एसडीएम जब औचक निरीक्षण करते छुई, भटेखारी के सरकारी स्कूल पहुंचे तो देखकर दंग रह गए, मौके पर विद्यार्थी तो थे, लेकिन शिक्षकों के अलावा प्राचार्य, प्रधानपाठक ही बिना सूचना गैरहाजिर थे।
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नकल मिली तो केंद्राध्यक्षों के खिलाफ होगी कार्रवाई
प्रदेश टुडे संवाददाता, मुरैना
: माध्यमिक शिक्षा मण्डल
बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में मुख्य कार्यपालन जिला पंचायत अनुराग वर्मा
जिले के 81 परीक्षा केन्द्रों के केन्द्राध्यक्ष व सहायक केन्द्राध्यक्षों
को निर्देश दिये कि बोर्ड परीक्षाओं में केन्द्र पर नकल मिलने पर
केन्द्राध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई होगी। यह बात उन्होंने शनिवार को शा.
उमावि के ओडीटोरियम भवन में सभी केन्द्राध्यक्षों को दिये। इस अवसर पर जिला
शिक्षा अधिकारी डॉ. आरएन नीखरा, प्राचार्य डॉ. परमार सहित सभी
केन्द्राध्यक्ष व सहायक केन्द्राध्यक्ष उपस्थित थे।
कृपया शेयर करें : मंजिल मिल ही जायेगी भटकते ही सही, गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नहीं
पढ़ाई पूरी करने के बाद एक छात्र किसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाने की चाह में इंटरव्यू देने के लिए पहुंचा....
छात्र ने बड़ी आसानी से पहला इंटरव्यू पास कर लिया...
छात्र ने बड़ी आसानी से पहला इंटरव्यू पास कर लिया...
7 मार्च को हमारा पड़ाव होगा भोपाल और उसी दिन अतिथि शिक्षको का इतिहास लिखा जायेगा
अतिथि शिक्षक साथियो 7 मार्च को हमारा पड़ाव होगा भोपाल और उसी दिन अतिथि शिक्षको का इतिहास लिखा जायेगा जिसमे हमारी एकमेव नियमितीकरण की माँग को पुर जोर तरीके से प्रेषित किया जायेगा शाशन के समक्ष और सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षक एकत्रित होकर अपनी नियमितीकरण और 8 वर्षो की तपस्या को फ़लीभूत होते हुए देख पाएंगे परन्तु उसके लिए हमारी संख्या का महत्वपूर्ण होना हमारे लक्ष्य को अग्रेषित करेगा।
सेवा समाप्त करने से अतिथियों में आक्रोश
नसरुल्लागंज| मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शासकीय
स्कूलों में नियमित शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई व शैक्षणिक
कार्य प्रभावित ना हो इसके लिए संपूर्ण प्रदेश में विषयवार शिक्षकों के रुप
में अतिथि शिक्षकों की अस्थायी तौर पर पदस्थापना की गई।
दो साल से नियुक्ति का इंतजार, न्याय के लिए पानी की टंकी पर चढ़ की नारेबाजी
भोपाल। राज्य शिक्षा विभाग की ओर से दो साल पहले 2208 पदों पर लेखापाल की संयुक्त परीक्षा में चयनित कई अभ्यर्थियों को आज तक नियुक्ति नहीं दी गई है। नियुक्ति के इंतजार में इन अभ्यर्थियों ने गुरुवार को जेल पहाड़ी के पीछे सांकेतिक धरना दिया। यही नहीं कुछ अभ्यर्थी न्याय पाने के लिए वहां बनी पानी की टंकी पर चढ़ गए और नारेबाजी करने लगे।
अध्यापकों का होना चाहिए शिक्षा विभाग में संविलियन
शमशाबाद| प्रदेश के अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन करते हुए समान
कार्य का समान पद नाम, वेतन भत्ते तथा अन्य सुविधाएं शिक्षकों की तरह दी
जाएं। इन मांगों को लेकर राज्य अध्यापक संघ के पूर्व प्रदेश संयोजक सुदामा
प्रसाद शर्मा ने मुख्यमंत्री को भेजा है।
समान नियुक्ति वर्ष के अध्यापकों के वेतन में विसंगति
मध्यप्रदेश शासन ने 1 जनवरी 2016 से अध्यापक संवर्ग को छठवां वेतनमान दिया
है। इसके लिए 31 दिसंबर 2015 की स्थिति में अध्यापकों का वेतन निर्धारण
संकुल प्राचार्य द्वारा किया गया हैं। संकुल स्तर पर वेतन गणना में एकरूपता
का अभाव है।
आधार कार्ड को लेकर सरकार का अहम आदेश, जरूर पढ़ें
नई दिल्ली। कई जरूरी सेवाओं में आधार कार्ड को अनिवार्य करने के बाद सरकार ने अब एक और बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है।
छात्रा को लव लेटर लिखने वाला शिक्षक सस्पेंड
सिवनी. स्कूली
छात्रा को लेटर लिखने वाले शिक्षक के खिलाफ अभिभावकों का गुस्सा सामने आने
