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गड़बड़ सूची पर कराई च्वाइस फिलिंग, जिम्मेदार बोले : यदि गलत तरीके से अतिशेष हुए तो कलेक्टर के पास करो अपील

दो वर्षों में भी पूरी नहीं हो सकी अतिशेष शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया, शिक्षकों के साथ पढ़ाई नहीं होने से विद्यार्थी भी परेशान।

2015 के आंकड़ों के आधार पर किए अतिशेष, कलेक्टर के पास शिकायत लेकर पहुंच रहे अध्यापक
सचित्र आरएजे 05 राजगढ़। अब कलेक्टर कार्यालय में पहुंच रही अध्यापकों की शिकायतें।
राजगढ़ । नवदुनिया प्रतिनिधि
जिले में पिछले दो वर्षों से चल रही अतिशेष शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया अभी भी पूरी होती नजर नहीं आ रही है। जिला शिक्षा विभाग दो-तीन बार अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी कर चुका है, लेकिन हर बार सूची में भारी विसंगतियों के चलते शिक्षकों की शिकायतें बरकरार हैं। पिछले दिनों जारी की गई सूची में भी भारी गड़बड़ियों के बावजूद विभाग अब अध्यापकों की शिकायतें सुने बिना ही च्वाइस फिलिंग कराई गई है। जिला शिक्षाधिकारी कह रहे हैं कि यदि गलत तरीके से कोई अतिशेष हुए हैं, तो कलेक्टर के समक्ष अपील कर सकते हैं। च्वाइस फिलिंग के लिए शिक्षकों को 8 अगस्त तक का समय दिया गया था।
अब शिक्षक कलेक्टर के यहां शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं। इधर अतिशेष अंतिम सूची प्रकाशन एवं शिक्षकों के स्थानांतरण आदेश में हो रही लेटलतीफी का खामियाजा विद्यार्थी भी भुगत रहे हैं। शिक्षक विहीन एवं कम शिक्षकों वाली शालाओं में समय पर कोर्स पूरा होने पर अब संशय पैदा होने लगा है। खुद शिक्षा विभाग के जिम्मेदार भी यह नहीं बता पा रहे हैं कि पिछले दो वर्षों से चल रही अतिशेष की प्रक्रिया पूरी होने में आखिर कितना वक्त और लगेगा। जिले में प्रारंभिक दौर में प्रावि मे 749 एवं मावि में 229 शिक्षक अतिशेष शिक्षक बताए गए थे।
अतिथि शिक्षकों की भर्ती में भी संशय
विभागीय निर्देशों के अनुसार स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन 15 अगस्त तक लिए जा रहे हैं। इसके बाद चयन प्रक्रिया अपनाई जाना है। खास बात यह कि जब तक अतिशेष मामलों का निराकरण नहीं हो जाता तब तक अतिथि शिक्षकों की भर्ती भी नहीं हो सकेगी। शिकायत लेकर पहुंचे कलेक्टर के पास
सारंगपुर तहसील के शाप्रावि दराना में वर्ष 2015 के आंकड़ों के आधार पर सहायक अध्यापक दुर्गाप्रसाद भिलाला को अतिशेष कर दिया गया। जानकारी देते हुए भिलाला ने बताया कि वर्ष 2015 में विद्यालय में 46 बच्चे दर्ज थे। इस मान से दो शिक्षकों की यहां आवश्यकता थी। इसी आधार पर उन्हें अतिशेष कर दिया गया। वर्तमान में 67 बच्चे दर्ज हैं। इस मान से विद्यालय में तीन शिक्षक पदस्थ है। अब वह अतिशेष की पात्रता में नहीं आ रहे फिर भी विभाग उन्हें अतिशेष मान रहा है। मामले की अपील कलेक्टर को की गई है।
च्वाइस फिलिंग को लेकर सहायक अध्यापकों की फजीहत
जिले के माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थ सहायक अध्यापकों नियमानुसार प्राथमिक शालाओं में पदस्थी रहना चाहिए, ऐसे में मावि में पदस्थ अतिशेष सहायक अध्यापक च्वाइस फिलिंग करने में पोर्टल पर विकल्प नहीं खुलने से दिनरात उलझे रहे। मामले में डीपीसी से लेकर भोपाल तक शिकायत के बाद च्वाइस फिलिंग के अंतिम दिन 8 अगस्त की रात में सफलता मिली। हालांकि अंतिम तिथि निकलने के बाद गुरुवार तक च्वाइस फिलिंग की जाती रही।
बच्चे भी बता चुके हैं कलेक्टर को पीड़ा
जिले की शिक्षक विहीन 26 शालाओं के बच्चे शिक्षकों के आने की बाट जोह रहे हैं। शिक्षकों के अभाव में परेशान बच्चों का भविष्य संकट में है। प्रावि हरिपुरा जागीर एवं खिलचीपुर ब्लॉक के परसपुरा के बच्चे कलेक्टर को अपनी पीड़ाएं बता चुके हैं। हरिपुरा जागीर के बीरम, कौशल्या, संतरा, कालूराम आदि ने बताया कि विद्यालय में एक शिक्षक है, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं परसपुरा के बच्चों का कहना था कि 1 से 8 तक 300 विद्यार्थी हैं, लेकिन दुर्भाग्य से पढ़ाने वाला कोई नहीं है।
हम कोर्ट में प्रकरण दर्ज कर जांच करेंगे
सीधे हमारे पास अभी शिकायत नहीं आई है। जनसुनवाई में आई शिकायतों की हमने क्रॉस जांच के आदेश दिए हैं। यदि शिक्षकों को गलत तरीके से अतिशेष किया गया है तो संबंधित कार्यालय में आकर रीडर से मिलकर शिकायत दर्ज कराएं, हम कोर्ट में प्रकरण दर्ज कर जांच करेंगे।
कर्मवीर शर्मा, कलेक्टर राजगढ़।

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