स्कूल खुले डेढ़ महीने से अधिक समय बीत गया है लेकिन अध्यापन के लिए
शिक्षकों की व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है। आलम है कि अतिशेष शिक्षकों को
एकल शिक्षक स्कूलों में पदस्थ करने की जो प्रक्रिया शिक्षा विभाग ने अपनाई
है वह युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षक व शिक्षिकाओं को समझ नहीं आ रही
है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने जिले के 942 अतिशेष शिक्षकों की सूची गुरुवार को देर शाम जारी कर दी। शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सूची का अवलोकन किया गया तो उसमें मिडिल स्कूल के 385 व प्राइमरी स्कूल के 557 शिक्षक-शिक्षिकाओं को अतिशेष माना गया है। मिडिल स्कूल के अतिशेष शिक्षकों की सूची विषयवार शिक्षकों पर आधारित है। जिसमें सामजिक विज्ञान विषय के शिक्षकों की संख्या कहीं अधिक है। अतिशेष शिक्षकों की जारी की गई सूची के कॉलम अंग्रेजी भाषा में इतने क्लिष्ट लिखे गए हैं कि उन्हें प्राइमरी व मिडिल स्कूल में सेवारत शिक्षक समझ नहीं पा रहे हैं। सूची जारी होने की सूचना पाकर कई शिक्षक व शिक्षिकाएं स्कूल समय में ही डीईओ कार्यालय जा पहुंचे और उन्होंने कहा कि एजुकेशन पोर्टल पर सूची ओपन नहीं हो रही है। इस आलम में वे अपनी पोस्टिंग के लिए स्कूलों के नाम की ‘वाइस कैसे लोड करें। वहीं मार्केट में भी एजुकेशन पोर्टल ओपन नहीं हो रहा है।
आठ अगस्त तक देना होगी शिक्षकों की च्वाइस
आयुक्त लोक शिक्षक नीरज दुबे ने आदेश जारी किए हैं कि अतिशेष शिक्षकों की सूची में जिन शिक्षकों के नाम दर्ज हैं उन्हें नई पोस्टिंग के लिए आठ अगस्त की शाम पांच बजे तक अपनी च्वाइस देना होगी। इसके लिए 20 स्कूलों की सूची एजुकेशन पोर्टल पर लोड की गई है। 20 में से जिस स्कूल में शिक्षक-शिक्षिका अपनी पोस्टिंग चाहते हैं उनका जिक्र वरीयता क्रम में करें। च्वाइस फिलिंग के बाद भोपाल से ही पदस्थापना आदेश जारी होंगे।
कहां, कितने पद खाली किसी को पता नहीं
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जिले
के 556 मिडिल व 1810 प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के कितने पद खाली हैं।
इसकी जानकारी अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी होने तक जिला शिक्षा कार्यालय
में उपलब्ध नहीं है।
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मिडिल
स्कूल में विषयवार शिक्षकों के पद रिक्त हैं लेकिन कहां, कितने खाली हैं
इसकी कोई जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी के पास उपलब्ध नहीं हैं।
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इससे
जाहिर है कि अतिशेष शिक्षकों की पोस्टिंग के मामले में जो भी प्रक्रिया चल
रही है वह रिकार्ड नहीं बल्कि आंकलन के आधार पर चल रही है।
जिला शिक्षा अिधकारी कार्यालय में नहीं हेल्प डेस्क
मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष डा.नरेश सिंह सिकरवार ने कहा है कि अतिशेष शिक्षकों की जो सूची पोर्टल पर डाली गई है वह क्लिष्ट होने के कारण शिक्षा विभाग के अफसर व कर्मचारियों की समझ में नहीं आ रही है। उस हाल में टीचर उसे आसानी से कैसे समझ सकेंगे। व्यवस्था यह होना चाहिए थी कि जिला शिक्षा कार्यालय में शुक्रवार से एक हेल्प डेस्क शुरू होती जिसके माध्यम से अतिशेष शिक्षकों की शंका के समाधान किए जाते।
अतिथि शिक्षकों के लिए ऑनलाइन पंजीयन 15 से
जिन स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना के बाद भी शिक्षकों की कमी रह जाती है वहां अध्यापन के लिए अतिथि शिक्षक रखे जाएंगे। इसके लिए आयुक्त लोक शिक्षण ने 15 अगस्त से ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया शुरू करने के आदेश जारी किए हैं। अतिथि शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन 20 से 25 अगस्त तक हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल में कराया जा सकेगा। 30 अगस्त तक स्कूल बार या विषयवार अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना सूची जारी की जाएगी। तब जाकर एक सितंबर से क्लास लगने की स्थिति बनेगी।
