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मिल बांचें : रिपोर्ट तय करेगी शिक्षा का आधार

राजगढ़। निज प्रतिनिधि मध्यप्रदेश शासन ने शनिवार को सभी जगह मिल बांचें कार्यक्रम आयोजित कराया। इसे लेकर कई लोगों ने पंजीयन कराए। पंजीकृत लोगों ने अपने तौर-तरीकों से नन्हों को पढ़ाया भी। अब सरकारी महकमे के कई शिक्षकों को इस बात का अंदेशा डराने लगा है कि जब उनके स्कूल से जुड़ी रिपोर्ट बीआरसी कार्यालय से होते हुए डीपीसी और भोपाल तक पहुंचेगी तो क्या होगा।

अतिथियों का करते रहे इंतजार, जन होते रहे परेशान

मंदसौर।भानपुरा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में रविवार को विकासखंड स्तरीय अंत्योदय मेले का आयोजन किया जाना था। अंत्योदय मेला प्रात: 11.30 बजे प्रारंभ होना था। लेकिन अतिथियों के देरी से पहुंचने के कारण मेला दोपहर करीब 2 बजे शुरु हुआ। ऐसे में हितग्राहियों व आमजन को करीब ढाई घंटे तक परेशान होना पड़ा।

शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे केंद्रीय विद्यालय

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । केंद्रीय विद्यालय इस समय शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। हालत यह है कि औसतन हर स्कूल में दस शिक्षकों की कमी है। 10 हजार से ज्यादा शिक्षकों की कमी की वजह से छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहे असर को देखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने इनकी नियुक्ति प्रक्रिया काफी तेज कर दी है।

जानिए, किसने मुंडन कराके विरोध जताया

हरदा। विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर संविदा शाला शिक्षक बनाने की एक सूत्रीय मांग पर आंदोलन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने रविवार को मुंडन कराके विरोध जताया। इस दौरान नारेबाजी भी की गई। परीक्षा के ऐन पहले अतिथि शिक्षकों की हड़ताल से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हुई है।

अपनी ताकत सरकार को दिखाना होगा: शर्मा

बैतूल। वर्षों से शिक्षकों द्वारा समयमान वेतनमान दिए जाने की मांग की जा रही है, लेकिन शिक्षकों की समस्या का हल नहीं निकल रहा है। शिक्षकों को अब सरकार को अपनी ताकत दिखाना होगा। यह बात रविवार को कन्यागंज स्कूल में आयोजित समग्र शिक्षक कल्याण संघ के प्रांतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए संघ के प्रांताध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कही।

पौने चार लाख शिक्षकों को नहीं मिल पाएगी गर्मी की छुट्टी

भोपाल। मनोज तिवारी। प्रदेश के 3 लाख 71 हजार 500 शिक्षकों को गर्मी की छुट्टी नहीं मिलेगी। राज्य सरकार इसके बदले शिक्षकों को अर्जित अवकाश (ईएल) देने पर विचार कर रही है। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इस पर इसी माह फैसला हो सकता है।

साहब ने छात्र से पूछा क्या बनोगे, जवाब- शिक्षक, बिना काम के मिलता है खूब वेतन

देशभर में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का लगातार गिरता स्तर चिंता का विषय बना हुआ है। इसके सुधार के लिए तमाम बड़े बड़े दावे और वादे किए जाते हैं लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात।

मप्र: शिक्षकों को इस साल नहीं मिलेगा 'ग्रीष्मकालीन अवकाश'

मनोज तिवारी/भोपाल। शिक्षकों को हर साल 'ग्रीष्मकालीन अवकाश' मिलता है। यह करीब डेढ़ महीने का होता है। मप्र में 3 लाख 71 हजार 500 शिक्षक हैं जिन्हे अवकाश का लाभ मिलता रहा है परंतु इस साल से उन्हे यह लाभ नहीं मिलेगा। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इस पर इसी माह फैसला हो सकता है।

शिक्षक बनना है तो देनी होगी PET-PMT जैसी परीक्षा

आज हर ओर शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। शिक्षा के स्तर को अच्छा बनाने के लिए भारतीय सरकार ने कुछ बुनियादी कदम अपनाने पर विचार करना शुरू किया है। जिसके माध्यम से शिक्षा के स्तर विशेषकर प्राथमिक शिक्षा की गुणवक्ता मे सुधार किया जा सके।

क्रमिक भूख हड़ताल के 19वे दिन अतिथि शिक्षको के सांथ घटी एक दुखद घटना

क्रमिक भूख हड़ताल के 19वे दिन अतिथि शिक्षको के सांथ घटी एक दुखद घटना

नियमितीकरण के लिए अतिथि शिक्षकों ने मंत्रियों को सौंपा ज्ञापन

नियमितीकरण की मांग को लेकर मंडूक पुष्कर के सामने अतिथि शिक्षकों ने लगातार पांचवें दिन शुक्रवार को धरना दिया। उधर दोपहर में देवास आए प्रदेश के मंत्रियों दीपक जोशी व गौरीशंकर शैजवार को जिला पंचायत कार्यालय जाकर ज्ञापन सौंपा गया।

