा सामाजिक विज्ञान का होगा.
ये संख्या 105 से 140 होने पर चौथा शिक्षक संस्कृत का होगा. छात्रों की संख्या 141 से 175 होने पर पांचवा शिक्षक जीवविज्ञान का होगा. इसी प्रकार दर्ज संख्या 176 से 210 होने पर छठवां शिक्षक हिन्दी का होगा.
इसके बाद प्रत्येक 35 छात्र छात्राओं पर एक एक शिक्षक होगा. लेकिन शिक्षक और अध्यापक इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं
राज्य अध्यापक संघ के अध्यक्ष जगदीश यादव के अनुसार कहना है कि पोर्टल पर गलत जानकारी दर्ज है जिससे अतिशेष शिक्षकों की संख्या ज्यादा दिखाई दे रही है जिसे यदि दुरूस्त नहीं किया गया तो शिक्षक फिर आंदोलन करेंगे.
पदस्थापना की तारीख में गड़बड़ी
स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की गणना का मुख्य आधार कार्यरत शाला में पदस्थापना की तारीख से जारी सूची में अधिकांश शिक्षक और अध्यापकों की पदस्थापना की तारीख ही गलत अंकित है जिससे जारी सूची की विश्वस्नीयता पर प्रश्न खड़े हो रहे हैं.