एजुकेशन पोर्टल अभिभावकों से लेकर शिक्षकों तक के लिए मुसीबत बना हुआ है।
प्रदेश भर का काम एक साथ होने के कारण यह स्थिति है। पोर्टल नहीं चलने के
कारण अभिभावकों को जहां आरटीई के तहत अपने बच्चों को एडमिशन दिलाने के लिए
रजिस्ट्रेशन कराने में दिक्कतें आ रही हैं, वहीं युक्तियुक्तकरण की
प्रक्रिया में अतिशेष की सूची में आए शिक्षक तीन दिन बाद भी दावे आपत्तियां
नहीं लगा पाए हैं।
जबकि वास्तविकता यह है कि 734 शिक्षकों को अतिशेष की सूची में रखा गया है। इनमें से करीब 400 शिक्षक ऐसे हैं जो दावे-आपत्तियां लगाना तो चाह रहे हैं, लेकिन पोर्टल काम नहीं करने के कारण ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। उधर शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत भी हाल बेहाल हैं। जिले में आरटीई की करीब 10 हजार 400 सीटें पोर्टल पर बताई जा रही हैं। इनके विरुद्ध महज 2100 रजिस्ट्रेशन ही अभिभावक करा पाए हैं।
बुधवार को दिनभर पोर्टल ने काम नहीं किया। इसके चलते दोनों ही काम पिछड़ रहे हैं।
30 तक लगना है आपत्तियां, प्राइमरी की काउंसिलिंग उपलब्ध : मिडिल स्कूल में अतिशेष के दायरे में आए शिक्षकों के लिए दावे-आपत्तियां लगाने का समय पहले 22 मई निर्धारित किया गया था। लेकिन इस दौरान पोर्टल नहीं खुला। अब तारीख बढ़ाकर 30 मई कर दी गई है। परंतु स्थिति यह है कि मंगलवार को पोर्टल में आपत्ति दर्ज नहीं हुई तो बुधवार को पोर्टल खुला ही नहीं। ऐसे में यह प्रक्रिया उलझती दिख रही है। इससे पहले प्राइमरी स्कूल के युक्तियुक्तकरण के तहत सूची जारी होने के बाद दावे-आपत्तियां भी दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन इनकी काउंसिलिंग की तारीख ही तय नहीं हो रही है।
शिक्षकों में चर्चा है कि 10 मई तक सबकुछ पूरा होना था, लेकिन विभाग ऐसा उलझ गया है कि शायद युक्तियुक्तकरण न हो पाए।
दावे-आपत्तियों के लिए सभी को समय मिलेगा : डीईओ
Ãमिडिल स्कूल की सूची में अतिशेष के दायरे में आए शिक्षकों के लिए दावे-आपत्तियां लगाने के लिए पर्याप्त समय दिया जा रहा है। 30 मई तक सबकी आपत्तियां आसानी से लग जाएंगी। प्राइमरी के काउंसिलिंग की तारीख भोपाल से ही आना है, उम्मीद है जल्दी ही जारी होगी। - संतोष शर्मा, डीईओ सागर
अभिभावक पोर्टल पर नजर रखें : डीपीसी
Ãयह सही है कि पोर्टल के कारण अभिभावकों को परेशानियां हो रही हैं। पर बीच-बीच में काम भी कर रहा है। अभिभावकों को सतत नजर रखते हुए आरटीई के तहत रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। सभी बीईओ ऑफिस में फार्म भी रखवाए गए हैं, जिसे देखकर अभिभावक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन आसानी से करा सकें। - एचपी कुर्मी, डीपीसी सागर
641 स्कूल हैं आरटीई के दायरे में
एजुकेशन पोर्टल पर जो जानकारी दर्ज है, उसके मुताबिक जिले में 641 स्कूल ऐसे रजिस्टर्ड हैं जो आरटीई के दायरे में आते हैं। यानि यहां कक्षा पहली की 25 फीसदी सीटों पर बीपीएल कार्डधारी अभिभावकों के बच्चों को एडमिशन दिए जाना हैं। इन सीटों की संख्या 10 हजार 400 है, लेकिन पंजीयन महज 2100 यानी एक चौथाई तक नहीं हो सके हैं। 15 मई से प्रक्रिया शुरु हो चुकी है, जबकि अब मात्र 7 दिन ही शेष रह गए हैं। यदि एक दो दिन और पोर्टल नहीं खुलता है तो उपलब्ध सीटों में से आधे के बराबर भी रजिस्ट्रेशन होना मुश्किल है।
