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अतिशेष सूची में दिव्यांग और बीमार शिक्षक का भी जोड़ा नाम, वहीं विषय बदल कर बचाया

भास्कर संवाददाता | श्योपुर जिले के सरकारी स्कूलों शिक्षकों की जरूरत के आधार पर पदस्थापना को लेकर सरकार युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया ऑनलाइन करा रही है। इसके बाद भी युक्तियुक्तकरण में गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। तमाम खामियों के कारण युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पर फिर से सवाल खड़े हो रहे हैं।
कन्या संकुल केन्द्र श्योपुर द्वारा अपलोड की गई सूची में ऐसे शिक्षक-शिक्षिका को अतिशेष में शामिल कर लिया है जो नियमों में नहीं है। दिव्यांग शिक्षक को अतिशेष में रखा गया है। इसी तरह बीमार शिक्षिका को भी अतिशेष सूची में शामिल किया है।

इसके अलावा कई ऐसे शिक्षक भी शामिल हैं जिन्हें दूसरे विषय दिखाकर स्कूलों में ही रोककर रखा है। अतिशेष में आने वाले शिक्षकों को सूची में अतिशेष नहीं दिखाया जा रहा है। वहीं अतिशेष शिक्षकों की सूची पोर्टल पर रविवार की रात को ही अपलोड की गई है। जबकि सूची 19 मई को अपलोड की जाना थी। ऐसी स्थिति में शिक्षकों को मात्र एक ही दिन का समय मिला है। जबकि शासन के निर्देश अनुसार शिक्षकों को आपत्तियां दर्ज कराने के लिए चार दिन का समय निर्धारित किया गया है। लेकिन निर्देशों का पालन स्थानीय स्तर पर नहीं किया जा रहा है।

शिक्षकों का विषय ही बदल दिया

कन्या मिडिल स्कूल श्योपुर के अध्यापक रामबाबू चौरसिया का पदक्रम सूची में विज्ञान विषय दर्ज है। जबकि अतिशेष सूची में सामाजिक विज्ञान का शिक्षक दिखा दिया है। जिससे अतिशेष होने से बचाया जा रहा है। स्कूल श्योपुर के अध्यापक रामबाबू चौरसिया का पदक्रम सूची में विज्ञान विषय दर्ज है।

एक ही शिक्षक को कभी स्नातक तो कभी 12वीं पास बता रहे

मिडिल स्कूल चंबल कॉलोनी में पदस्थ सहायक शिक्षक अनवर अहमद को जारी सूची में अतिशेष नहीं बताया है। उर्दू से स्नातक होना दर्शाया है। जबकि नवंबर-दिसंबर 2016 को जारी पदोन्नति सूची में अनवर को कक्षा 12वीं उर्दू दिखाया है। अपात्र होने के कारण पदोन्नति का लाभ नहीं मिला था। जबकि साल 2011 की नोटशीट में भी स्नातक बताया था। अब जिससे अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एक ही शिक्षक को कभी स्नातक तो कभी 12वीं पास बता दिया जाता है।

शिक्षिका की गांव में पदस्थी शहर के स्कूल में दिखाया

अध्यापक विष्णु शर्मा को अतिशेष सूची में चंबल कॉलोनी में पदस्थ दिखाया है। जबकि उनकी मूल पदस्थापना जनपद श्योपुर के सलमान्य गांव में है। नगरीय निकाय द्वारा जारी सूची में अध्यापक विष्णु शर्मा का कहीं नाम दर्ज नहीं है। प्रतिनियुक्त समाप्त होने के बाद भी मूल संस्था में आज तक वापसी नहीं हो सकी है।

आपत्तियों के आधार पर निराकरण करेंगे

अतिशेष शिक्षकों की सूची रविवार को डाली ली है। शासन स्तर से आपत्तियों के लिए समय बढ़ाया जा सकता है। दिव्यांग और बीमार शिक्षकों का अतिशेष में नियम अनुसार ही रखा है। हटाने के दौरान देखा जाएगा कि उनके स्थान पर कौन से शिक्षक को दूसरे स्कूल में भेजा जाएगा। पोर्टल पर आपत्तियों के आधार पर सभी का निराकरण नियम अनुसार करेंगे। युक्तियुक्तकरण ऑनलाइन हो रहा है। एमएल गर्ग, प्राचार्य, कन्या संकुल केन्द्र श्योपुर

विषय बदलकर दूसरे शिक्षक को रोका

मेरी प|ी मीना सक्सैना पैरालाइसिस से ग्रसित हैं। उन्हें सरप्लस में शामिल कर दिया जबकि उसी स्कूल में रामबाबू चौरसिया विज्ञान के शिक्षक हैं उन्हें आर्ट्स विषय का दिखाकर सरप्लस होने से रोक लिया। देवेन्द्र सक्सैना, शिक्षिका मीना के पति

दिव्यांग शिक्षक दूसरे चित्र में बीमार शिक्षिका जिनके पति ने शिकायत की।

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शासकीय कन्या मिडिल स्कूल श्योपुर में पदस्थ सहायक अध्यापक लेखराज बंसल को अतिशेष में शामिल किया है। जबकि लेखराज दोनों पैरों से नि:शक्त हैं। जबकि दिव्यांगों को अतिशेष में शामिल नहीं करना है।

मिडिल स्कूल क्रमांक 1 में जफर खां और अशफाक कुर्रेशी दोनों ही उर्दू शिक्षक हैं। स्कूल में भी छात्र संख्या पर्याप्त है। इसके बाद भी दोनों को अतिशेष दिखाया गया है। वहीं मिडिल स्कूल क्रमांक 2 में इंसाफ अहमद उर्दू शिक्षक को रोककर रखा गया है। जबकि विद्यालय में उर्दू छात्र पर्याप्त नहीं है।

कन्या मिडिल श्योपुर में पदस्थ सहायक अध्यापक मीना सक्सैना पैरालाइसिस से ग्रस्त हैं। रिटायरमेंट भी एक साल का समय बचा है। स्पष्ट निर्देशों के बाद भी बीमार महिला को अतिशेष में शामिल कर लिया है। 

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