इंदौर. कई स्कूलों में कम्प्यूटर नहीं है,
विद्यार्थियों की उपस्थिति आधे से भी कम रहती है, शिक्षक व प्राचार्य ही
गायब हैं, प्रयोगशाला में उपकरण नहीं हैं, अतिथि शिक्षक रखे नहीं जा रहे,
ज्यादातर स्कूलों में खेल मैदान भी नहीं हैं।
रिपोर्ट में तमाम खामियों को उजागर किया गया
सरकारी स्कूलों की दशा बताती ये रिपोर्ट शिक्षा विभाग के उप संचालक ने तैयार की है और इसे आयुक्त लोक शिक्षण को भोपाल भेजा है। मालूम हो, उप संचालक रामेश्वर खेड़े ने जुलाई में इंदौर समेत संभाग के 10 स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था। रिपोर्ट में तमाम खामियों को उजागर किया गया है। इन खामियों का असर शैक्षणिक गुणवत्ता पर पड़ रहा है।
110 में से सिर्फ 50 उपस्थित
शासकीय हाईस्कूल स्कीम नंबर-74 की रिपोर्ट देखें तो उसमें 9वीं व 10वीं में 110 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है, जिसमें 50 उपस्थित पाए गए। यहां किसी भी विषय का कोई विशेषज्ञ शिक्षक नहीं है। प्राचार्य विदेश यात्रा पर गए हैं, शैक्षणिक गुणवत्ता एवं परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई है। स्कूल में खेल मैदान है ही नहीं। यहां के बच्चों का शैक्षणिक स्तर कमजोर है।
कुल 17 पद, 13 शिक्षक
हायर सेकंडरी स्कूल बलवाड़ा में ९वीं से लेकर 12वीं तक करीब 400 विद्यार्थी हैं। इसमें से निरीक्षण के दिन ५० फीसदी से कम उपस्थिति मिली। 17 शिक्षक पदों के मुकाबले १३ शिक्षक पदस्थ हैं। रेमेडियल कक्षाओं की परीक्षा नहीं हुई। त्रैमासिक परीक्षा भी नहीं कराई गई। खेल गतिविधियां, बाल सभा, पेयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं मिली। स्कूल में कम्प्यूटर या इंटरनेट की सुविधा नहीं है।
कई स्कूलों की स्थिति बेहद खराब
हमने हर स्तर पर स्कूलों का निरीक्षण किया। कई स्कूलों की स्थिति बेहद खराब है। शिक्षक नहीं हैं, लैब की स्थिति खराब है। खेल के मैदान नहीं हैं। रिपोर्ट भोपाल भेज दी है। दौरे में कुछ ही स्कूलों का परफार्मेंस संतोषजनक मिला।
रामेश्वर खेड़े, जांच अधिकारी व उप संचालक
रिपोर्ट में तमाम खामियों को उजागर किया गया
सरकारी स्कूलों की दशा बताती ये रिपोर्ट शिक्षा विभाग के उप संचालक ने तैयार की है और इसे आयुक्त लोक शिक्षण को भोपाल भेजा है। मालूम हो, उप संचालक रामेश्वर खेड़े ने जुलाई में इंदौर समेत संभाग के 10 स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था। रिपोर्ट में तमाम खामियों को उजागर किया गया है। इन खामियों का असर शैक्षणिक गुणवत्ता पर पड़ रहा है।
110 में से सिर्फ 50 उपस्थित
शासकीय हाईस्कूल स्कीम नंबर-74 की रिपोर्ट देखें तो उसमें 9वीं व 10वीं में 110 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है, जिसमें 50 उपस्थित पाए गए। यहां किसी भी विषय का कोई विशेषज्ञ शिक्षक नहीं है। प्राचार्य विदेश यात्रा पर गए हैं, शैक्षणिक गुणवत्ता एवं परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई है। स्कूल में खेल मैदान है ही नहीं। यहां के बच्चों का शैक्षणिक स्तर कमजोर है।
कुल 17 पद, 13 शिक्षक
हायर सेकंडरी स्कूल बलवाड़ा में ९वीं से लेकर 12वीं तक करीब 400 विद्यार्थी हैं। इसमें से निरीक्षण के दिन ५० फीसदी से कम उपस्थिति मिली। 17 शिक्षक पदों के मुकाबले १३ शिक्षक पदस्थ हैं। रेमेडियल कक्षाओं की परीक्षा नहीं हुई। त्रैमासिक परीक्षा भी नहीं कराई गई। खेल गतिविधियां, बाल सभा, पेयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं मिली। स्कूल में कम्प्यूटर या इंटरनेट की सुविधा नहीं है।
कई स्कूलों की स्थिति बेहद खराब
हमने हर स्तर पर स्कूलों का निरीक्षण किया। कई स्कूलों की स्थिति बेहद खराब है। शिक्षक नहीं हैं, लैब की स्थिति खराब है। खेल के मैदान नहीं हैं। रिपोर्ट भोपाल भेज दी है। दौरे में कुछ ही स्कूलों का परफार्मेंस संतोषजनक मिला।
रामेश्वर खेड़े, जांच अधिकारी व उप संचालक