ऑनलाइन बनी उलझन
जबकि वास्तविकता यह है कि 734 शिक्षकों को अतिशेष की सूची में रखा गया है। इनमें से करीब 400 शिक्षक ऐसे हैं जो दावे-आपत्तियां लगाना तो चाह रहे हैं, लेकिन पोर्टल काम नहीं करने के कारण ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। उधर शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत भी हाल बेहाल हैं। जिले में आरटीई की करीब 10 हजार 400 सीटें पोर्टल पर बताई जा रही हैं। इनके विरुद्ध महज 2100 रजिस्ट्रेशन ही अभिभावक करा पाए हैं।
बुधवार को दिनभर पोर्टल ने काम नहीं किया। इसके चलते दोनों ही काम पिछड़ रहे हैं।
30 तक लगना है आपत्तियां, प्राइमरी की काउंसिलिंग उपलब्ध : मिडिल स्कूल में अतिशेष के दायरे में आए शिक्षकों के लिए दावे-आपत्तियां लगाने का समय पहले 22 मई निर्धारित किया गया था। लेकिन इस दौरान पोर्टल नहीं खुला। अब तारीख बढ़ाकर 30 मई कर दी गई है। परंतु स्थिति यह है कि मंगलवार को पोर्टल में आपत्ति दर्ज नहीं हुई तो बुधवार को पोर्टल खुला ही नहीं। ऐसे में यह प्रक्रिया उलझती दिख रही है। इससे पहले प्राइमरी स्कूल के युक्तियुक्तकरण के तहत सूची जारी होने के बाद दावे-आपत्तियां भी दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन इनकी काउंसिलिंग की तारीख ही तय नहीं हो रही है।
शिक्षकों में चर्चा है कि 10 मई तक सबकुछ पूरा होना था, लेकिन विभाग ऐसा उलझ गया है कि शायद युक्तियुक्तकरण न हो पाए।
दावे-आपत्तियों के लिए सभी को समय मिलेगा : डीईओ
Ãमिडिल स्कूल की सूची में अतिशेष के दायरे में आए शिक्षकों के लिए दावे-आपत्तियां लगाने के लिए पर्याप्त समय दिया जा रहा है। 30 मई तक सबकी आपत्तियां आसानी से लग जाएंगी। प्राइमरी के काउंसिलिंग की तारीख भोपाल से ही आना है, उम्मीद है जल्दी ही जारी होगी। - संतोष शर्मा, डीईओ सागर
अभिभावक पोर्टल पर नजर रखें : डीपीसी
Ãयह सही है कि पोर्टल के कारण अभिभावकों को परेशानियां हो रही हैं। पर बीच-बीच में काम भी कर रहा है। अभिभावकों को सतत नजर रखते हुए आरटीई के तहत रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। सभी बीईओ ऑफिस में फार्म भी रखवाए गए हैं, जिसे देखकर अभिभावक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन आसानी से करा सकें। - एचपी कुर्मी, डीपीसी सागर
641 स्कूल हैं आरटीई के दायरे में
एजुकेशन पोर्टल पर जो जानकारी दर्ज है, उसके मुताबिक जिले में 641 स्कूल ऐसे रजिस्टर्ड हैं जो आरटीई के दायरे में आते हैं। यानि यहां कक्षा पहली की 25 फीसदी सीटों पर बीपीएल कार्डधारी अभिभावकों के बच्चों को एडमिशन दिए जाना हैं। इन सीटों की संख्या 10 हजार 400 है, लेकिन पंजीयन महज 2100 यानी एक चौथाई तक नहीं हो सके हैं। 15 मई से प्रक्रिया शुरु हो चुकी है, जबकि अब मात्र 7 दिन ही शेष रह गए हैं। यदि एक दो दिन और पोर्टल नहीं खुलता है तो उपलब्ध सीटों में से आधे के बराबर भी रजिस्ट्रेशन होना मुश्किल है।
ऑनलाइन बनी उलझन