और प्राचार्य की शिकायत पर जांच कराए जाने के बाद आरोपी शिक्षक को निलंबित
(सस्पेंड) कर दिया गया है।
शिक्षकों को नहीं किसी का डर, एक घंटे पहले ही स्कूल में लगा दिया ताला
स्कूल का निरीक्षण करने
पहुंचे बीएसी आनंद दुबे ने बताया कि शाम 4.05 बजे वह स्कूल पहुंचे तो ताला
लगा हुआ था। शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए वह वरिष्ठ अधिकारियों के लिए
प्रस्ताव भेजेंगे।
स्पेशल इंग्लिस का पेपर देने के लिए पहुंची सिर्फ 1 छात्रा
टीकमगढ़|नजर बाग स्थित कन्या हायर सेकंडरी स्कूल के परीक्षा केंद्र में
शुक्रवार को गजब का नजारा रहा। यहां 12 वीं में स्पेशल इंग्लिस का पेपर
देने सिर्फ एक छात्रा पहुंची। इस छात्रा को परीक्षा दिलवाने के लिए ठीक
वैसी ही तैयारी की गई, जैसे 100 छात्रों की परीक्षा हो। केंद्र में सात
कर्मचारियों की देखरेख में परीक्षा कराई गई।
कहीं शिक्षक गायब तो कहीं मेन्यू का पालन नहीं, वेतन काटने की रिपोर्ट अफसरों को दी
शहर सहित ग्रामीण अंचलों के स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंची बीआरसी की टीम
को कई स्कूलों में खामियां मिली। कहीं शिक्षक गायब थे तो कहीं मेन्यू के
अनुसार मध्यान्ह भोजन नहीं मिल रहा था।
समान नियुक्ति वर्ष के अध्यापकों के वेतन में विसंगति
मध्यप्रदेश शासन ने 1 जनवरी 2016 से अध्यापक संवर्ग को छठवां वेतनमान दिया
है। इसके लिए 31 दिसंबर 2015 की स्थिति में अध्यापकों का वेतन निर्धारण
संकुल प्राचार्य द्वारा किया गया हैं। संकुल स्तर पर वेतन गणना में एकरूपता
का अभाव है।
अतिथि शिक्षक तिरंगा लेकर 7 को भोपाल जाएंगे
भास्कर संवाददाता | आलीराजपुर 20 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के
सदस्य 7 मार्च को जिले से तिरंगा यात्रा लेकर भोपाल जाएंगे। वहां पर
विधानसभा भवन पहुंचकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।
अतिथि शिक्षकों ने दिया ज्ञापन
मंदसौर | नियमितिकरण की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों ने केंद्रीय सामाजिक
न्याय मंत्री थावरचंद गेहलोत को ज्ञापन दिया। शिक्षक संघ ने लंबे समय से
चली आ रही मांग के निराकरण का अनुरोध किया।
आलेख : “मिशन 2018” का बजट
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार राजनीतिक रूप से पहले ही मिशन 2018 के
मूड में आ चुकी थी. अब सूबे का नया बजट भी अगले साल होने जा रहे विधानसभा
चुनाव के रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है. वित्तमंत्री जयंत मलैया द्वारा
वित्त वर्ष 2017-18 के लिये पेश किये गये बजट में 2018 के जीत की चाभी
तलाशने की कोशिश गयी है.
छात्रों के पास नकल पर्चियां मिलने से 9 शिक्षक सस्पेंड
जबलपुर, पलपल संवाददाता. संवेदनशील परीक्षा केन्द्र घोषित किए गए पाटन ब्लॉक के कन्या और बालक हायर सेकंडरी स्कूल में तैनात शिक्षकों (पर्यवेक्षक) को ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतना भारी पड़ गया.
बोर्ड परीक्षा : संस्कृत के पेपर में नकल कर रहे थे छात्र
सीहोर। सीहोर
में बोर्ड परीक्षा में किस तरह फर्जीवाड़ा हो रहा है इस बात का अंदाजा
गुरुवार को संस्कृत के पेपर में डीपीसी के निरीक्षण के दौरान सामने आई
विसंगतियों से लगाया जा सकता है। डीपीसी को निरीक्षण में परीक्षा ड्यूटी कर
रहे कर्मचारी फोन पर बातचीत करते मिले, वहीं एक केन्द्राध्यक्ष ने डीपीसी
से शिकायत दर्ज कराई कि प्राइवेट स्कूल के संचालक उन पर नकल कराने के लिए
दबाव बना रहे हैं।
प्रदेश में प्ले स्कूलों के लिए कोई नियम-कायदे नहीं
भोपाल, राहुल शर्मा। प्रदेश
में प्ले स्कूलों के लिए कोई नियम-कायदे नहीं हैं। भोपाल में ही 1200 से
ज्यादा प्ले स्कूल संचालित हो रहे हैं। हालात यह है कि जिसकी मर्जी आए वह
प्ले स्कूल खोलकर चला सकता है। इसके लिए न तो प्ले स्कूलों की ओर से सरकार
को कोई टैक्स दिया जाता है और न ही इनकी मॉनीटरिंग की कोई व्यवस्था है।
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