Advertisement

मृत शिक्षक अतिशेष सूची में शामिल, रिटायर्ड से भी मांगी फिलिंग चॉइस

भास्कर संवाददाता, मुरैना जिस शिक्षक की एक साल पहले मृत्यु हो गई उस शिक्षक को शिक्षा विभाग ने अतिशेष सूची में शामिल कर लिया है और उन्हें बाकायदा फिलिंग चॉइस का आमंत्रण भी मिला है। हाल ही में जारी हुई अतिशेष सूची में यह इकलौती विसंगति नहीं बल्कि शिक्षा विभाग की ऐसी ही तमाम गलतियां हर किसी को चौकने पर मजबूर कर रही है।


रूंध का पुरा प्राथमिक विद्यालय में हेडमास्टर रहे राजेन्द्र सिलावट की मृत्यु तकरीबन एक साल पहले हो गई थी। लेकिन इस बार जारी हुई सूची में उन्हें स्कूल में अतिरिक्त मानकर स्थानांतरण के लिए चुना गया है। इनके अलावा रिटायर्ड शिक्षक भोगीराम जाटव का नाम भी अतिशेष सूची में शामिल है। भोगीराम जाटव 31 मई 2017 को शामावि खांद का पुरा स्कूल से रिटायर हो गए थे। एक और शिक्षक श्रीकृष्ण परमार जो कि संस्कृत माध्यमिक विद्यालय में थे लेकिन उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया बावजूद उसके शिक्षा विभाग उन्हें नौकरी में मानते हुए अतिशेष सूची में शामिल किए बैठा है। चौंकाने वाली यह विसंगति साफ नजर आ रही हैं बावजूद इसके शिक्षकों की जायज आपत्तियों को मानने से शिक्षा विभाग के आला अफसर इंकार कर रहे हैं।

शिक्षा विभाग में पदस्थ कुछ कर्मचारियों ने विषय बदलकर कुछ शिक्षकों का बचाव कर लिया है उनके स्थान पर अन्य शिक्षकों को अतिशेष मान लिया है। एक शिक्षक अरूण जैन को विज्ञान विषय का बताकर बचाया गया है जबकि यह गणित के हैं। वहीं नं.6 स्कूल के शिक्षक राजीव पाठक संस्कृत विषय का बताकर सूची में शामिल कर लिया गया है जबकि वह सामाजिक विज्ञान विषय से ताल्लुक रखते हैं।

अतिशेष सूची में सीनियर शिक्षक को शामिल होना चाहिए लेकिन खनपुरा प्राथमिक विद्यालय में मनोज शर्मा सहायक शिक्षक जो कि सीनियर हैं उन्हें प्रभावित नहीं किया गया है। यहीं के जितेन्द्र मीणा सहायक शिक्षक जो कि जूनियर हैं उन्हें सरप्लस सूची में शामिल किया गया है जो गलत है।

हेड मास्टर की मृत्यु एक साल पहले हो चुकी है

निगम बने ढाई साल बीते फिर भी नगर पालिका सीमा के आधार पर बना दी सूची

मुरैना नगरपालिका को नगरनिगम में तब्दील हुए ढाई साल हो चुके हैं लेकिन अतिशेष सूची के मामले में नगरपालिका क्षेत्र को ही शहरी क्षेत्र माना जा रहा है। इससे शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। कारण यह है कि नगरीय निकाय क्षेत्र में तैनात शिक्षक का स्थानांतरण नगरीय क्षेत्र में ही किया जा सकता है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक का स्थानांतरण कहीं भी कर दिया जाता है। नगरनिगम में कई गांव जुड़ गए हैं लेकिन इस सीमा शहर क्षेत्र नहीं माना जा रहा है। इसीलिए सूची में वे नाम भी शामिल हो गए जो नहीं होन चाहिए थे।

UPTET news

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Facebook