शिक्षक-विद्यार्थी एक-दूसरे के पूरक इसलिए समर्पण का भाव रखें: रंगराजू

भास्कर संवाददाता | शिवपुरी शिक्षक भविष्य का निर्माता होता है। छात्र का भविष्य संवारना, बिगाड़ना उसे जीनियस बनाना यह प्रमुख रूप से शिक्षक और छात्र पर ही निर्भर करता है, इसलिए यह एक-दूसरे के पूरक हंै। शिक्षक में त्याग, सेवा और समर्पण का भाव हो तो शिक्षक अपने सम्मान को भी बरकरार रखेगा और इससे उसके शिक्षित छात्र-छात्राओं का मनोबल भी बढ़ेगा।

पहले मानव शृंखला बनाई, फिर मांगा हक

नियमितिकरण सहित अन्य मांगों को लेकर गांधी चौराहा पर आंदोलन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने शनिवार को धरना देकर नारेबाजी की। मानव शृंखला बनाकर हक मांगा। रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर और विधायक को ज्ञापन दिया।

तीन दिन पढ़कर आईं मंत्री चिटनीस, फिर 1.20 घंटे 8वीं के बच्चों को पढ़ाई बायोलॉजी

खंडवा. रानी लक्ष्मीबाई माध्यमिक स्कूल। समय सुबह 10 बजे। हॉल में 200 से अधिक विद्यार्थी। ये सभी कक्षा 8वीं के चार वर्ग के विद्यार्थी। पढ़ाई शुरू हुई पाठ क्रमांक 5 की। पाठ कोशिका संरचना एवं कार्य। 10.3 मिनट पर शुरू हुआ पीरियड 11.42 तक चला। विद्यार्थियों ने भी खूब ध्यान से पढ़ाई की। क्यों

प्रशासनिक विभागों मे व्यस्त हैं शिक्षक

अशोकनगर. स्कूलों में शिक्षण कार्य को छोड़ शिक्षक प्रशासनिक कार्यों में लगे हुए हैं। स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। नियमों और निर्देशों का जिले में लंबे समय से मखौल उड़ाया जा रहा है। स्वयं अधिकारी ही अपने दिए निर्देशों का पालन करवाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

पांचवीं के बच्चे नहीं लिख पाए नाम, तो चार शिक्षक को किया सस्पेंड

अशोकनगर. ग्राम टकनेरी के प्राइमरी स्कूल में पांचवीं के बच्चे अपना नाम तक नहीं लिख पाए। शिक्षा की गुणवत्ता को देखकर कलेक्टर ने नाराजगी जताई और शिक्षकों पर कार्रवाई के आदेश दिए। इस पर डीईओ आरएस निम ने चार शिक्षकों को निलंबित कर दिया। वहीं रांवसर में जिपं सीईओ ने सात शिक्षकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

अतिथि शिक्षकों का पूर्व विधायक ने किया समर्थन, मांगों को बताया सही

नियमितीकरण की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों की हड़ताल 10वें दिन शुक्रवार को भी चली। मांग को लेकर धरने पर बैठे अतिथियों से मिलने कांग्रेस की पूर्व विधायक चंद्रभागा किराड़े बीईओ कार्यालय धरनास्थल पहुंची। उन्होंने अतिथि शिक्षकों की मांगों का समर्थन किया।

अतिथि शिक्षकों ने निकाली तिरंगा रैली

रतलाम | संविदा शिक्षक का दर्जा देने की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों की हड़ताल शनिवार को भी जारी रही। कालिकामाता मंदिर परिसर में धरने पर बैठे अतिथि शिक्षकों ने एकत्रित होकर तिरंगा रैली निकाली।

825 स्कूल, 958 पंजीयन, पढ़ाने पहुंचे 1598 वालेंटियर्स, शिक्षक

जिले की 825 प्रायमरी और मिडिल स्कूलों में मिल बांचें कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिन शिक्षक बनकर पढ़ाने के लिए 958 अधिकारी, कर्मचारी व वालेंटियर्स के पंजीयन हुए थे। शनिवार को इन स्कूलों में 1598 लोग अतिथि शिक्षक बनकर ज्ञान और अनुभव साझा करने पहुंचे।

बच्चों से पूछा, टीचर क्यों बनना है तो जवाब मिला- पढ़ाना है नहीं, सोना है या गप्पें लड़ाना, सैलरी भी मुफ्त मिलती है

अक्सर स्कूल जाने वाले बच्चों से पूछा जाता है कि बड़े होकर क्या बनोगे? मसलन, बच्चे जवाब देते हैं कि उन्हें डॉक्टर बनना है, इंजीनियर बनना है, पायलट बनना है, टीचर बनना है या कुछ और बनना है।

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