सीहोर। सीहोर
में बोर्ड परीक्षा में किस तरह फर्जीवाड़ा हो रहा है इस बात का अंदाजा
गुरुवार को संस्कृत के पेपर में डीपीसी के निरीक्षण के दौरान सामने आई
विसंगतियों से लगाया जा सकता है। डीपीसी को निरीक्षण में परीक्षा ड्यूटी कर
रहे कर्मचारी फोन पर बातचीत करते मिले, वहीं एक केन्द्राध्यक्ष ने डीपीसी
से शिकायत दर्ज कराई कि प्राइवेट स्कूल के संचालक उन पर नकल कराने के लिए
दबाव बना रहे हैं। डीपीसी के सामने इछावर के दिवडिय़ा परीक्षा केन्द्र की
केन्द्र अध्यक्ष रीता दीवान ने एसडीएम मेहताब सिंह से शिकायत दर्ज कराई है
कि उन्हें प्राइवेट स्कूल के संचालक धमकी दे रहे हैं। एसडीएम ने महिला
केन्द्राध्यक्ष को अस्वस्थ किया है कि वह डरे नहीं, पूरा राजस्व अमला उनके
साथ है।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को हाईस्कूल संस्कृत के पेपर में कुल 31370 बच्चों को बैठना था, जिसमें से एक हजार 118 बच्चे अनुपस्थित रहे हैं। परीक्षा के दौरान एक बरखेड़ाहसन में एक नकल प्रकरण भी बनाया गया है। गुरुवार को संस्कृत के पेपर के दौरान वैसे तो शांतिपूर्ण परीक्षा होने की बात कही जा रही है, लेकिन डीपीसी सीबी तिवारी की निरीक्षण रिपोर्ट ने पूरी परीक्षा की पोल खोलकर सामने रख दी है। डीपीसी को निरीक्षण में फर्जी पर्यवेक्षकों के परीक्षा कराने से लेकर फर्जी परीक्षार्थी परीक्षा में बैठने तक की बात सामने आई है। डीपीसी तिवारी का कहना है कि बोर्ड परीक्षा में हो रही गड़बड़ी को लेकर शुक्रवार को वह विस्तृत रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल और कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे को सौंपेंगे।
शाहगंज के डोबी परीक्षा केन्द्र पर भी खुलेआम नकल
हाईस्कूल परीक्षा संस्कृत पेपर में गुरुवार को शाहगंज के डोबी परीक्षा केन्द्र पर भी खुलेआम नकल कराने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि यहां पर परिजन ने परीक्षा कक्षों की खिड़कियों पर खड़े होकर परीक्षार्थियों को कागज पर प्रश्नों के उत्तर लिख-लिखकर दिए हैं।
डीपीसी के निरीक्षण में मिली ये गड़बड़ी
परीक्षा केन्द्र से निकलते समय बच्चों के प्रश्न पत्र चैक किए गए तो सामने आया कि प्रश्न पत्र पर बच्चों के रोल नंबर नहीं लिखे थे। वस्तुनिष्ट प्रश्नों के उत्तर में टिक का निशान लगा पाया गया। डीपीसी का तर्क है कि इस क्रियाकलाप से ऐसा प्रतीत होता है कि पर्यवेक्षकों ने कर्तव्य का पालन सही नहीं किया है। परीक्षा में नकल कराने का प्रयास किया गया।
परीक्षा केन्द्र में लिपिक एवं दूसरे कर्मचारियों के पास मोबाइल पाए गए। परीक्षा में मोबाइल रखना एवं मोबाइल पर बात करना वर्जित है। डीपीसी ने कहा है कि परीक्षा का संचालन केन्द्र अध्यक्ष के अनुसार संचालित न होकर किसी माफिया के इशारे पर चल रही हैं।
आष्टा में ऐसे और भी केन्द्र जहां आधे बच्चें केन्द्र पर और अज्ञात स्थान पर बैठते है। जैसे भंवरा, खजुरिया कासम, सामरदा में ऐसी शिकायत प्राप्त हुई है।
शासकीय उमावि दिवडिया विकास खंड इछावर में परीक्षा 13 कक्षों में संचालित पायी गई। केन्द्र में 553 में से 535 परीक्षार्थी उपस्थित थे, 18 परीक्षार्थी अनुपस्थित थे। परीक्षा के दौरान अनेक कमियां सामने आई हैं।
दो पर्यवेक्षक एक साथ बच्चों की उपस्थिति और उत्तर पुस्तिका अंकित करने में लगे मिले। इस अवधि छात्र एक दूसरे की नकल कर रहे थे।
परीक्षा केन्द्र में आंतरिक सहायक केन्द्र अध्यक्ष गौरी शंकर श्रीवास्तव शिक्षक उसी ग्राम की शासकीय शाला के होने पर भी उन्हें परीक्षा में लगाया गया है, जो अवैद्याानिक है।
