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कलेक्टर बंगले के सामने धरने पर बैठे अतिथि शिक्षक, अधिकारी बोले-नेतागिरी क्यों कर रहे हो

खरगोन. सरकारी स्कूलों में कम वेतन पर बच्चों को शिक्षा देने वाले अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। विगत १० वर्षों से स्कूलों में पढ़ाने के बाद भी अतिथि शिक्षकों को हर साल अपनी योग्यता साबित करना पड़ती है। इसके चलते अतिथि शिक्षकों में रोष देखा गया।
ऑनलाइन पंजीयन का प्रक्रिया का विरोध करते हुए शनिवार को अतिथि शिक्षक खरगोन में इकट्ठा हुए। ये कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा से मिलने की जिद करने लगे। कार्यालय में कलेक्टर के नहीं मिलने पर अतिथि शिक्षक कलेक्टर के बंगले पर जा धमके। कलेक्टर ने मिलने से इनकार करते हुए गार्ड के हाथ सूचना भेजी की चर्चा सोमवार को होगी। इससे नाराज अतिथि शिक्षक कलेक्टर बंगले के बाहर ही सड़क पर धरना देकर बैठ गए। करीब 20 मिनट तक अतिथि धरने पर बैठे रहे। विरोध करने वालों में कई महिला शिक्षिकाएं भी थी, जो बच्चों को लेकर पहुंची थी। इस दौरान सहायक आयुक्त शकुंतला डामोर अतिथियों से बात करेे, बगैर कलेक्टर से मिलने चली गई।

अधिकारी ने आकर लगाई फटकार

अतिथि शिक्षकों के धरने की सूचना मिलने आदिवासी विकास विभाग के सहायक संचालक अजय शर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने आते ही शिक्षकों को फटकार लगाना शुरू कर दी। शर्मा बोले- आप के विरोध का तरीका गलत है, कोई समस्या है, तो कार्यालय आना चाहिए। अफसरों के बंगले के सामने बैठना शोभा नहीं देता। यहां काफी देर बहस भी हुई। अतिथि बोलने लगे, तो सहायक संचालक ने उन्हें टोकते हुए कहा कि नेतागिरी मत करो और जो भी बात करना है कार्यालय आकर करे। इसके बाद अतिथियों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।

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