स्कूल शिक्षा विभाग ने जिले के 942 अतिशेष शिक्षकों की सूची गुरुवार को देर शाम जारी कर दी। शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सूची का अवलोकन किया गया तो उसमें मिडिल स्कूल के 385 व प्राइमरी स्कूल के 557 शिक्षक-शिक्षिकाओं को अतिशेष माना गया है। मिडिल स्कूल के अतिशेष शिक्षकों की सूची विषयवार शिक्षकों पर आधारित है। जिसमें सामजिक विज्ञान विषय के शिक्षकों की संख्या कहीं अधिक है। अतिशेष शिक्षकों की जारी की गई सूची के कॉलम अंग्रेजी भाषा में इतने क्लिष्ट लिखे गए हैं कि उन्हें प्राइमरी व मिडिल स्कूल में सेवारत शिक्षक समझ नहीं पा रहे हैं। सूची जारी होने की सूचना पाकर कई शिक्षक व शिक्षिकाएं स्कूल समय में ही डीईओ कार्यालय जा पहुंचे और उन्होंने कहा कि एजुकेशन पोर्टल पर सूची ओपन नहीं हो रही है। इस आलम में वे अपनी पोस्टिंग के लिए स्कूलों के नाम की ‘वाइस कैसे लोड करें। वहीं मार्केट में भी एजुकेशन पोर्टल ओपन नहीं हो रहा है।
आठ अगस्त तक देना होगी शिक्षकों की च्वाइस
आयुक्त लोक शिक्षक नीरज दुबे ने आदेश जारी किए हैं कि अतिशेष शिक्षकों की सूची में जिन शिक्षकों के नाम दर्ज हैं उन्हें नई पोस्टिंग के लिए आठ अगस्त की शाम पांच बजे तक अपनी च्वाइस देना होगी। इसके लिए 20 स्कूलों की सूची एजुकेशन पोर्टल पर लोड की गई है। 20 में से जिस स्कूल में शिक्षक-शिक्षिका अपनी पोस्टिंग चाहते हैं उनका जिक्र वरीयता क्रम में करें। च्वाइस फिलिंग के बाद भोपाल से ही पदस्थापना आदेश जारी होंगे।
कहां, कितने पद खाली किसी को पता नहीं

जिले
के 556 मिडिल व 1810 प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के कितने पद खाली हैं।
इसकी जानकारी अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी होने तक जिला शिक्षा कार्यालय
में उपलब्ध नहीं है। 
मिडिल
स्कूल में विषयवार शिक्षकों के पद रिक्त हैं लेकिन कहां, कितने खाली हैं
इसकी कोई जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी के पास उपलब्ध नहीं हैं। 
इससे
जाहिर है कि अतिशेष शिक्षकों की पोस्टिंग के मामले में जो भी प्रक्रिया चल
रही है वह रिकार्ड नहीं बल्कि आंकलन के आधार पर चल रही है। जिला शिक्षा अिधकारी कार्यालय में नहीं हेल्प डेस्क
मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष डा.नरेश सिंह सिकरवार ने कहा है कि अतिशेष शिक्षकों की जो सूची पोर्टल पर डाली गई है वह क्लिष्ट होने के कारण शिक्षा विभाग के अफसर व कर्मचारियों की समझ में नहीं आ रही है। उस हाल में टीचर उसे आसानी से कैसे समझ सकेंगे। व्यवस्था यह होना चाहिए थी कि जिला शिक्षा कार्यालय में शुक्रवार से एक हेल्प डेस्क शुरू होती जिसके माध्यम से अतिशेष शिक्षकों की शंका के समाधान किए जाते।
अतिथि शिक्षकों के लिए ऑनलाइन पंजीयन 15 से
जिन स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना के बाद भी शिक्षकों की कमी रह जाती है वहां अध्यापन के लिए अतिथि शिक्षक रखे जाएंगे। इसके लिए आयुक्त लोक शिक्षण ने 15 अगस्त से ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया शुरू करने के आदेश जारी किए हैं। अतिथि शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन 20 से 25 अगस्त तक हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल में कराया जा सकेगा। 30 अगस्त तक स्कूल बार या विषयवार अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना सूची जारी की जाएगी। तब जाकर एक सितंबर से क्लास लगने की स्थिति बनेगी।