निर्धारित पर्यवेक्षकों की अनुमोदित सूची परीक्षा कन्ट्रोल रूम में नही पाई गई। अनुमोदित सूची से हटकर 19 पर्यवेक्षक ऐसे लगाये गए हे जो केन्द्र के लिए अधिकृत नहीं है।
डीपीसी को जानकारी नहीं है यदि वे केन्द्र पर पूछते तो उन्हें सही जानकारी मिल जाती। जहां तक सहायक केन्द्र अध्यक्ष गांव के ही शिक्षक को बनाने का सवाल है तो मैं रिकार्ड देखता हूं उसके बाद स्थिति क्लीयर होगी।
अनिल वैद्य, जिला शिक्षा अधिकारी सीहोर
जानकारी के अनुसार गुरुवार को हाईस्कूल संस्कृत के पेपर में कुल 31370 बच्चों को बैठना था, जिसमें से एक हजार 118 बच्चे अनुपस्थित रहे हैं। परीक्षा के दौरान एक बरखेड़ाहसन में एक नकल प्रकरण भी बनाया गया है। गुरुवार को संस्कृत के पेपर के दौरान वैसे तो शांतिपूर्ण परीक्षा होने की बात कही जा रही है, लेकिन डीपीसी सीबी तिवारी की निरीक्षण रिपोर्ट ने पूरी परीक्षा की पोल खोलकर सामने रख दी है। डीपीसी को निरीक्षण में फर्जी पर्यवेक्षकों के परीक्षा कराने से लेकर फर्जी परीक्षार्थी परीक्षा में बैठने तक की बात सामने आई है। डीपीसी तिवारी का कहना है कि बोर्ड परीक्षा में हो रही गड़बड़ी को लेकर शुक्रवार को वह विस्तृत रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल और कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे को सौंपेंगे।
शाहगंज के डोबी परीक्षा केन्द्र पर भी खुलेआम नकल
हाईस्कूल परीक्षा संस्कृत पेपर में गुरुवार को शाहगंज के डोबी परीक्षा केन्द्र पर भी खुलेआम नकल कराने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि यहां पर परिजन ने परीक्षा कक्षों की खिड़कियों पर खड़े होकर परीक्षार्थियों को कागज पर प्रश्नों के उत्तर लिख-लिखकर दिए हैं।
डीपीसी के निरीक्षण में मिली ये गड़बड़ी
परीक्षा केन्द्र से निकलते समय बच्चों के प्रश्न पत्र चैक किए गए तो सामने आया कि प्रश्न पत्र पर बच्चों के रोल नंबर नहीं लिखे थे। वस्तुनिष्ट प्रश्नों के उत्तर में टिक का निशान लगा पाया गया। डीपीसी का तर्क है कि इस क्रियाकलाप से ऐसा प्रतीत होता है कि पर्यवेक्षकों ने कर्तव्य का पालन सही नहीं किया है। परीक्षा में नकल कराने का प्रयास किया गया।
परीक्षा केन्द्र में लिपिक एवं दूसरे कर्मचारियों के पास मोबाइल पाए गए। परीक्षा में मोबाइल रखना एवं मोबाइल पर बात करना वर्जित है। डीपीसी ने कहा है कि परीक्षा का संचालन केन्द्र अध्यक्ष के अनुसार संचालित न होकर किसी माफिया के इशारे पर चल रही हैं।
आष्टा में ऐसे और भी केन्द्र जहां आधे बच्चें केन्द्र पर और अज्ञात स्थान पर बैठते है। जैसे भंवरा, खजुरिया कासम, सामरदा में ऐसी शिकायत प्राप्त हुई है।
शासकीय उमावि दिवडिया विकास खंड इछावर में परीक्षा 13 कक्षों में संचालित पायी गई। केन्द्र में 553 में से 535 परीक्षार्थी उपस्थित थे, 18 परीक्षार्थी अनुपस्थित थे। परीक्षा के दौरान अनेक कमियां सामने आई हैं।
दो पर्यवेक्षक एक साथ बच्चों की उपस्थिति और उत्तर पुस्तिका अंकित करने में लगे मिले। इस अवधि छात्र एक दूसरे की नकल कर रहे थे।
परीक्षा केन्द्र में आंतरिक सहायक केन्द्र अध्यक्ष गौरी शंकर श्रीवास्तव शिक्षक उसी ग्राम की शासकीय शाला के होने पर भी उन्हें परीक्षा में लगाया गया है, जो अवैद्याानिक है।
निर्धारित पर्यवेक्षकों की अनुमोदित सूची परीक्षा कन्ट्रोल रूम में नही पाई गई। अनुमोदित सूची से हटकर 19 पर्यवेक्षक ऐसे लगाये गए हे जो केन्द्र के लिए अधिकृत नहीं है।
डीपीसी को जानकारी नहीं है यदि वे केन्द्र पर पूछते तो उन्हें सही जानकारी मिल जाती। जहां तक सहायक केन्द्र अध्यक्ष गांव के ही शिक्षक को बनाने का सवाल है तो मैं रिकार्ड देखता हूं उसके बाद स्थिति क्लीयर होगी।
अनिल वैद्य, जिला शिक्षा अधिकारी सीहोर